भीड़ का कोई धर्म नहीं होता, न ही होती है कोई जाति और नस्ल

मार्टिन नीम्वैलर (1892-1984) ने जर्मनी में नाज़ी शासन के अंतिम 7 साल यातना शिविरों में बिताए, वे पेशे से प्रोटेस्टेंट…