Wednesday, April 24, 2024

जयसिंह रावत

हल्द्वानी के निकट दंगों का प्रशिक्षण: राज्य सरकार की मौन सहमति

नैनीताल जिले की कालाढुंगी में आगामी 22 मई से बजरंगदल का शौर्य प्रशिक्षण वर्ग (शिविर) आयोजित होने जा रहा है जिसकी अनुमति 20 मई तक आयोजकों द्वारा प्रशासन से नहीं ली गयी थी, जबकि उस शिविर में युवाओं को...

मोदी-शाह का अगला निशाना 1937 का शरीयत कानून

उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में सम्पन्न विधानसभा के चुनाव में जब राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने की घोषणा की तो लग रहा था कि उन्होंने गलतफहमी में मतदाताओं को रिझाने के लिये...

पलायन की मार्मिक दास्तानों से भरा पड़ा है पहाड़

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ का अपने जन्म स्थान पंचूर आ कर माता का आशिर्वाद लेना सदियों पहले सन्यासी बने राजा गोपीचन्द के लुप्त हो रहे भजन को पुनर्जीवित करने के साथ ही पहाड़ के पलायन की...

पुण्यतिथि पर विशेष: क्या भक्त दर्शन जैसा कोई आदर्शवादी नेता पैदा होगा उत्तराखण्ड में

उत्तराखण्ड के महान राजनेता, लेखक, पत्रकार और चिन्तक डॉ. भक्त दर्शन के व्यक्तित्व और उनके कृतित्व पर अगर हम विस्तार से प्रकाश डालें तो आज के अवसरवादी, पदलोलुप, जातिवादी और साम्प्रदायिकतवादी राजनीतिक महौल को देख कर नयी पीढ़ी को...

उत्तराखण्ड विधानसभा चुनाव में करोड़पति और आपराधिक पृष्ठभूमि के प्रत्याशी ज्यादा पसंद आये

उत्तराखण्ड को आज सरकार से ज्यादा प्रदेश का राजनीतिक माहौल बदलने की जरूरत है। क्योंकि पहले तो लोगों की मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था के प्रति रुचि घट रही है। मौजूदा विधानसभा के सदस्यों ने कुल मतदाताओं के 31 प्रतिशत का...

जन्मभूमि से दूरी के बावजूद पहाडि़यों के दिलों के करीब रहे हेमवती नन्दन बहुगुणा

हिमालय पुत्र हेमवती नन्दन बहुगुणा का व्यक्तित्व इतना विराट था कि वह अपने कृतित्वों के कारण अपनी जन्मभूमि उत्तराखण्ड और कर्मभूमि उत्तर प्रदेश की सीमाओं से भी बाहर देशभर में याद किये जाते रहे। एक समय ऐसा भी था...

पेशावर काण्ड के बहादुर गढ़वालियों का कोई नामलेवा नहीं

विश्व में शायद ही कोई ऐसा सैन्य विद्रोह हुआ हो जिसमें विद्रोही सैनिकों द्वारा हथियार उठाने के बजाय हथियार गिरा दिये गए हों। ऐसी मिसाल गढ़वाली सैनिकों ने पेशावर में 23 अप्रैल 1930 को पेश की थी। यही नहीं...

जलकर खाक हो रहे हैं उत्तराखंड के जंगल

’’जब रोम जल रहा था, तो नीरो सुख और चैन की बाँसुरी बजा रहा था।’’ यह कहावत रोमन सम्राट नीरो के बारे में मशहूर है। लेकिन वर्तमान में यह कहावत उत्तराखण्ड पर चरितार्थ हो रही है, जहां जंगल की...

दो राहे पर प्रीतम सिंह, जायें तो जायें कहा?

राजनीति की एक अजीब सी दुनिया है जहां न तो कोई किसी का स्थायी दोस्त होता है और न ही स्थायी दुश्मन। अब तो राजनीति में कोई स्थाई ठिकाना भी नहीं रह गया है। घर का रखवाला घर को...

नये पदाधिकारियों को लेकर उत्तराखण्ड कांग्रेस में विद्रोह की नौबत 

नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा के बाद उत्तराखण्ड कांग्रेस की रार थमने के बजाय बढ़ती जा रही है। ताजा विद्रोह के चलते पार्टी में 2016 के घटनाक्रम की पुनारावृत्ति की नौबत आ गयी है। समझा जाता है...

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स्मृति शेष: सत्यजीत राय- वह जीनियस फ़िल्मकार जिसने पहली फिल्म से इतिहास रचा

सत्यजित राय देश के ऐसे फ़िल्मकार हैं, जिनकी पहली ही फ़िल्म से उन्हें एक दुनियावी शिनाख़्त और बेशुमार शोहरत...