हंसाते हुए संजीदा कर देने वाले शायर अकबर इलाहाबादी

दबंग फिल्म में सलमान खान का dialogue आपने सुना होगा ‘मैं दिल में आता हूं समझ में नहीं’। गुलाम अली…

पुण्यतिथि पर विशेषः इस्मत चुग़ताई को कुर्रतुल ऐन हैदर ने कहा था, ‘लेडी चंगेज़ खां’

उर्दू मॉडर्न कहानी के चार स्तंभ रहे हैं। कृश्न चन्दर, राजिंदर सिंह बेदी और सआदत हसन मंटो। चौथा कंधा जनाना…

जन्मदिन पर विशेषः मजाज़ की शायरी में रबाब भी है और इंक़लाब भी

एक कैफ़ियत होती है प्यार। आगे बढ़कर मुहब्बत बनती है। ला-हद होकर इश्क़ हो जाती है। फिर जुनून और बेहद…

जयंती पर विशेष: निदा ने मुल्क के लिए छोड़ दिया था मां-बाप को

दोहा जो किसी समय सूरदास, तुलसीदास, मीरा के होंठों से गुनगुना कर लोक जीवन का हिस्सा बना, हमें हिंदी पाठ्यक्रम…