लोकतंत्र की राह में कमजोर किंतु समझदार आवाजों को सुनना चाहिए  

मैं पिछले करीब एक महीने से हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में रह रहा हूं। हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से शिमला में रहने वाले कई…

प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की 167वीं वर्षगांठ: 1857 का विद्रोह, ‘झंडा सलामी गीत’ और राष्ट्रीयता का विचार

ब्रिटिश शासकों, इतिहासकारों, अध्येताओं, लेखकों, लोकगीतकारों ने 10 मई 1857 को मेरठ से शुरू हुए सिपाही विद्रोह को कई नामों से…

राष्ट्रीय संसाधन और मुसलमान: सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के आईने में  

चुनाव के मौसम में भाजपा और कांग्रेस के बीच बहस चल रही है कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार…

‘ऐ वतन मेरे वतन’ का संदेश

हम दिल्ली के कुछ साथी ‘समाजवादी मंच’ के तत्वावधान में अल्लाह बख्श की याद में एक सालाना कार्यक्रम करते थे।…

किसान आंदोलन: गिरावट का द्योतक है सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष का पत्र  

क्या हम एक सजग और संवेदनशील नागरिक समाज न रह कर पार्टियों, नेताओं और सरकारों के भोंपू बन कर रह गए हैं? हम जिस…

विपक्ष की विफलता विकल्प की विफलता नहीं है

करीब 15 दिन पहले मैंने एक वरिष्ठ पत्रकार मित्र से कहा कि लोकसभा चुनाव को दो महीने भी शेष नहीं बचे हैं,…

कर्पूरी ठाकुर को भारत-रत्न: अनुप्रतीकों का राजनीतिक इस्तेमाल    

कर्पूरी ठाकुर (24 जनवरी 1924–17 फरवरी 1988) के जन्मशती वर्ष के अवसर पर जनवरी 2023 से लेकर अभी तक अलग-अलग…

‘मर्यादा पुरुषोत्तम’ के मुकाबले ‘लीला-पुरुष’ की प्राण-प्रतिष्ठा

विश्वास नहीं था भाई लोग ऐसा रंग जमा देंगे। रकम पानी की तरह बहा देंगे। पग-पग पर मोदी की छाप लगा देंगे। रामलला…

इंडिया गठबंधन जनता का वोट तो चाहता है लेकिन उसे सोचने का वक्त नहीं देना चाहता

यह लेख मेरे पिछले तीन लेखों– ‘तीसरे मोर्चे की प्रासंगिकता’ (मई 2014 ), ‘लोकसभा चुनाव 2019: विपक्षी एकता के लिए…

फिलिस्तीन-इजराइल संघर्ष: समाधान का गांधीवादी रास्ता

करीब एक शताब्दी पुराने फिलिस्तीन–इजराइल संघर्ष को लेकर पक्ष-पोषण और विश्लेषण का काम पिछले 75 सालों में बहुत हो चुका है। अब…