Author: प्रेम सिंह
प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की 167वीं वर्षगांठ: 1857 का विद्रोह, ‘झंडा सलामी गीत’ और राष्ट्रीयता का विचार
ब्रिटिश शासकों, इतिहासकारों, अध्येताओं, लेखकों, लोकगीतकारों ने 10 मई 1857 को मेरठ से शुरू हुए सिपाही विद्रोह को कई नामों से अभिहित किया है। नोमन्क्लेचर की [more…]
राष्ट्रीय संसाधन और मुसलमान: सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के आईने में
चुनाव के मौसम में भाजपा और कांग्रेस के बीच बहस चल रही है कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार किसका है? आजकल नरेंद्र मोदी [more…]
किसान आंदोलन: गिरावट का द्योतक है सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष का पत्र
क्या हम एक सजग और संवेदनशील नागरिक समाज न रह कर पार्टियों, नेताओं और सरकारों के भोंपू बन कर रह गए हैं? हम जिस भी पेशे में हैं, क्या [more…]
विपक्ष की विफलता विकल्प की विफलता नहीं है
करीब 15 दिन पहले मैंने एक वरिष्ठ पत्रकार मित्र से कहा कि लोकसभा चुनाव को दो महीने भी शेष नहीं बचे हैं, राहुल गांधी तफरीह करते घूम रहे हैं। [more…]
कर्पूरी ठाकुर को भारत-रत्न: अनुप्रतीकों का राजनीतिक इस्तेमाल
कर्पूरी ठाकुर (24 जनवरी 1924–17 फरवरी 1988) के जन्मशती वर्ष के अवसर पर जनवरी 2023 से लेकर अभी तक अलग-अलग जगहों पर काफी कार्यक्रम होते [more…]
‘मर्यादा पुरुषोत्तम’ के मुकाबले ‘लीला-पुरुष’ की प्राण-प्रतिष्ठा
विश्वास नहीं था भाई लोग ऐसा रंग जमा देंगे। रकम पानी की तरह बहा देंगे। पग-पग पर मोदी की छाप लगा देंगे। रामलला की उंगली उन्हें थमा देंगे। कल्पना [more…]
इंडिया गठबंधन जनता का वोट तो चाहता है लेकिन उसे सोचने का वक्त नहीं देना चाहता
यह लेख मेरे पिछले तीन लेखों– ‘तीसरे मोर्चे की प्रासंगिकता’ (मई 2014 ), ‘लोकसभा चुनाव 2019: विपक्षी एकता के लिए एक नजरिया– एक’ (जून 2018), [more…]
फिलिस्तीन-इजराइल संघर्ष: समाधान का गांधीवादी रास्ता
करीब एक शताब्दी पुराने फिलिस्तीन–इजराइल संघर्ष को लेकर पक्ष-पोषण और विश्लेषण का काम पिछले 75 सालों में बहुत हो चुका है। अब उसके स्थायी समाधान की जरूरत [more…]
फिलिस्तीन में बच्चों की हत्या आधुनिक सभ्यता का सबसे गहरा संकट
फिलिस्तीन-इजराइल संघर्ष का फिलहाल जारी मंजर ब्रेख्त के महाकाव्यात्मक रंगमंच (एपिक थिएटर) की तरह लगता है, जहां दुनिया-भर में फैली जगहों (लोकेशंस) पर मानव-क्रूरता और [more…]