जन्मदिवस पर विशेष : प्रेमचंद का साहित्य ही बन गया था आज़ादी की लड़ाई की मशाल
इतिहास के जिस दौर में प्रेमचंद ने कथा-लेखन की शुरुआत की, उस समय उनके समक्ष दो तरह की चुनौतियां प्रमुख थीं: राष्ट्र की मुक्ति और [more…]
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