Friday, April 19, 2024

राजू पांडेय

अहिंसा नहीं,अब हिंसा परमो धर्म:!

धर्म संसद के नाम पर समाज में हिंसा का जहर घोलने की सुनियोजित कोशिशें धीरे धीरे अपना असर दिखाने लगी हैं। हिंसा को स्वीकार्य बनाकर महिमामण्डित करने का एक नवीनतम प्रयोग शांति के द्वीप छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में...

किसान आंदोलन: जश्न के बीच आशंकाओं के गहराते बादल

बहुत प्रयास करने के बाद भी किसान आंदोलन की सफलता के जश्न में शामिल न हो पाया। सिर्फ इतना ही नहीं जश्न मना रहे किसान नेताओं और बुद्धिजीवियों को कौतूहल, आश्चर्य एवं करुणा मिश्रित दृष्टि से देखता भी रहा।...

नई ऊंचाइयों पर है भारत में असमानता

विश्व असमानता रिपोर्ट 2022 के आंकड़ों के बाद भारत में बढ़ती आर्थिक असमानता फिर चर्चा में है। रिपोर्ट के अनुसार भारत में 1 प्रतिशत सर्वाधिक अमीर लोगों के पास 2021 में कुल राष्ट्रीय आय का 22% हिस्सा था, जबकि...

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार दिवस विशेष: सिर्फ अधिकार ही नहीं अल्पसंख्यकों के वजूद पर संकट

वर्ष 2020 में कुछ जिज्ञासु शोधकर्ताओं ने यह जानने का प्रयास किया कि 2006 में आई सच्चर कमेटी की सिफारिशों के 14 वर्ष पूर्ण होने के बाद मुस्लिम अल्पसंख्यकों की स्थिति में क्या परिवर्तन आया है। उनके द्वारा एकत्रित...

संविधान दिवस की गूंज और लोकतंत्र को कमजोर करने के सुनियोजित प्रयास

संविधान दिवस पर आयोजित भव्य कार्यक्रमों का आनंद लेते हुए हमें इस बात पर भी विचार करना चाहिए कि लोकतंत्र के स्वास्थ्य, मानवाधिकारों की स्थिति और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का आकलन करने वाले हर अंतर्राष्ट्रीय मापक पर हमारा प्रदर्शन...

संविधान पर चल रहे विमर्श के निहितार्थ

संविधान दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों और संगोष्ठियों का एक उद्देश्य यह भी होता है कि संघ परिवार एवं उसके विचारकों की संविधान के प्रति असहमति को बहुत विद्वतापूर्ण तरीके से जायज़ ठहराया जाए। संविधान के विषय में...

अब हम लोग क्या करें सुभाष भैया?

(विगत दिनों मणिपुर में हुए आतंकी हमले में कर्नल विप्लव त्रिपाठी और उनका पूरा परिवार शहीद हो गया था। विप्लव छत्तीसगढ़ के रायगढ़ के निवासी थे और उनके पत्रकार पिता सुभाष त्रिपाठी लेखक से घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए...

त्रिपुरा: सांप्रदायिक हिंसा पर हमारा मौन घातक

त्रिपुरा में भी साम्प्रदायिक हिंसा का जहर पहुंच ही गया। मुख्यधारा के मीडिया ने इस दुःखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम पर मौन बनाए रखा। प्रदेश की सरकार का कहना था कि अव्वल तो कुछ हुआ ही नहीं और अगर कुछ...

ग्लोबल हंगर इंडेक्स को लेकर भी असहिष्णु सरकार

ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत के खराब प्रदर्शन और भारत सरकार द्वारा इंडेक्स की विश्वसनीयता पर उठाए गए प्रश्नों पर चर्चा करने से पूर्व यह जानना अधिक आवश्यक लगता है कि सरकार कुपोषण और भूख की समस्या को लेकर...

सावरकर का हिंदुस्थान-1: प्रतिशोध और प्रतिहिंसा पर आधारित है सावरकर का दर्शन

सावरकर के आधुनिक पाठ में उन्हें वैज्ञानिक, आधुनिक और तार्किक हिंदुत्व के प्रणेता तथा हिन्दू राष्ट्रवाद के जनक के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। रणनीति कुछ ऐसी है कि जब सावरकर के इन कथित विचारों को प्रचारित...

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AIPF (रेडिकल) ने जारी किया एजेण्डा लोकसभा चुनाव 2024 घोषणा पत्र

लखनऊ में आइपीएफ द्वारा जारी घोषणा पत्र के अनुसार, भाजपा सरकार के राज में भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हुआ है और कोर्पोरेट घरानों का मुनाफा बढ़ा है। घोषणा पत्र में भाजपा के विकल्प के रूप में विभिन्न जन मुद्दों और सामाजिक, आर्थिक नीतियों पर बल दिया गया है और लोकसभा चुनाव में इसे पराजित करने पर जोर दिया गया है।