Saturday, April 20, 2024

राजू पांडेय

पेगासस गेट: घटती आजादी, सिमटता लोकतंत्र

पेगासस जासूसी मामला अप्रत्याशित नहीं है। सरकारों का (और विशेष रूप से हमारी वर्तमान सरकार का) यह स्वभाव रहा है कि वे अपनी रक्षा को देश की सुरक्षा के पर्यायवाची के रूप में प्रस्तुत करती हैं। स्वयं पर आए...

कोरोना निगल गया बच्चों की शिक्षा

कोविड-19 के कारण स्कूल पिछले एक साल से कमोबेश बंद ही हैं। फरवरी 2021 में अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय द्वारा किए गए एक महत्वपूर्ण सर्वेक्षण के नतीजों ने हम सब का ध्यान आकृष्ट किया था। सर्वेक्षण के अनुसार स्कूलों के...

मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद घातक साबित हुआ है कोरोना

कोविड-19 के बाद देश में मानसिक रोगों के मामले चिंताजनक रूप से बढ़े हैं। कोविड-19 एक अदृश्य शत्रु है। यह रूप बदलने वाला है। यह कब प्रकट होगा, कब समाप्त होगा और कितना विनाशकारी होगा इसका अनुमान लगाना अब...

अस्त व्यस्त कोरोना टीकाकरण : हाशिए पर इंसानी जिंदगी

हमारे देश में चल रहे कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम की विसंगतियों को समझने के लिए सरकार और मीडिया द्वारा लगातार दुहराए जाने वाले कुछ कथनों का सच जानना आवश्यक है। आदरणीय प्रधानमंत्री जी अपने संबोधनों में बारंबार दो स्वदेशी वैक्सीन्स...

कोरोना से संघर्ष: हठधर्मिता, अतिरेक और अहंकार छोड़े नेतृत्व

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने पुनः कहा है कि नेशनल लॉकडाउन ही कोविड-19 की दूसरी लहर पर काबू पाने का एक मात्र जरिया है। आईएमए का कहना है कि वह पिछले 20 दिनों से पूर्ण और योजनाबद्ध लॉकडाउन की वकालत...

विश्व प्रेस स्वतन्त्रता दिवस विशेषः जटिल है भारत में मीडिया की स्वतंत्रता का प्रश्न

अंतरराष्ट्रीय संस्था रिपोर्टर्स विथाउट बॉर्डर्स (मुख्यालय-पेरिस) द्वारा जारी प्रेस फ्रीडम इंडेक्स 2021 में हम 142 वें स्थान पर हैं। वर्ष 2016 से हमारी रैंकिंग में जो गिरावट प्रारंभ हुई थी वह अब तक जारी है। तब हम 133 वें...

संकट काल में उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाई न्यायपालिका

जिस तरह से मद्रास हाई कोर्ट द्वारा चुनाव आयोग पर की गई तल्ख टिप्पणियों को मीडिया में स्थान मिला है और जनता के एक बड़े वर्ग द्वारा इनका स्वागत किया गया है इससे यह स्पष्ट होता है कि आम...

कोरोना की दूसरी लहर पर प्रधानमंत्री की पहली मन की बात

अंततः प्रधानमंत्री जी ने कोविड-19 की विनाशकारी दूसरी लहर के विषय में राष्ट्र को संबोधित किया। निश्चित ही बंगाल और अन्य राज्यों के बेपरवाह और लापरवाह स्टार प्रचारक को देश के प्रधानमंत्री की सधी हुई भूमिका में प्रवेश करने...

नेतृत्व की संवेदनाओं की मौत के बाद ही होती है आम आदमी की मृत्यु

यह समय ऐसे दृश्यों का सृजन कर रहा है जिनके बारे में किसी को भी संशय हो सकता है कि यह एक ही देश और काल में रचे गए हैं। सम्पूर्ण देश में कोविड-19 की दूसरी लहर का निर्मम...

डेमोक्रेसी से ऑटोक्रेसी की राह पर मुल्क

हाल ही में अलग अलग देशों की अनेक स्वतंत्र संस्थाओं ने भारतीय लोकतंत्र में आ रहे घातक और नकारात्मक बदलावों की ओर संकेत किया है। हमारी सरकार, सत्तारूढ़ दल की आईटी सेल, सरकार समर्थक ट्रोल समूह और सोशल मीडिया...

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अपरेंटिसशिप गारंटी योजना भारतीय युवाओं के लिए वाकई गेम-चेंजर साबित होने जा रही है

भारत में पिछले चार दशकों से उठाए जा रहे मुद्दों में बेरोजगारी 2024 में प्रमुख समस्या के रूप में सबकी नजरों में है। विपक्षी दल कांग्रेस युवाओं के रोजगार पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, वहीं भाजपा के संकल्प पत्र में ठोस नीतिगत घोषणाएँ नहीं हैं। कांग्रेस हर शिक्षित बेरोजगार युवा को एक वर्ष की अपरेंटिसशिप और 1 लाख रूपये प्रदान करने का प्रस्ताव रख रही है।