Estimated read time 2 min read
संस्कृति-समाज

न्याय केवल कागज़ों पर कानून के समक्ष समानता है, लेकिन यह जमीनी हकीकत क्यों नहीं बनी ?

जेंडरिंग इक्वालिटी (भारत में महिला अधिकारों पर न्यायालय के निर्णय), जाति क्यों मायने रखती है (भारत में जातिगत भेदभाव पर न्यायालय के निर्णय), विकलांगता न्याय (भारत में विकलांगता अधिकारों पर [more…]

Estimated read time 1 min read
संस्कृति-समाज

इस दौर के फरियादी जाएं तो कहां जाएं

हाल ही में दिल्‍ली के जंतर-मंतर पर मनरेगा मजदूरों ने अपने अधिकारों और मनरेगा के अंतर्गत हो रहे शोषण को लेकर धरना-प्रदर्शन किया। देश की [more…]

Estimated read time 1 min read
संस्कृति-समाज

पुण्यतिथि विशेष: मौजूदा दौर में और भी प्रासंगिक हुए डॉ. अंबेडकर

आज के दौर में जब सामाजिक-आर्थिक असमानता बढ़ रही है। लोकतंत्र और संविधान संकट में हैं। समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता जैसे शब्‍दों पर सवाल उठने लगे [more…]

Estimated read time 1 min read
संस्कृति-समाज

गुरुद्वारे, चर्च, मस्जिद और मंदिर देखते हैं

मोर्निंग वॉक से लौटते हुए ठंड के इस मौसम में गर्मा-गरम चाय पीने की तलब हुई तो मैं चाय की टपरी की ओर बढ़ गया। [more…]

Estimated read time 1 min read
संस्कृति-समाज

धर्म के नाम पर ऐ दोस्‍त मत ऐसा करो

जब हम किसी को अच्‍छा काम करते देखते हैं तो अक्‍सर कहते हैं कि आप धर्म-पुण्‍य का काम कर रहे हो, अच्‍छा है। धर्म-पुण्‍य यानी [more…]

Estimated read time 3 min read
संस्कृति-समाज

बात-बेबात: ‘हद कर दी आपने’ 

हमारे पड़ोसी कभी-कभी हमारा मुंह मीठा और दिल खट्टा या कहिए मन कड़वा करने के लिए आ जाते हैं। वे जले हुए घाव पर मरहम [more…]

Estimated read time 2 min read
बीच बहस

‘मैं भी समझती हूं, मुझे मत इस कदर भ्रमित करो’

मित्र के बुलाने पर मैं उनके घर गया। उन्‍हें अपनी विवाह योग्‍य बेटी के लिए लड़का देखने जाना था। मुझे भी अपने साथ लेकर जाना चाहते थे। [more…]

Estimated read time 3 min read
बीच बहस

‘टुकड़े-टुकड़े बांटा तुमने अब कहते हो एक रहो!’

आज मॉर्निंग वॉक के लिए पटेल पार्क गया। आधा घंटे पार्क में चलने के बाद थोड़ा सुस्‍ताने का मन हुआ तो पार्क की एक खाली [more…]

Estimated read time 2 min read
बीच बहस

होती नहीं महंगाई, बेरोज़गारी और शिक्षा पर बात तो कैसे बदलेंगे हालात?

महंगाई, बेरोजगारी और शिक्षा जैसे बुनियादी मुद्दाें पर राजनीतिक दल जनता का साथ क्‍यों नहीं देते? इन मुद्दों को क्‍यों नहीं उठाते? इन पर बात क्‍यों नहीं [more…]

Estimated read time 2 min read
बीच बहस

‘घुट रहा है दम मेरा ये नफ़रती माहौल मत क्रिएट करो’

मैं उनके जैसे लाखों लोगों के बारे में सोचने लगा जो हमारे देश में नफरत फैलाने, दंगा भड़काने और निर्दोषों की जान लेने में लगे हैं। [more…]