इन दिनों दिल्ली में चुनावी सरगर्मियों के बीच कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। हमारी बस्ती के मुहाने पर जहां…
ताकि बची रहे देश की समावेशी और साझा संस्कृति
हाल ही में पटना में गांधी जी द्वारा गाए एक लोकप्रिय भजन पर विवाद हो गया। अटल बिहारी वाजपेयी के…
संविधान बनाम मनुस्मृति : किसकी श्रद्धा किसके प्रति
अतीत चाहे मानव जीवन का हो या देश की सभ्यता-संस्कृति का, इसमें सुखद और दुखद पहलू समाहित होते हैं। अतीत हमारे…
न्याय केवल कागज़ों पर कानून के समक्ष समानता है, लेकिन यह जमीनी हकीकत क्यों नहीं बनी ?
जेंडरिंग इक्वालिटी (भारत में महिला अधिकारों पर न्यायालय के निर्णय), जाति क्यों मायने रखती है (भारत में जातिगत भेदभाव पर न्यायालय के निर्णय), विकलांगता…
इस दौर के फरियादी जाएं तो कहां जाएं
हाल ही में दिल्ली के जंतर-मंतर पर मनरेगा मजदूरों ने अपने अधिकारों और मनरेगा के अंतर्गत हो रहे शोषण को…
पुण्यतिथि विशेष: मौजूदा दौर में और भी प्रासंगिक हुए डॉ. अंबेडकर
आज के दौर में जब सामाजिक-आर्थिक असमानता बढ़ रही है। लोकतंत्र और संविधान संकट में हैं। समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता जैसे…
गुरुद्वारे, चर्च, मस्जिद और मंदिर देखते हैं
मोर्निंग वॉक से लौटते हुए ठंड के इस मौसम में गर्मा-गरम चाय पीने की तलब हुई तो मैं चाय की…
धर्म के नाम पर ऐ दोस्त मत ऐसा करो
जब हम किसी को अच्छा काम करते देखते हैं तो अक्सर कहते हैं कि आप धर्म-पुण्य का काम कर रहे…
बात-बेबात: ‘हद कर दी आपने’
हमारे पड़ोसी कभी-कभी हमारा मुंह मीठा और दिल खट्टा या कहिए मन कड़वा करने के लिए आ जाते हैं। वे…
‘मैं भी समझती हूं, मुझे मत इस कदर भ्रमित करो’
मित्र के बुलाने पर मैं उनके घर गया। उन्हें अपनी विवाह योग्य बेटी के लिए लड़का देखने जाना था। मुझे भी अपने…