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बीच बहस

‘घुट रहा है दम मेरा ये नफ़रती माहौल मत क्रिएट करो’

मैं उनके जैसे लाखों लोगों के बारे में सोचने लगा जो हमारे देश में नफरत फैलाने, दंगा भड़काने और निर्दोषों की जान लेने में लगे हैं। [more…]

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संस्कृति-समाज

पुस्तक समीक्षा : जातियों का इतिहास बताती ‘जातियों की आत्मकथा’

भारतीय समाज में खासकर हिंदू संप्रदाय में जाति की जकड़न बहुत जटिल है। प्राचीन समय में ब्राह्मण वर्ग द्वारा जाति व्‍यवस्‍था का निर्माण किया गया था। [more…]

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संस्कृति-समाज

दुनिया देश और समाज : रिश्‍तों में मिठास नहीं क्‍यों आज?

आजकल हमारे रिश्‍तों-नातों में मिठास की कमी महसूस हो रही है। दिवाली जैसे त्‍योहार में औपचारिकतावश मिठाई के डिब्‍बों का लेन-देन तो दिखता है पर [more…]

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संस्कृति-समाज

यह कैसी सामाजिक समरसता?

वे बोले- ”सामाजिक समरसता के लिए जाति खत्‍म करने की कोई आवश्‍यकता नहीं है। यह तो हमारी धर्म-संस्‍कृति का हिस्‍सा है। हमारे पूर्वजों ने बहुत [more…]

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राज्य

मोदी सरकार में सूचना के अधिकार पर ग्रहण?

ब्यावर, राजस्थान। 19 और 20 अक्‍टूबर 2024 को सूचना के अधिकार को लेकर राजस्‍थान के ब्‍यावर में जिस तरह का आयोजन हुआ उसे आरटीआई एक्‍ट में पुन: प्राण फूंकने का शंखनाद [more…]

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संस्कृति-समाज

बात-बेबात: हम लोगों को समझ सको तो…

हाल ही में उन से एक मित्र के यहां एक आयोजन में अचानक मुलाकात हो गई। खाना खाते समय संयोग से हम एक ही टेबल [more…]

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बीच बहस

इस बुराई पर कब होगी अच्‍छाई की जीत?

समाज में बुराई कई रूपों में व्‍याप्‍त है। हमारे मन में भी बुराई कई रूपों में बैठी हुई है। कैसे हो बुराई का अंत? यही [more…]

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संस्कृति-समाज

पुण्यतिथि विशेष: दलितों बहुजनों की राजनीति में कांशीराम जैसे जननायकों की जरूरत

बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने दलित वंचित वर्ग के लिए समता, समानता, न्‍याय तथा सामाजिक परिवर्तन के लिए राजनीति को ‘मास्‍टर की’ कहा था। कमोबेश [more…]

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संस्कृति-समाज

चाकू समय में हथेलियां: लोकतांत्रिक स्पेस तलाशती स्त्रियों की कहानियां

इन कहानियों में एक बेकरार दौर है। बेकरार दिल की बेकरार कहानियां हैं। लोकतांत्रिक स्‍पेस तलाशने की आकांक्षा है। ये कहानियां रेडिकल डेमोक्रेसी को प्रतिबिंबित [more…]

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संस्कृति-समाज

पुस्‍तक समीक्षा: वर्तमान संदर्भ में क्‍या हैं धर्म, समाज और संस्‍कृति के निहितार्थ ?

किसी भी देश में जो मौजूदा समाज व्‍यवस्‍था होती है उसी जड़ें वहां के धर्म और संस्‍कृति में निहित होती हैं। वहां की राजनीति और [more…]