Saturday, April 27, 2024

राम जन्म पाठक

पत्रकारिता की मूंछ और सत्ता की पूंछ

करीब पच्चीस-तीस साल की पत्रकारिता से गुजरने के बाद मैंने पाया कि सन् 2014 यानी भाजपा नीत राजग के सत्तारोहण के बाद सब कुछ विध्वंसात्मक और अपमानजनक ढंग से बदल गया। सबसे पहले चैनलों ने घुटने टेके सत्ता के...

मीडिया, एनकाउंटर और कल्याणकारी राज्य बजरिए अतीक-अशरफ हत्याकांड 

अपराधी से नेता बने अतीक और अशरफ की पुलिस हिरासत में हुई हत्या का सीधा प्रसारण भारतीय टेलीविजन के इतिहास की दुखद, हैरतनाक मगर लोमहर्षक परिघटना है। पखवाड़े भर से इलेक्ट्रानिक मीडिया समेत दूसरे माध्यमों में लगातार इतनी अधिक...

कीड़ाजड़ी: एक दुस्साहसी की शब्द-यात्रा

                                                        एक (WE CAN NOT GO BACK TO SAINT. THERE IS FOR MORE TO BE LEARNED FROM THE SINNER): OSCAR WILDE  (हम सीखने के लिए संतों के पास वापस नहीं जा सकते। पापियों के पास सिखाने के लिए उनसे कुछ ज्यादा है।) अनिल...

ऐसा आसां नहीं है सागर सरहदी होना

अभी-अभी इलाहाबाद के रंगकर्मी प्रवीण से खबर मिली कि सागर सरहदी नहीं रहे। सागर साहब मुंबई में थे, वहीं आज सुबह किसी लम्हे में उन्होंने  आखिरी सांस ले ली। सागर साहब के बारे में  करने के लिए मेरे पास...

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ग्राउंड रिपोर्ट: किसानों की जरूरत और पराली संकट का समाधान

मुजफ्फरपुर। “हम लोग बहुत मजबूर हैं, समयानुसार खेतों की जुताई-बुआई करनी पड़ती है। खेतों में सिंचाई तो स्वयं कर...