Wednesday, April 17, 2024

राम पुनियानी

देश में नफरत फैलाना, हिंसा भड़काना अब नहीं है अपराध!

सूरजपाल अमु ने अत्यंत घटिया और नफरत फैलाने वाला भाषण दिया। उसके बाद उन्हें भाजपा की राज्य इकाई का प्रवक्ता बना दिया गया। गौरक्षा-बीफ के मुद्दे पर अखलाक की हत्या के आरोपियों में से एक की मौत हुई। एक...

बीजेपी-संघ ने बना दिया है शाकाहार-मांसाहार को राजनैतिक एजेंडा

हाल (दिसंबर, 2021) में अहमदाबाद नगर निगम की नगर नियोजन समिति ने घोषणा की कि शहर में सार्वजनिक सड़कों और स्कूल, कालेज व धार्मिक स्थलों के 100 मीटर के दायरे में मांसाहारी खाद्य पदार्थ बेचने वाले स्टाल नहीं लगने...

संविधान के मौलिक सिद्धांतों के खिलाफ है प्रस्तावित कर्नाटक धर्म स्वातंत्र्य विधेयक

दक्षिणपंथी राजनीति के बढ़ते दबदबे के चलते, कई भारतीय राज्यों ने धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम बनाये हैं। विडंबना यह है कि ये सारे कानून, धर्म और आस्था की स्वतंत्रता को सीमित करते हैं। इनका घोषित उद्देश्य कथित धर्मपरिवर्तन रोकना है।...

संघ-बीजेपी की कृष्ण जन्मभूमि मुद्दे को पुनर्जीवित करने की कोशिश

कुछ ही महीनों में उत्तर प्रदेश में चुनाव होने वाले हैं। जमीनी स्तर की स्थिति पर नजर रखने वाले अधिकांश राजनैतिक विश्लेषकों का मत है कि राज्य में मोदी और योगी की लोकप्रियता में जबरदस्त गिरावट आई है। इसका...

सत्ता के निशाने पर स्टैंड अप कामेडियन

स्टैंडअप कामेडियन मुनव्वर फारूकी बेंगलूरू में एक परोपकारी संस्था के लिए अपना शो करने वाले थे। पूरे टिकट बिक चुके थे। फिर आयोजकों को यह सूचना दी गई कि उन्हें कार्यक्रम रद्द करना होगा। और कार्यक्रम रद्द हुआ। पुलिस...

सलमान खुर्शीद के घर आगजनी: सांप्रदायिक असहिष्णुता का नमूना

पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, कांग्रेस के एक प्रमुख नेता और उच्चतम न्यायालय के जानेमाने वकील हैं. हाल में उनकी एक किताब प्रकाशित हुई है, जिसका शीर्षक है "सनराइज ओवर अयोध्या: नेशनहुड इन प्रेजेंट टाइम्स". पुस्तक की प्रचार सामग्री...

कंगना रनौत: भारत को आज़ादी कब और कैसे मिली

जैसे-जैसे संकीर्ण राष्ट्रवाद और मुखर, और आक्रामक होता जा रहा है वैसे-वैसे हमारे स्वाधीनता संग्राम के इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। धार्मिक राष्ट्रवाद का बढ़ता कारवां हमें नए सिरे से समझा रहा है कि हमें...

दलितों के लिए तबाही का नया दौर साबित हुआ है आरएसएस-बीजेपी का शासन

दलितों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए भारत की जाति व्यवस्था सबसे बड़ी बाधा है। जाति पदानुक्रम के पायदान में सबसे नीचे, जाति उत्पीड़न के शिकार लोगों को दलित या अनुसूचित जाति (एससी) के रूप में संबोधित किया जाता...

जिन्ना पर अखिलेश: समकालीन राजनीति पर सांप्रदायिकता की छाया

हमारे देश में जैसे-जैसे साम्प्रदायिकता का बोलबाला बढ़ता जा रहा है वैसे-वैसे राजनैतिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए सांप्रदायिक प्रतीकों और नायकों के इस्तेमाल का चलन भी बढ़ रहा है। अपने-अपने राजनैतिक एजेंडे की पूर्ति के लिए विभिन्न...

त्रिपुरा: राज्य प्रायोजित हिंसा ने समाज को गहरे तक कर दिया है विभाजित

हमारे देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा बहुत आम हो गई है। जहाँ एक ओर प्रधानमंत्री पोप से गले मिल रहे हैं वहीं दूसरी ओर देश में ईसाईयों के खिलाफ हिंसा की छोटी-छोटी घटनाएं हो रहीं हैं। एक...

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लोकतंत्र में चुनाव लघुता का पर्व और गर्व होता है, प्रभुता का पर्व और प्रसाद नहीं‎

लोकतंत्र में चुनाव सबसे बड़ा पर्व होता है, लोकतंत्र का पर्व। लोकतंत्र का पर्व असल में किस का पर्व...