Wednesday, June 7, 2023

राम पुनियानी

चुनाव नतीजे: भारतीय प्रजातंत्र के लिए कुछ अच्छा तो कुछ बुरा

हाल में चार राज्यों और एक केन्द्रशासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए। कोरोना की दूसरी अत्यंत घातक लहर के बीच जिस ढंग से ये चुनाव करवाए गए, वह केंद्र में गद्दीनशीन पार्टी के हितों के अनुरूप थे। पश्चिम बंगाल...

गुरू तेग बहादुर, सिख पंथ और मुगल

इस साल (2021) 01मई को नौवें सिख गुरू तेग बहादुर की 400वीं जयंती मनाई गई। सिख पंथ को सशक्त बनाने में गुरूजी का महत्वपूर्ण योगदान था। उन्होंने अपने सिद्धांतों की खातिर अपने प्राण तक न्यौछावर कर दिए थे। गुरू नानक...

जिस जमात को बताया था कोरोना फैलाने का दोषी, संकट में वह कर रहे हैं बढ़चढ़ कर मदद

इस समय भारत कोरोना महामारी के सबसे विकट दौर से गुजर रहा है। संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है और मौतें भी। हर चीज की कमी है- अस्पतालों में बिस्तरों की, दवाईयों की, ऑक्सीजन की, जांच सुविधाओं की और...

क्या भारत में प्रजातंत्र बचाया जा सकेगा?

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं। सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला है। भाजपा ने इन चुनावों में अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया है। उसके अनुषांगिक संगठन तो चुनाव प्रचार में जुटे...

भारत में धार्मिक स्वतंत्रता और ईसाई अल्पसंख्यक

हाल में जारी अपनी रिपोर्ट में 'फ्रीडम हाउस' ने भारत का दर्जा 'फ्री' (स्वतंत्र) से घटाकर 'पार्टली फ्री' (अशंतः स्वतंत्र) कर दिया है। इसका कारण है भारत में व्याप्त असहिष्णुता का वातावरण और राज्य का पत्रकारों, विरोध प्रदर्शनकारियों और...

कुरान, मदरसे और आतंकवादः नेक नहीं हैं वसीम रिजवी के इरादे

शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर यह मांग की है कि कुरान की 26 आयतों को इस पवित्र पुस्तक से हटा दिया जाना चाहिए क्योंकि वे आतंकवाद को...

क्या धर्मनिरपेक्षता भारत की परंपराओं के लिए खतरा है?

भारत को एक लंबे संघर्ष के बाद 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश राज से मुक्ति मिली। यह संघर्ष समावेशी और बहुवादी था। जिस संविधान को आजादी के बाद हमने अपनाया, उसका आधार थे स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व और न्याय के...

स्वाधीनता संग्राम में कहीं नहीं था आरएसएस

हमारे देश के सत्ताधारी दल भाजपा के पितृ संगठन आरएसएस के स्वाधीनता संग्राम में कोई हिस्सेदारी न करने पर चर्चा होती रही है। पिछले कुछ वर्षों में संघ की ताकत में आशातीत वृद्धि हुई है और इसके साथ ही...

धर्मों के आधार पर अगर राष्ट्र बनते तो यूरोप ईसाई और अरब मुस्लिम राष्ट्र होते!

भारत का विभाजन दक्षिण एशिया के लिए एक बड़ी त्रासदी था। विभाजन के पीछे मुख्यतः तीन कारक थे– पहला, ब्रिटिश सरकार की फूट डालो और राज करो की नीति, दूसरा, हिन्दू साम्प्रदायिकता, जो भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाना चाहती...

गोलवलकर की पतनशील विचारधारा को प्रेरक तत्व मानता है मौजूदा सत्ताधारी दल

भारत के वर्तमान सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता भले ही हमारे धर्मनिरपेक्ष-बहुवादी और संघात्मक संविधान के नाम पर शपथ लेते हों परन्तु सच यह है कि यह पार्टी देश को आरएसएस के एजेंडे में निर्धारित दिशा...

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पहलवान अभी भी डटे हैं, बृजभूषण मामले में अब भाजपा भी बंटी

नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष एवं भाजपा सांसद पर यौन उत्पीड़न की शिकायत करने वाली नाबालिग पहलवान...