Author: संजय पराते
संविधान-स्थगित बस्तर : जहां रघु मीडियामी के लोकतांत्रिक अधिकार खत्म हो जाते हैं !
‘इंडियन एक्सप्रेस’ की एक पुरानी रिपोर्ट से बात शुरू कर रहा हूं। दिसंबर 2014 की इस रिपोर्ट के अनुसार – जनवरी 2009 से मई 2014 [more…]
छत्तीसगढ़ नगर निकायों के चुनाव : भाजपा की जीत में आश्चर्य नहीं, तो कांग्रेस की हार में दुख नहीं
रायपुर। छत्तीसगढ़ में 173 नगर निकायों, जिनमें 10 नगर निगम, 49 नगर पालिका परिषद तथा 114 नगर पंचायत शामिल हैं, में हुए चुनावों के नतीजे [more…]
श्रद्धालुओं की आस्था का राजनैतिक दोहन : राम तेरी गंगा मैली हो गई, पापियों के पाप ढोते-ढोते
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट से स्पष्ट है कि गंगा की जिस पवित्रता का वर्णन हमारे धार्मिक ग्रंथों में किया गया है, महाकुंभ की [more…]
कॉरपोरेट सरकार में निशाने पर आदिवासी
भाजपा आदिवासियों के विकास और उनकी भलाई के बारे में लंबे चौड़े-दावे करती है। इन दावों की पड़ताल जल-जंगल-जमीन पर उनके स्वामित्व के अधिकार के [more…]
हिंदू राष्ट्र-पथ वाया प्रयाग-कुंभ : इस महामारी का ईलाज क्या है?
यद्यपि ये महामारी नहीं है, फिर भी लोग पटापट मर रहे हैं, तो क्या यह महामारी से कम है! पता लगाइये, कभी किसी कुंभ मेले [more…]
दिल्ली विधानसभा चुनाव : एक मिथक का अंत और एक त्रासदी का और बड़ा होना
दिल्ली में आप पार्टी की हार से देश के पैमाने पर उसके विकल्प बनने के मिथक का अंत हो गया है, लेकिन इसने देश को [more…]
मध्यम वर्ग के कर-बचत के सहारे अर्थव्यवस्था को खींचने की कोशिश
अंततः मोदी सरकार ने यह मान लिया है कि हमारी अर्थव्यवस्था मंदी में फंस गई है। 8.2% की दर से अर्थव्यवस्था के विकास का जो [more…]
कॉर्पोरेट बस्तर के सेप्टिक टैंक में दफ्न ‘लोकतंत्र’
यदि पत्रकारिता लोकतंत्र की जननी है या पत्रकार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ हैं, तो यकीन मानिए, 3 जनवरी की रात वह बस्तर के बीजापुर में [more…]
सीताराम येचुरी: साधारण व्यक्ति, असाधारण व्यक्तित्व
कॉमरेड सीताराम येचुरी को गुजरे एक माह हो चुके हैं। उनके निधन के बाद उनके चहेतों ने उनके व्यक्तित्व और वर्तमान राजनीति में उनकी प्रासंगिकता [more…]
क्या फिलिस्तीन शत्रु-राष्ट्र है?
छत्तीसगढ़ एक बार फिर गलत कारण से चर्चा में है। छत्तीसगढ़ की पुलिस और प्रशासन के रवैए और भाजपा सरकार की चुप्पी से यह प्रश्न [more…]