Thursday, April 25, 2024

डॉ. सिद्धार्थ

केके शैलजा ने रेमन मेग्सेसे ठुकराकर स्थापित किया है एक मानक

उनको डर लगता है आशंका होती है कि हम भी जब हुए भूत घुग्घू या सियार बने तो अभी तक यही व्यक्ति ज़िंदा क्यों?                   मुक्तिबोध ऐसे समय में जब व्यक्तिगत ख्याति प्राप्त करने की चाह अधिकांश मध्यमवर्गीय बुद्धिजीवियों-नेताओं-पत्रकारों-साहित्याकारों में हिलोरे मार रही है, सब को...

 ‘हिमालय दलित है’ कविता के परंपरागत प्रतिमानों को ध्वस्त करता संग्रह

‘हिमालय दलित है’ मोहन मुक्त का पहला कविता संग्रह है। संग्रह की कविताएं धधकते लावे की तरह हैं। यहां तक कि कवि की प्रेम कविताओं से भी एक आंच निकलती है। ऐसे लगता है कि कवि किसी ज्वालामुखी के...

सनातन धर्म पर आधारित मोहन भागतवत का अखंड भारत बनाम आंबेडकर का प्रबुद्ध भारत 

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने 13 अप्रैल को हरिद्वार में कहा कि “20-25 सालों में अखंड भारत होगा, जिसका स्वप्न विवेकानंद और महर्षि अरविंद ने देखा था। लेकिन सब मिलाकर इस दिशा में प्रयास करें...

भारत की वामपंथी पार्टियों के सामने चुनौतियां

वामपंथी आंदोलन एक वैश्विक परिघटना रही है और इससे जन्म लेने वाली भारत की वामपंथी पार्टियां भी खुद को इस वैश्विक आंदोलन का हिस्सा मानती रही हैं और अब भी मानती हैं। इसकी सबसे मुखर अभिव्यक्ति उनके नामों में...

आखिर क्या है कांग्रेस पार्टी का संकट?

सन् 2020, 2021 और 2022 के विधान सभा चुनावों के परिणामों के यदि देखें तो ये परिणाम कांग्रेस पार्टी के लिए काफी निराशाजनक रहे हैं। 2019 के विधान सभा चुनावों में कांग्रेस की छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में...

ग्राम्शी के आर्गेनिक जन बुद्धिजीवी के प्रतिमान राहुल सांकृत्यायन 

“अंत में मनुष्य अवश्य अपने ध्येय पर पहुंचेगा। वह ध्येय है-समस्त मानवों की समता, परस्पर प्रेम और सार्वत्रिक सुख-समृद्धि।”                                                                     —राहुल सांकृत्यायन  लोकहित में सच की खोज की अनवरत जिज्ञासा और कोई भी कीमत चुका कर सच के पक्ष में खड़ा होने...

  हिंदी पट्टी की बहुजन राजनीति को कैसे निगल रही है भाजपा

हिंदी पट्टी में राजनीतिक वर्चस्व भारत की केंद्रीय सत्ता पर राजनीतिक वर्चस्व का रास्ता खोलता है। हिंदी पट्टी की घनी जनसंख्या और भारत में जनसंख्या आधारित राजनीतिक प्रतिनिधित्व की व्यवस्था के चलते भारत के अन्य हिस्सों पर इसका राजनीतिक...

यूपी में बीजेपी की जीत के धार्मिक समीकरण का क्या है काउंटर

उत्तर प्रदेश के 2022 के विधान सभा चुनावों में भाजपा को 255 सीटें और 41.3 प्रतिशत मत प्राप्त हुए हैं। 2017 की तुलना में सीटों की संख्या की दृष्टि से देखें तो भाजपा को 57 सीटों का नुकसान हुआ...

हिंदी पट्टी: वर्ण-जातिवादी और पितृसत्तात्मक संस्कृति का ह्रदयस्थल

हिंदी पट्टी को आर्यावर्त और गाय पट्टी के रूप में भी जाना जाता है। इसका भौगोलिक विस्तार उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश तक फैला हुआ है। चारो तरफ व्याप्त गरीबी, बेरोजगारी,...

भारत के 98 अरबपतियों के पास 55.5 करोड़ लोगों के बराबर संपत्ति, 84 प्रतिशत परिवारों की आय घटी: ऑक्सफैम रिपोर्ट

जहां एक ओर आरएसएस-भाजपा ने पूरे देश में एक धार्मिक उन्मादी माहौल खड़ा करके लोगों को हिंदू-मुसलमान में बुरी तरह उलझा दिया है, वहीं दूसरी तरफ देश के चंद अरबपति देश की संपत्ति पर बहुत ही तेजी से कब्जा...

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा चुनाव आयोग पर हमारा नियंत्रण नहीं, ईवीएम वीवीपैट पर फैसला सुरक्षित

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को ईवीएम वीवीपैट केस में फैसला सुरक्षित रख लिया। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार 24 अप्रैल को कहा कि वह...