76 साल के
एडवोकेट मोहम्मद शोएब, जिन्होंने
अपने सामाजिक-राजनीतिक जिन्दगी का आगाज़ कभी समाजवादी आन्दोलन से किया था और जो
विगत डेढ़ दशक से अधिक समय से उन बेगुनाहों का केस लड़ने के लिए जाने जाते रहे हैं, जिन्हें आतंकवाद के झूठे...
तमिलनाडु की
गुम्मीडुपुंडी के
शरणार्थी शिविरों में रहने वाले तीन हजार तमिल मूल के श्रीलंकाई निवासियों में से
एक दर्शिनी, उम्र 34 साल, इन दिनों बेहद दुखी हैं। उन्हें उम्मीद थी कि भारत
सरकार उनके जैसे हजारों लोगों को नागरिकता अधिकार प्रदान करने...
सत्ता पोषित पाखंड के दौर में एक नयी ज़मीन तोड़ने का वक्त... शीर्षक रचना का शेष भाग
एक सफल देव पुरुष बनने के लिए कौन सी योग्यताओं की आवश्यकता है? सबसे पहले वह लच्छेदार बातें एवं अर्थहीन भाषाएं बोलने में दक्ष...
बंद दिमाग़ी की गर्त में समाज
एक कठिन वक्त में जबकि अपनी आंखें खुली रखना, तर्कशीलता के रास्ते पर डटे रहना, समाज में वैज्ञानिक चिंतन की बातें कहने में संकोच न करना अपने आप में जोखिम भरा काम हो गया...
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सुप्रीमो के संघ के स्थापना
दिवस- दशहरा- पर वक्तव्य को हमेशा बेहद दिलचस्पी के साथ देखा जाता है। दरअसल संघ में यह
लम्बी परम्परा चली आ रही है कि इस सालाना तकरीर को सभी आनुषंगिक संगठनों के...
क्या कहता है जीवन लाल कपूर आयोग: प्रमुख निष्कर्ष
इस आयोग के खंड पांच, अध्याय 21 और पेज 303 के अनुच्छेद 25.105 और 25.106 में दिए गए निष्कर्ष काबिलेगौर हैं:
‘‘25.105 निःस्सन्देह, आयोग इस मसले पर 21 साल बाद गौर...
भिलारे गुरूजी को जानना क्यों जरूरी है ?
‘‘ पंचगणी में महात्मा गांधी
की प्रार्थना सभा में आने की सभी को अनुमति मिली थी। उस दिन, उनके सहयोगी ऊषा मेहता, प्यारेलाल, अरूणा आसफ अली और अन्य
प्रार्थना में उपस्थित थे। हाथ में...
यह अलग बात है कि
कोलकाता की इन ख़बरों से गांधी कत्तई प्रसन्न नहीं हुए थे क्योंकि दिल्ली, पंजाब तथा देश के कई हिस्सों में अभी भी आग लगी
हुई थी। और इसी उद्विग्नता में उन्होंने उन्हें मिल रही बधाइयों का...
(राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्म का 150वां साल चल रहा है। इस मौके पर
गांधी की शिक्षा, विचार, सिद्धांतों और उनके रहन-सहन के तरीकों को लेकर देश में
जिस तरह से विचार-विमर्श और आयोजन होने चाहिए थे। गोष्ठियों, सेमिनारों और
कन्वेंशनों का...