सुभाष गाताडे
जंतर-मंतर
“गांधी के तीन बंदरों में तब्दील हो गए हैं लोकतंत्र के तीनों स्तंभ”
दिल की बीरानी का क्या मज़कूर है
यह नगर सौ मर्तबा लूटा गया
अदब और आर्ट की दुनिया के नामचीनों और दोस्तों
दिल्ली को अलविदा कहते हुए कहा गया मीर का यह शेर पिछले दिनों बार बार होठों पर आता रहा।
उधर दिल्ली...
बीच बहस
पाकिस्तान के इस्लामिस्ट आखिर नागरिकता संशोधन अधिनियम पर क्यों हैं फिदा ?
सिएटल सिटी कौन्सिल, जो संयुक्त राज्य अमेरिका की सबसे ताकतवर सिटी कौन्सिल में शुमार की जाती है, उसने पिछले दिनों इतिहास रचा।
वह शेष दुनिया की पहली ऐसी चुनी हुई निकाय बनी जिसने यह प्रस्ताव पारित किया कि भारत सरकार...
संस्कृति-समाज
डॉ. श्रीराम लागू ने कहा था, ‘ईश्वर को रिटायर करो’
“A good world needs knowledge, kindness, and courage; it does not need a regretful hankering after the past or a fettering of the free intelligence by the words uttered long ago by ignorant men’-Bertrand Russell
वह 1938-39 का साल था,...
बीच बहस
असहमत होने के अधिकार का अपराधीकरण कर रही है योगी सरकार
76 साल के
एडवोकेट मोहम्मद शोएब, जिन्होंने
अपने सामाजिक-राजनीतिक जिन्दगी का आगाज़ कभी समाजवादी आन्दोलन से किया था और जो
विगत डेढ़ दशक से अधिक समय से उन बेगुनाहों का केस लड़ने के लिए जाने जाते रहे हैं, जिन्हें आतंकवाद के झूठे...
ज़रूरी ख़बर
नागरिकता संशोधन कानून: हिन्दू राष्ट्र के नाव की नयी पतवार
तमिलनाडु की
गुम्मीडुपुंडी के
शरणार्थी शिविरों में रहने वाले तीन हजार तमिल मूल के श्रीलंकाई निवासियों में से
एक दर्शिनी, उम्र 34 साल, इन दिनों बेहद दुखी हैं। उन्हें उम्मीद थी कि भारत
सरकार उनके जैसे हजारों लोगों को नागरिकता अधिकार प्रदान करने...
ज़रूरी ख़बर
फ्रॉड बाबा, मीडिया, भक्त और विज्ञान का दुरुपयोग
सत्ता पोषित पाखंड के दौर में एक नयी ज़मीन तोड़ने का वक्त... शीर्षक रचना का शेष भाग
एक सफल देव पुरुष बनने के लिए कौन सी योग्यताओं की आवश्यकता है? सबसे पहले वह लच्छेदार बातें एवं अर्थहीन भाषाएं बोलने में दक्ष...
ज़रूरी ख़बर
सत्ता पोषित पाखंड के दौर में एक नयी ज़मीन तोड़ने का वक्त़
बंद दिमाग़ी की गर्त में समाज
एक कठिन वक्त में जबकि अपनी आंखें खुली रखना, तर्कशीलता के रास्ते पर डटे रहना, समाज में वैज्ञानिक चिंतन की बातें कहने में संकोच न करना अपने आप में जोखिम भरा काम हो गया...
बीच बहस
लिंचिंग संबंधी भागवत का बयान: अकारण नहीं है महज शब्दों पर संघ का जोर
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सुप्रीमो के संघ के स्थापना
दिवस- दशहरा- पर वक्तव्य को हमेशा बेहद दिलचस्पी के साथ देखा जाता है। दरअसल संघ में यह
लम्बी परम्परा चली आ रही है कि इस सालाना तकरीर को सभी आनुषंगिक संगठनों के...
बीच बहस
गांधी स्मृति श्रृंखला (भाग-4):गांधी शुरू से बने हुए थे संघ समेत सभी हिंदुत्ववादियों की आंख का कांटा
क्या कहता है जीवन लाल कपूर आयोग: प्रमुख निष्कर्ष
इस आयोग के खंड पांच, अध्याय 21 और पेज 303 के अनुच्छेद 25.105 और 25.106 में दिए गए निष्कर्ष काबिलेगौर हैं:
‘‘25.105 निःस्सन्देह, आयोग इस मसले पर 21 साल बाद गौर...
बीच बहस
गांधी स्मृति श्रृंखला(भाग-3):कपूर आयोग ने ठहराया था सावरकर को गांधी की हत्या का मुख्य साजिशकर्ता
भिलारे गुरूजी को जानना क्यों जरूरी है ?
‘‘ पंचगणी में महात्मा गांधी
की प्रार्थना सभा में आने की सभी को अनुमति मिली थी। उस दिन, उनके सहयोगी ऊषा मेहता, प्यारेलाल, अरूणा आसफ अली और अन्य
प्रार्थना में उपस्थित थे। हाथ में...
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ग्रेट निकोबार द्वीप की प्राचीन जनजातियों के अस्तित्व पर संकट, द्वीप को सैन्य और व्यापार केंद्र में बदलने की योजना
आज दुनिया भर में सरकारें और कॉर्पोरेट मुनाफ़े की होड़ में सदियों पुराने जंगलों को नष्ट कर रही हैं,...