पहलगाम आतंकी हमले के बाद बने उत्तेजक और युद्धोन्मादी माहौल में मोदी सरकार ने देश में जातिवार जनगणना कराने का…
मोदी सरकार ने जातिवार राष्ट्रीय जनगणना का फैसला क्यों लिया?
पहलगाम आतंकी हमले के बाद बने उत्तेजक और युद्धोन्मादी माहौल में मोदी सरकार ने देश में जातिवार जनगणना कराने का…
संविधान सभा में कांग्रेस के संपूर्ण वर्चस्व के बावजूद डॉ. अम्बेडकर संविधान ड्राफ्टिंग कमेटी के चेयरमैन कैसे बने?
भारत की संविधान सभा का जिस समय गठन हो रहा था, राजनीतिक स्तर पर कांग्रेस का भारतीय समाज और राजनीति…
चार साल देर के बाद भी भारत की जनगणना क्यों रुकी पड़ी है?
भारतीय जनगणना अधिनियम-1948 के तहत हमारे देश में हर दस साल के अंतराल पर राष्ट्रीय जनगणना कराने का प्रावधान है।…
संविधान सभा ने दिया था संसद के दो-तिहाई बहुमत से चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति का सुझाव
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार आज सेवानिवृत हो रहे हैं। इससे पहले ही सरकार ने नियुक्ति की सिफारिश करने वाली…
मनुष्यता और धार्मिकता को विवेक की जरूरत है, भय और भगदड़ की नहीं!
अब तक कुंभ नगरी इलाहाबाद (नया नाम प्रयागराज) और आसपास के इलाकों से तीर्थयात्रियों के भगदड़ में या भीड़ भरी…
महाकुंभ में बड़ी त्रासदी, बेलगाम सत्ता और हमजोली-कॉरपोरेट मीडिया
उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में आयोजित कुंभ मेले में 28 और 29 जनवरी के बीच की रात तकरीबन…
सावरकर के ‘हिंदुत्व’ को डॉक्टर अम्बेडकर ने सिर्फ असंगत नहीं, देश के लिए खतरनाक भी बताया था!
संसद के शीतकालीन सत्र में ‘संविधान के 75 वर्ष’ के गौरवशाली मौके पर लोकसभा में दो दिनों की बहुत जीवंत…
पुस्तक समीक्षा-दावानल: इन्साफ़ की गैरमौजूदगी में बस्तर का सच दर्ज करने की बेहतरीन कोशिश
विख्यात समाजशास्त्री नन्दिनी सुन्दर बस्तर की गंभीर अध्येता हैं। वह बस्तर के सघन जंगली इलाकों में बहुत पहले से आती-जाती…
संविधान की विरासत को नहीं बचा सके उसके वारिस
एक समय था, जब डॉ. अम्बेडकर हों या यहां तक कि लोहिया हों, सभी लेखन, बहस और प्रकाशन के जरिये…