बोकारो। ’औरत तेरी यही कहानी........
आज इक्कीसवीं सदी में यह कविता कुछ बेमानी सी लगती है। लेकिन आज भी जब हम अपने इर्द-गिर्द के सामाजिक परिदृष्य पर नजर दौड़ाते हैं, तो हम इस कविता की पंक्ति को काफी हद तक...
लातेहार जिला मुख्यालय से लगभग 40 किमी दूर मनिका प्रखण्ड अन्तर्गत डोंकी पंचायत, हेसातु गाँव के एक दलित परिवार की 5 वर्षीया बच्ची निमनी कुमारी की भूख से मौत हो गई है।
इस गाँव में करीब 35 भुईयाँ परिवार रहते...
पलामू। दुनिया भर में ट्यूबरकुलोसिस (टीबी) से हर साल लगभग 15 लाख लोगों की मौत हो जाती है। दुनिया की लगभग एक चौथाई आबादी टीबी से संक्रमित है। जिसमें भारत का पहला स्थान है, भारत में 27 प्रतिशत लोग...
राँची। जब केंद्र सरकार की पहल पर अन्य राज्यों में फंसे राज्य के मजदूरों को लाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और पहली खेप में 1250 अप्रवासी मजदूर झारखंड लाए जा चुके हैं। तब सवाल उठता है कि...
रांची। भले ही कोरोना कहर के कारण आज पूरा देश लॉकडाउन का दंश झेल रहा है, लेकिन झारखंड अपने अलग राज्य गठन के 20 वर्षों के बाद अपनी ही समस्याओं के लॉकडाउन से ग्रस्त है। झारखंड अलग राज्य की...
राँची। पूरी दुनिया कोरोना से जंग लड़ रही है, भारत भी इससे अछूता नहीं है। पूरे देश में 3 मई तक लॉकडाउन है। देश के करोड़ों गरीब-मजदूर रोजगार और भूख को लेकर भयभीत हैं। एक तरफ सरकार किसी को...
रांची। कोरोना संक्रमण से बचने लिए पूरा देश पिछले कई दिनों से लॉकडाउन में है। इस लॉकडाउन से पूरे देश के गरीबों, दिहाड़ी मजदूरों एवं रोजगार के लिए गये दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों के जीवन पर बहुत बुरा...
बोकारो। लातेहार जिला मुख्यालय से 90 किमी दूर स्थित है माहुआडांड़ प्रखण्ड, जहां से महज 2 किमी की लंबी दूरी पर है अंबा टोली पंचायत का गुड़गु टोली गांव। कुंती नगेसिया यहीं रहती हैं। विधवा कुंती पर ज़िंदगी का...
राँची। झारखंड के गढ़वा जिला मुख्यालय से करीब 55 किमी दूर और भण्डरिया प्रखण्ड मुख्यालय से करीब 30 किमी उत्तर पूर्व घने जंगलों के बीच बसा है 700 की आबादी वाला एक आदिवासी बहुल कुरून नामक एक गांव। इसी...
पलामू। पलामू जिले के सतबरवा प्रखण्ड अंतर्गत पोंची भुइयां समुदाय का गांव है। यह आरजेडी के पूर्व विधायक और पूर्व सांसद मनोज भुइयां का पैतृक गांव भी है। वर्तमान में वे और उनकी पत्नी दोनों भाजपा में हैं और...