कौशांबी। सत्ता मद में चूर व्यक्ति कब क्या बोल जाता है, इस बात का होश तो उसे जब होता है तब तक बहुत देर होने के साथ-साथ सबकुछ बिगड़ चुका होता है। कुछ ऐसा ही कौशांबी के भाजपा सांसद विनोद सोनकर के साथ इन दिनों होता हुआ दिख रहा है। उनके बयान से वैश्य और ब्राह्मण समाज नाराज हो गया है। उनके बिगड़े बोल के वायरल हो रहे वीडियो ने हड़कंप मचा दिया है, वहीं इसको लेकर उनके अपने पार्टी संगठन सहित सरकार की भी खूब किरकिरी होने लगी है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो मुश्किलें खड़ी करने वाला है। उत्तर प्रदेश के कौशांबी में चौथे चरण में मतदान होना है, ऐसे समय में भाजपा सांसद विनोद सोनकर के अमर्यादित शब्दों को लेकर बवाल मचा है।
कौशांबी लोकसभा क्षेत्र में ब्राह्मण और वैश्य मतदाता सांसद विनोद सोनकर के बयान से खासा नाराज हैं। अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन उत्तर प्रदेश के महामंत्री शैलेंद्र अग्रहरि ने कहा है कि “वैश्य समाज के बारे में अमर्यादित शब्दों का उपयोग करना इस चुनाव में विनोद सोनकर के लिए भारी पड़ने वाला है। कौशाम्बी में लाखों की संख्या में वैश्य समाज के लोग रहते हैं। उनके खिलाफ इस तरीके की अनर्गल बातें बोलकर सोनकर ने अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारी है। उन्होंने चेतावनी देते हुए भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से कार्रवाई की मांग की है। साथ ही वैश्य समाज को सचेत भी किया है कि ऐसे लोगों को वोट न देकर समाज में फैल रही ऐसी गंदगियों का सफाया करें। देश में ऐसे नेता ही आपसी भाईचारे को खत्म करते हैं। हमें सावधान रहना चाहिए। यहां पर वह ऐसे शब्दों का समर्थन करते दिख रहे हैं जो किसी के लिए भी आत्म सम्मान के खिलाफ है, आने वाले चुनाव में इसका खामियाजा भारतीय जनता पार्टी को हर स्थान पर भुगतना पड़ सकता है।”

शैलेन्द्र अग्रहरि ने कहा कि “वैश्य समाज देश के विकास और आर्थिक संरचना की रीढ़ है। उसके साथ ऐसा व्यवहार करना दूषित मानसिकता को परिलक्षित करता है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर बीजेपी के बड़े नेताओं से भी इस बात की शिकायत की है।
वैश्य समाज हर परिस्थिति में बीजेपी को वोट करता रहा है। फिर भी वैश्य समाज के लिए बीजेपी नेताओं द्वारा ऐसी बातें कहने से समूचा समाज आक्रोशित है। विनोद सोनकर ने पहले वैश्य समाज को धर्म परिवर्तन करने वाला समाज भी कहा गया था। जगह-जगह वैश्य समाज के नेताओं ने इसकी निंदा की है।
कौशांबी सांसद के बिगड़े बोल का हो रहा विरोध
प्रदेश के विभिन्न जिलों से भी वैश्य नेताओं ने आक्रोश व्यक्त किया है, मिर्ज़ापुर, हापुड़, भदोही, प्रयागराज, बिजनौर सहित प्रदेश भर के दो दर्ज़न जिलों से अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन के नेताओं ने भी इस बात की घोर निंदा की है और इसे आपत्तिजनक बताया है। हापुड़ से प्रदेश मंत्री संजय अग्रवाल, भदोही से प्रदेश कोषाध्यक्ष शिवम बरनवाल, प्रायागराज से जिलाध्यक्ष मनीष गुप्ता, मिर्ज़ापुर से मण्डल प्रभारी राजकुमार स्वर्णकार, बिजनौर से युवा वैश्य नेता मुदित गुप्ता ने प्रदेश भर में अभियान चलाये जाने की बात कही है। वैश्य नेताओं ने ‘जनचौक’ को बताया है कि “वैश्य समाज की नाराज़गी कहीं इनके (कौशांबी सांसद) के लिए भारी न पड़ जाए।”
बिजनौर के युवा वैश्य नेता मुदित गुप्ता कहते हैं कि आखिरकार कौशांबी सांसद अपने आप को समझ क्या बैठे हैं। जनता के मतों से सदन में पहुंचने के बाद यह गुरुर पाल बैठते हैं कि जो हैं, सो हमीं हैं तो, यह गलतफहमी दूर हो जाएगी। वैश्य समाज ने ठान लिया तो फिर जमीन पर आते देर नहीं लगेगी।”
हापुड़ से वैश्य समाज के प्रदेश मंत्री संजय अग्रवाल सवाल करते हैं कि भाजपा के इन नौ रत्नों पर पार्टी संगठन कार्रवाई करने से क्यों कतरा रहा है?”
विरोध बढ़ते ही बदला पैंतरा
कौशांबी से भारतीय जनता पार्टी के सांसद व लोकसभा प्रत्याशी सांसद विनोद सोनकर ने पुलिस अधीक्षक कौशांबी को प्रार्थना पत्र देकर अवगत कराया है कि उनकी छवि को धूमिल करने व राजनीतिक नुकसान पहुंचाने के लिए विपक्षियों से मिलकर कुछ षड्यंत्रकारी लोग षडयंत्र पूर्वक तथाकथित वीडियो बनाकर प्रतिदिन सोशल मीडिया के माध्यम से जारी कर रहे हैं। षड्यंत्र कारियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई किए जाने मांग किया। प्रार्थना पत्र को संज्ञान में लेते हुए पुलिस अधीक्षक कौशांबी ने थाना मंझनपुर को प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने को आदेशित किया है। एसपी के निर्देश पर मंझनपुर पुलिस ने अज्ञात के विरुद्ध धारा 500 व 120 बी आईपीसी व 66 डी आईटी एक्ट के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दिया है। हालांकि कौशांबी सांसद विनोद सोनकर को लेकर वायरल हो रहे वीडियो की पुष्टि जनचौक नहीं करता है, लेकिन वायरल वीडियो में कौशांबी सांसद को साफ तौर पर देखा व सुना जा सकता है। जिसमें व कुछ लोगों के साथ शराब की बोतल लिए हुए पैग बना रहे हैं और ‘बनिए’ शब्द से किसी को संबोधित करते हुए जो जी में आया बके जा रहें हैं।
यह रहा है पूरा मामला
कौशांबी संसदीय क्षेत्र की बात करें तो यहां वैश्य मतों की संख्या 12 फीसदी तो ब्राह्मण समाज के मतों की संख्या 8 फीसदी बताई जाती है। योगी मोदी लहर में सांसद बनते आए विनोद सोनकर पुनः चुनाव मैदान में उतरे हैं। पार्टी संगठन ने तमाम विरोध गुणा गणित के बाद इन्हें मौका दिया है। सांसद महोदय ने वैश्य और ब्राह्मण समाज के लोगों को भला-बुरा कह कर बैठे बिठाए आफत मोल ले ली है। अब विनोद सोनकर का एक से एक आपत्तिजनक वीडियो वायरल हो सामने आ रहा है। जिसे लेकर जनमानस के बीच आक्रोश दिखाई पड़ रहा है। सांसद विनोद सोनकर कहते सुने जा रहे हैं ‘बनिया …. ल… है!
‘जहां जात है वही ल… खात है! का वीडियो वायरल होने के बाद वैश्य समाज के लोगों ने कहा है कि “सांसद विनोद सोनकर को पूर्व सांसद बनाना है और इसमें सहयोग की जरूरत है।
वैश्य समाज के लोगों का कहना है कि कौशांबी सांसद विनोद सोनकर का यह कहना कि बनिया ल… होत है, जहां जात है वही ल….. खात है!’ ऐसे में वह यह कैसे भूल बैठे हैं कि उनकी पार्टी, सरकार में बैठे कई दिग्गज भी उसी बनिया समाज से हैं, जिन्हें वह अनाप-शनाप बके जा रहें हैं। शायद सांसद विनोद सोनकर को मालूम नहीं है क्या कि अमित शाह और नंद गोपाल गुप्ता नंदी भी बनिया समाज से ही हैं।”
शैलेन्द्र अग्रहरि कहते हैं कि “सांसद विनोद सोनकर को अपने पर इतना ही घमंड है तो अमित शाह और नंद गोपाल नंदी को भी यह बोलने का साहस दिखलाए तो जाने।
सांसद से पूर्व सांसद बनाने की हो रही अपील
वैश्य नेताओं ने भी वैश्य समाज के लोगों का आह्वान करते हुए कहा है कि “कौशांबी सांसद को ‘पूर्व सांसद’ बनाने में अपना सहयोग दे अपनी ताकत का अहसास कराये नहीं तो जो चाहेगा वही समाज का अपमान करेगा। कोई भी किसी भी दल का हो, समाज का अपमान बिल्कुल बर्दास्त नहीं होना चाहिए।”
बनिया समाज के नेताओं ने कहा है कि “पानी जमने मत दो नहीं तो काई लग जाएगी। इस अभद्रता के बाद बनिया समाज के लोग क्या फिर से विनोद सोनकर को सांसद बनाकर अपना मर्दन कराएंगे।” इत्यादि चुभते हुए सवालों विचारों को प्रसारित करते हुए वैश्य समाज सांसद विनोद सोनकर को लेकर आक्रोशित हो उठा है।
दोयम दर्जे का बयान, यह कैसी मानसिकता
बड़बोले भाजपा सांसद विनोद सोनकर का आए दिन एक न एक विवादित वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर जोरदार चर्चा का विषय बना हुआ है। वायरल वीडियो भाजपा सांसद की मुश्किलें बढ़ा रही हैं। ऐसा भी नहीं है कि एक ही वीडियो हो, बल्कि कई वीडियो, कई पार्ट में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। जिसमें कई जाति के लोगों को बारी-बारी से अपमानित किया गया है, लेकिन इतना सब होने के बाद भी अभी तक न तो वायरल वीडियो बंद होने का नाम ले रहे हैं ना ही पार्टी हाईकमान ने इस पर कुछ बोलना मुनासिब समझा है।
स्थानीय लोग भी दबी जुबान कहते हैं कि “सांसद के एक नहीं कई चेहरे है उन सभी चेहरों पर अलग अलग मुखौटे हैं। उन सबकी धज्जियां उड़ाती वायरल वीडियो जनता को आईना दिखा रही है। जिस पर लोग क्या फैसला लेते हैं यह मतदान के बाद ही पूरी तरह से साफ हो पाएगा। गौर करें तो भाजपा सांसद विनोद सोनकर के वेब सीरीज ‘टन टना टन-टन के पार्ट लगातार वायरल हो रहे हैं। वैश्य समाज के 50 करोड़ की जमीन का 25 करोड़ में सौदा कर कब्जा कराने की बात सांसद विनोद सोनकर कह रहे हैं। उनके सामने बैठा व्यक्ति सांसद से कह रहा है कि ‘बनिया ल… है, जहां जात है वही ला…. है और सांसद मौन समर्थन दे रहे हैं। जो वायरल वीडियो में साफ तौर पर सुनाई भी दे रहा है और देखा भी जा सकता है।
संतोष गोयल कहते हैं कि “किसी देश की रीढ़ यानी की अर्थव्यवस्था में कोई जान फूंकता है तो वो देश का व्यापारी होता है। जिसके व्यापार से न केवल देश की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होती है, बल्कि देश का सिर भी गर्व से ऊंचा होता है, लेकिन जब ऐसे नेता जो जनता से ऊपर का अपने आप को समझ लेते है और अपने आपको जनता का माई-बाप समझ लेते हैं। जबकि इन्हें पता होना चाहिए कि “जिस जनता ने उन्हें अपने सिर पर बैठाया है, वही जनता जब कुर्सी से उतारती है तो उस नेता को कहीं बैठने तक की जगह नहीं बचती है।” बीते दो लोकसभा चुनावों में बनियों के समर्थन से सांसद विनोद सोनकर भारी बहुमत से विजयी घोषित हुए थे। तीसरी बार पुनः मैदान में उतरे हैं और भूल बैठे हैं कि “जब सत्ता का नशा चढ़ता है तब क्या गलत है क्या सही उसे कुछ भी परवाह नहीं रह जाता है।”
संतोष गोयल कहते हैं कि “वायरल वीडियो में सांसद विनोद सोनकर की परत दर परत चढ़ी हुई कलई खुलती हुई दिखाई दे रही है। वायरल वीडियो जनता को आईना भी दिखा रहा है कि उन्होंने ऐसे नेता का चुनाव कर लिया था जिसे रत्तीभर भी अपने क्षेत्र की आवाम की जरा भी परवाह नहीं रही है।”
(संतोष देव गिरी की रिपोर्ट)
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