नई दिल्ली। दिल्ली के सिंघु बॉर्डर से 30 जनवरी की शाम गिरफ्तार किए गए पत्रकार मनदीप पुनिया की ज़मानत की अर्जी आज रोहिणी की कोर्ट नंबर 115 में लगी थी। अदालत ने ज़मानत पर फैसला अगले दिन तक के लिए सुरक्षित रख लिया है। इस बीच एडिटर्स गिल्ड ने बयान जारी कर मनदीप की तत्काल रिहाई की मांग की है।
मनदीप की ज़मानत याचिका पर आज सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान पुलिस की दलील यह थी कि मनदीप के पास प्रेस कार्ड न होने के कारण उन्हें गिरफ्तार किया गया।
मनदीप के वकील ने प्रत्युत्तर में कहा कि स्वतंत्र पत्रकार को प्रेस कार्ड जारी नहीं किया जाता। मनदीप के पत्रकार होने के समर्थन में उसकी लिखी स्टोरीज़ और बाइलाइन प्रस्तुत की गयी।
सुनवाई के दौरान वहां मौजूद एक अन्य पत्रकार के मुताबिक सुनवाई के अंत तक अदालत की ओर से प्रेस कार्ड की मांग होती रही। इसके बाद शाम चार बजे सुनवाई समाप्त हुई और अदालत ने फैसला अगले दिन तक के लिए सुरक्षित रख लिया।

संपादकों की सबसे बड़ी संस्था एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने मनदीप पुनिया के समर्थन में एक बयान जारी किया है। बयान में मनदीप की गिरफ्तारी की कठोर निंदा की गयी है और तत्काल उसे रिहा करने की मांग की गयी है। पूरा बयान नीचे पढ़ा जा सकता है।
गिल्ड की अध्यक्षा सीमा मुस्तफा, महासचिव संजय कपूर और कोषाध्यक्ष अनंत नाथ की ओर से जारी इस बयान में कहा गया है कि एडिटर्स गिल्ड सिंघु बार्डर पर किसान आंदोलन को कवर रहे फ्री लांस जर्नलिस्ट मनदीप पुनिया की गिरफ्तारी पर गहरी चिंता जाहिर करती है। पुनिया की गिरफ्तारी उन युवा, साहसी और स्वतंत्र पत्रकारों की आवाजों को दबाने की कोशिश है जो अपनी रिपोर्टिंग के जरिये फेक न्यूज का पर्दाफाश करने के साथ ही सत्ता के सामने सत्य बोल रहे हैं। ईजीआई मनदीप की तत्काल रिहाई की मांग करती है साथ ही दिल्ली पुलिस ऐसी परिस्थितियों को बहाल करे जिसमें मीडिया बगैर किसी भय या फिर पक्षपात के रिपोर्टिंग कर सके।
(कुछ इनपुट जनपथ से लिए गए हैं।)
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