केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 7,926 करोड़ रुपये की कथित बैंक धोखाधड़ी को लेकर हैदराबाद के ट्रांसस्ट्रॉय (इंडिया) लिमिटेड और उसके निदेशकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह देश के बड़े बैंक घोटालों में एक है। आरोप है कि फ्रॉड से जुड़ी रकम काफी ज्यादा है। जितना पैसा भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी को भारतीय बैंकों को देना है, उससे भी ज्यादा पैसे का फ्रॉड हुआ है।
सीबीआई ने कंपनी और आरोपी निदेशकों के परिसरों की तलाशी ली और उसे अभियोजन योग्य दस्तावेज मिले। सीबीआई ने ट्रांसट्रॉय नाम की इस कंपनी के खिलाफ बैंकों के कंसोर्टियम के साथ कथित रूप से 7,926 करोड़ रुपये का फ्रॉड करने का मामला दर्ज किया है। प्राथमिकी में कंपनी, उसके अध्यक्ष-सह प्रबंध निदेशक चेरूकुरी श्रीधर और अतिरिक्त निदेशक रयापति संबाशिवा राव एवं अक्किनेनी सतीश को नामजद किया है।
आरोप है कि हैदराबाद की इस निजी कंपनी और उसके निदेशकों ने विभिन्न बैंकिंग व्यवस्थाओं के तहत ऋण लिया था। सीबीआई प्रवक्ता आर के गौड़ ने कहा कि केनरा बैंक की अगुवाई में बैंकों का समूह बनाया गया। यह भी आरोप है कि लेखा पुस्तिकाओं का फर्जीवाड़ा किया गया, स्टॉक विवरणों में जालसाजी की गई, तुलन-पत्र में छेड़छाड़ की गई और रकम को इधर-उधर ले जाकर प्राप्त किया गया, आदि बातें शामिल हैं।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि बैंक के सदस्यों को 7,926.01 करोड़ रुपये का चूना लगाकर निदेशकों ने पैसे गबन किया। गौड़ ने कहा कि हैदराबाद और गुंटूर में निजी कंपनी /अन्य आरोपियों के परिसरों की तलाशी की गई जिससे अभियोजनयोग्य दस्तावेज मिले। सीबीआई के अनुसार नीरव मोदी ने कथित रूप से 6000 करोड़ रूपये और उसके मामा ने 7080.86 करोड़ रुपये की हेराफेरी की थी।
हैदराबाद की ये कंपनी हाईवे, ब्रिज, इरिगेशन प्रोजेक्ट्स, मेट्रो संबंधित काम करती है। इसके अलावा कंपनी का ऑयल और गैस का भी बिजनेस है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के सितंबर 2019 के एक आदेश के मुताबिक ट्रांसट्रॉय फिलहाल लिक्विडेशन प्रक्रिया के तहत है। सीबीआई ने कंपनी के खिलाफ केस अपनी बेंगलुरु यूनिट में दर्ज किया है। सीबीआई ने 18 दिसंबर को आरोपियों के हैदराबाद और गुंटूर स्थित परिसरों पर छापेमारी की और फ्रॉड से जुड़े कागजात बरामद किए थे।
गौरतलब है कि कंपनी ने केनरा बैंक के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम से कई बैंकिंग अरेंजमेंट के जरिए क्रेडिट फैसिलिटी ली थी। आरोप है कि आरोपियों ने अकाउंट बुक के साथ छेड़छाड़, बैलेंस शीट्स में गड़बड़ जैसी हरकतें भी की हैं। आरोप है कि बैंकों के फंड का गबन किया गया और सैंक्शन हुए लोन का पैसा डाइवर्ट किया गया, और इससे केनरा बैंक समेत अन्य बैंकों को 7926.01 करोड़ का नुकसान हुआ।
(वरिष्ठ पत्रकार जेपी सिंह की रिपोर्ट।)