Friday, April 26, 2024

बिहार में होगा वर्चुअल बनाम जमीनी संघर्ष

बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार वर्चुअल प्रचार बनाम जमीनी संघर्ष के बीच मुकाबला होने जा रहा है। इसमें बाहर जाने वाले मजदूरों की अच्छी खासी भूमिका रहने वाली है। इसे भांपते हुए विभिन्न पार्टी नेताओं ने जुगत लगाना शुरू कर दिया है।  

भारतीय जनता पार्टी ने अमित शाह की वर्चुअल रैली के साथ बिहार विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान की शुरुआत कर दी है। इस रैली में यह स्पष्ट हुआ कि भाजपा अगला चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ने जा रही है और मुख्य विपक्षी दल राजद गठबंधन इस वर्चुअल प्रचार अभियान का मुकाबला जमीनी स्तर पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों से करने जा रहा है। भाजपा की बिहार जन संवाद नामक रैली के दिन ही मुख्य विपक्षी दल राजद ने थाली पीटकर मजदूर अधिकार दिवस मनाया और देश बंदी के दौरान मृत मजदूरों को याद किया, तबाह मजदूरों के साथ संवेदना व्यक्त की। कांग्रेस ने भी राज्य भर में मृत मजदूरों के प्रति श्रद्धांजलि दिवस मनाया। युवक कांग्रेस ने काले गुब्बारे उड़ाए। वामदलों ने राज्यभर में विश्वासघात दिवस मनाया।

भाजपा ने इस रैली को बिहार जनसंवाद रैली नाम दिया था। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई इस रैली के प्रसारण के लिए राज्यभर में करीब 72 हजार एलसीडी लगाए गए थे। सभी जिला, मंडल और मतदान केंन्द्र स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ आम लोगों की भी भागीदारी रही। पार्टी ने इस तरह की 75 रैली करने की योजना बनाई है। करीब 45 मिनट की इस रैली में शाह ने दावा किया कि आगामी चुनाव में भाजपा गठबंधन दो-तिहाई सीटें जीत कर सरकार बनाएगी क्योंकि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार का विकास-दर 3.9 प्रतिशत से बढ़कर 11.3 प्रतिशत हो गया है। उन्होंने रैली को दिल्ली से ही संबोधित किया। 

हालांकि शुरुआत में गृहमंत्री शाह ने कहा कि इस रैली का चुनावों से कोई लेना-देना नहीं है। यह लोगों को कोरोना वायरस के खिलाफ युद्ध में लोगों को साथ लाने का प्रयास है। लेकिन मुख्य विपक्षी दल राजद पर हमला करने से नहीं चूके। कहा कि भाजपा गठबंधन के राज में बिहार जंगल राज से निकल सका और जनता का राज कायम हुआ। वर्चुअल रैली के दौरान भाजपा के 45 सांगठनिक जिला, 1100 मंडल, 9000 शक्ति केन्द्रों और 72 हजार मतदान केन्द्रों पर एलसीडी लगाए गए थे। 

अमित शाह बिहार की रैली को संबोधित करते हुए।

विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा इकलौती पार्टी है जो मजदूरों की मौत पर जश्न मना रही है। युवक कांग्रेस ने काले गुब्बारे उड़ाए, प्रदेश अध्यक्ष गुंजन पटेल ने कहा कि आपदा के इस दौर में तामझाम के साथ वर्चुअल रैली करके भाजपा ने मजदूरों का मजाक उड़ाया है। रालोसपा के उपेन्द्र कुशवाहा

ने कहा कि रैली में अमित शाह का भाषण बकवास के सिवा कुछ नहीं था। 

इस बीच भाजपा की साझीदार जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत करने का कार्यक्रम बनाया है। वे रोजाना सुबह 11 बजे से शाम छह बजे तक कम से कम चार घंटा पार्टी के जिलाध्यक्ष से लेकर बूथ तक के कार्यकर्ताओं से बातचीत करेंगे। पार्टी कार्यकर्ताओं के इसके लिए मोबाइल एप तकनीक से जुड़ने के लिए कहा गया है। एप का लिंक कार्यकर्ताओं को भेजा गया है। अलग-अलग दिन अलग अलग जिलों के कार्यकर्ताओं के लिए निर्धारित किए गए हैं। भाजपा गठबंधन का तीसरा साझीदार लोजपा ने भी वर्चुअल माध्यम अपना लिया है। पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पार्टी पदाधिकारियों को संबोधित किया।  

 विपक्षी गठबंधन भी वर्चुअल माध्यम में अपनी उपस्थिति बनाए हुए है, पर उसका जोर जमीनी संघर्ष और गोलबंदी पर ज्यादा है। 

(पटना से वरिष्ठ पत्रकार अमरनाथ की रिपोर्ट।)

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