विनेश फोगाट की खबर देश को रुला गई

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जैसे ही देश में आज बारह बजे के लगभग विनेश फोगाट के फाइनल से बाहर होने की ख़बर आई पूरे देश में मातम छा गया। वैसे भी 5 अगस्त से बांग्लादेश में जल रही आग को देखकर सबका मन दुखित है। विनेश का नाम सुर्खियों में तब आया था जब चरखी दादरी हरियाणा की इस बाला ने एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर पहली महिला भारतीय पहलवान बनी थीं। वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीत कर विनेस टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली पहलवान थीं। अभी अभी मंगलवार को ही महिला 50 किलोग्राम भार वर्ग कुश्ती स्पर्धा के फाइनल में पहुंच कर उन्होंने इतिहास रचा था।

पेरिस ओलंपिक में आज रात (बुधवार) को उनका मुकाबला अमेरिका की सारा हिल्डब्रांड से होना था।ओवर वेट होने की वजह से विनेश को ओलंपिक से बाहर कर दिया गया। वो 50 किलो भारवर्ग फाइनल मुकाबले में खेलने नहीं उतर पाएंगी। आज़ उनका वजन सुबह 2 किग्रा अधिक था। बता दें कि फाइनल में पहुंचने के बाद विनेश फोगाट का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वो कोच के साथ अभ्यास कर रही थीं।

बताया जा रहा है कि विनेश पूरी रात सोयी नहीं थीं और सुबह उठकर पता चला कि उनका वजन तय सीमा से करीब 2 किग्रा अधिक है। वजन को नियंत्रण में लाने के लिए उन्होंने खाना नहीं खाया। पानी भी कम पिया लेकिन तब भी उनका वजन 100 ग्राम ऊपर पाया गया। विनेश फोगाट के खेमे की ओर से वजन को नियंत्रण में लाने के लिए कुछ घंटों की मांग की गई थी लेकिन इस मांग को ठुकरा दिया गया, खैर विनेश अब ओलंपिक्स से बाहर हो गई हैं, जिससे हम भारतवासियों को बहुत बड़ा झटका लगा है।

फाइनल से वंचित होने के ही साथ-साथ यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के अनुसार नियम कहता है कि यदि कोई एथलीट वजन करने की प्रक्रिया के दोनों प्रयासों में तय सीमा से अधिक वजन के साथ पाया जाता है। तो उस एथलीट को ना तो कोई मेडल मिलेगा, कम्पटीशन से बाहर कर दिया जाएगा और ना ही उन्हें कोई रैंक दी जाएगी। स्पष्ट शब्दों में कहें तो डिसक्वालीफाई होने के बाद विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक्स 2024 में अब कोई मेडल नहीं जीत पाएंगी यानि फाइनल में पहुंचने के बावजूद विनेश को बिना मेडल घर वापस लौटना पड़ेगा। फाइनल में पहुंचने के बावजूद गोल्ड मिलना तो दूर की बात, अब उन्हें सिल्वर और ब्रॉन्ज से भी हाथ धोना पड़ गया है।

इस दुखद निर्णय से विनेश बहुत परेशान हैं उनके बेहोश होने की खबर सामने आई है। विनेश फोगाट को पेर‍िस के एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। जानकारी के मुताबिक उनको IV फ्लूइड देने की सिफारिश की गई है। विनेश ड‍िहाइड्रेशन के कारण अस्पताल में भर्ती की गई थीं। जो अपडेट सामने आया है, उसके मुताबिक विनेश अभी ओलंपिक गांव के पॉलीक्लिनिक में हैं। वे ठीक और स्थिर हैं। अब आराम कर रही हैं।

ज्ञातव्य हो विनेश फोगाट ने अपना वजन 53 किलो से घटाकर 50 किलो भारवर्ग में हिस्सा लिया था। किसी भी खिलाड़ी के वजन की जानकारी रखना उसके कोच का काम होता है। कोच की जिम्मेदारी होती है कि वो अपने खिलाड़ी को हर उस चीज से दूर रखे जिससे वजन बढ़ने की आशंका हो। कोच को न्यूट्रिशियन के साथ मिलकर खाने पीने का ध्यान रखना होता है और समय-समय पर उनके भार का ट्रैक रखना होता है। विनेश फोगाट अगर भार की वजह से ओलंपिक से बाहर हुई हैं तो यह जिम्मेदारी उनके कोच की है। यह जानकारी न्यूज 18 से बात करते हुए डॉ. सुशील राजपूत (नोएडा कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन के चेयरमैन और कुश्ती कोच) ने दी है।

इस बीच देश ने उनके फाइनल में पहुंचने पर जो खुशियां मनाई थी उस पर विराम लग गया है किंतु विनेश ने जिस जद्दोजहद से स्वर्ण लाने का उपक्रम किया था वह काबिले तारीफ है।आपको याद होगा महिला पहलवानों ने तब कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह और कोच पर महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न, अभद्रता, क्षेत्रवाद जैसे गंभीर आरोप लगाए थे और अनशन पर बैठी थीं उस पर कोई कार्रवाई ना होते देखे उन्होंने संसद के बाहर यौनहिंसा की शिकायत पर भारत सरकार की अवज्ञा हेतु जो प्रदर्शन किया था उसमें दिल्ली पलिस ने इनके साथ मारपीट की।

उसके बावजूद विनेश ने देश के लिए ना केवल वजन घटाना बल्कि सब कुछ अपमान भूलकर दिलोजान से ओलम्पिक में खेला। इस ग़मनाक खबर से उनकी मित्र साक्षी मलिक के ये शब्द ‘मेरा दिल घबराया हुआ और परेशान है।’उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है कि विनेश ने जो किया है वह कल्पना से परे है। यह शायद इस ओलंपिक में किसी भारतीय एथलीट के साथ हुई सबसे विनाशकारी घटना है।

यकीनन यह घटना विनेश के लिए ही नहीं समूचे देश और उन सब खेल प्रेमियों के लिए दिल दुखाने वाली है जो मेहनत कर देश के लिए जी-जान से खेलते हैं।उनका साथ यदि भारत सरकार ना दे, उनकी बात ना सुने फिर भी देश के लिए खेलने वाली विनेश बधाई की पात्र हैं। खैरियत है प्रधानमंत्री जी ने इस दुखद निर्णय पर कम से कम खेद व्यक्त कर दिया है। विनेश घबराओ नहीं -आज अंधियारा है कल सुबह होगी। तुम्हारे देश प्रेम और मेहनत को सलाम।

(सुसंस्कृति परिहार सामाजिक कार्यकर्ता और टिप्पणीकार हैं।)

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