Saturday, April 20, 2024

पाटलिपुत्र की जंग: यूपी से सटे बिहार की सीमा पर सूबे के नेताओं ने डाला कैंप

पटना। बिहार विधान सभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान तीन नवंबर को होगा। इस दिन राज्य के 94 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। खास बात यह है कि इनमें से 33 सीटों पर जीत की गणित को अपने पक्ष में करने के लिए यूपी के नेताओं ने अपनी पूरी जान लड़ा दी है। वैसे तो सभी दलों के नेता इसमें शामिल हैं लेकिन बीजेपी नेताओं की संख्या इसमें सबसे ज्यादा है। उन्होंने पूरा दाना-पानी लेकर यहां डेरा डाल दिया है। बहरहाल इनकी मेहनत कितनी रंग लाएगी वह सब कुछ भविष्य के गर्भ में है।

उत्तर प्रदेश और देश की सत्ता पर काबिज बीजेपी अपनी सत्ता का विस्तार चाहती है। पूरे उत्तर भारत को फतह करने के बावजूद बिहार के किले में स्वतंत्र सत्ता न काबिज करने का दाग उसके दामन पर मौजूद है। और इस कलंक को बीजेपी इस चुनाव में धो डालना चाहती है। इसीलिए इस चुनाव को उसने जीवन मरण का प्रश्न बना लिया है और अपने सभी नेताओं को यहां के चुनाव प्रचार में झोंक दिया है। हालांकि बीजेपी की जदयू के साथ बिहार में साझा सरकार है। इस साझा रिश्ते को बीजेपी बिहार में छोटे भाई के बजाय अब बड़े भाई के रूप में देखना चाहती है। बात यहीं खत्म नहीं हो जाती है। बिहार में जीत के बाद ही पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भी एक बड़े मनोबल के साथ वह हिस्सा तभी ले पाएगी। जब बिहार उसकी झोली में होगा। आपको बता दें कि बंगाल में चुनाव अगले वर्ष के अप्रैल माह में प्रस्तावित है।

यूपी से सटे हैं बिहार के चार पूर्वोत्तर जिले 

दूसरे चरण के तीन नवंबर को होने वाले चुनाव के क्रम में यूपी से सटे चार जिलों में 33 सीट है। जिसमें सिवान की 8, गोपालगंज की 6, सारण की 10, पूर्वी चंपारण की 6 ,पश्चिमी चंपारण की 3 सीटें शामिल हैं। 

दूसरे चरण में  मुजफ्फरपुर, शिवहर, वैशाली, पटना, नालंदा, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया और भागलपुर की भी सीटों पर मतदान होगा।

योगी आदित्यनाथ कर रहे हैं सभाएं

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार सीमावर्ती जिलों में सभाएं कर रहे हैं। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री जगदंबिका पाल कैंप किए हुए हैं। साथ ही सलेमपुर के सांसद रवींद्र सिंह कुशवाहा व भाजयुमो के पदाधिकारी भी इन जिलों में एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए हैं। इसके अलावा अन्य पार्टियों ने भी यहां ध्यान केंद्रित किया है।जिसमें कांग्रेस पार्टी की तरफ से यूथ कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव यादव सिवान व गोपालगंज जिले के महागठबंधन के उम्मीदवारों के लिए प्रचार कर रहे हैं ।

माले भी इस मामले में पीछे नहीं

माले की कई सीटें सिवान, भोरे तथा छपरा में हैं। यहां अपने प्रत्याशियों के प्रचार-प्रसार के लिए पार्टी ने यूपी के कई नेताओं को बुला रखा है। इसमें महत्वपूर्ण नेताओं में यूपी के पार्टी सचिव सुधाकर यादव हैं जिन्हें प्रचार के लिए भोरे में लगाया गया है। इसके अलावा राज्य कमेटी के सदस्य और देवरिया में पार्टी के लोकप्रिय नेता राम किशोर वर्मा को भी सिवान के इलाके में प्रचार की जिम्मेदारी दी गयी है। इसी तरह से बलिया और गाजीपुर के भी कुछ नेताओं को इन इलाकों में तैनात किया गया है।

वाम दलों से 14 उम्मीदवारों का है सीधा मुकाबला

दूसरे चरण में महागठबंधन के प्रमुख घटक वाम दलों से 14 दावेदार हैं। जिनका एनडीए से मुकाबला है। जिसमें भोरे से सीपीआई (एमएल) के जितेंद्र पासवान, जिरादेई से अमरजीत सिंह कुशवाहा, दरौली से सत्यदेव राम, दरोंदा से अमरनाथ यादव, दीघा से शशि यादव, फुलवारी से गोपाल रविदास उम्मीदवार हैं। सीपीआई से बखरी सीट से सूर्य कांत पासवान, तेघड़ा से रामरतन सिंह, बछवाड़ा से अवधेश कुमार राय, झंझारपुर से रामनारायण यादव तथा सीपीएम से विभूतीपुर सीट से अजय कुमार, मांझी से सत्यदेव यादव, मटिहानी से राजेंद्र प्रसाद सिंह दावेदार हैं।

दूसरे चरण के चुनाव की खास तस्वीरें

महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के चेहरे तेजस्वी यादव और उनके भाई तथा पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव सहित कई दिग्गजों की चुनावी किस्मत तय होनी है। वर्ष 2015 चुनाव मे आरजेडी और जेडीयू ने मिलकर लड़ा था। पिछले चुनाव में राजद के 33, जदयू के 30, कांग्रेस के सात विधायक जीते थे, जबकि राजग को महज 22 सीटों से संतोष करना पड़ा था। पिछले चुनाव में जदयू जहां राजद और कांग्रेस के साथ चुनाव मैदान में उतरी थी जबकि राजग में भाजपा के साथ लोकजनशक्ति पार्टी (लोजपा) और राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (रालोसपा) थी। इस चुनाव में जदयू राजग में आ गई है, जबकि लोजपा अकेले तथा रोलासपा अलग गठबंधन के साथ है।

इस बार राजद ने 56 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं व अन्य पर उनके सहयोगी चुनाव मैदान में हैं। जिसमें वाम दलों में सीपीआई (एमल) की सर्वाधिक 9  सीटें शामिल हैं। जहां  27 सीटों पर भाजपा के साथ राजद का सीधा मुकाबला है। 25 सीटों पर जदयू के साथ आमने-सामने की लड़ाई है। भाजपा के 46 प्रत्याशी व  जदयू ने 43 प्रत्याशी हैं।

इन उम्मीदवारों पर रहेगी सबकी नजर

राघोपुर से तेजस्वी यादव और हसनपुर सीट पर  तेज प्रताप यादव प्रत्याशी  हैं। इसके अलावा महागठबंधन के 27 विधायकों की प्रतिष्ठा दांव पर है।

राजद के प्रधान महासचिव आलोक कुमार मेहता उजियारपुर से राजद प्रत्याशी हैं जबकि पूर्व सांसद युवा राजद के अध्यक्ष शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल बिहपुर सीट से मैदान में हैं। पूर्व सांसद आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद शिवहर सीट से चुनाव मैदान में हैं तो पूर्व सांसद रामा सिंह की पत्नी बीना सिंह वैशाली की महनार सीट से चुनावी भाग्य आजमा रही हैं। अभिनेता और पूर्व सांसद शत्रुघ्न सिन्हा के पुत्र लव सिन्हा का भी राजनीतिक भविष्य दूसरे चरण के मतदान से तय होना है। जदयू-भाजपा 2010 की तरह इस बार वापस एक-साथ मैदान में हैं। जिनके द्वारा सरकार की पुनः वापसी करने का संघर्ष है।

(पटना से स्वतंत्र पत्रकार जितेंद्र उपाध्याय की रिपोर्ट।)

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