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  • ये चीन से रिश्ता सुधारने की पहल है, या एक दांव?   

    ये चीन से रिश्ता सुधारने की पहल है, या एक दांव?   

    क्या भारत सरकार की चीन नीति में बड़ा बदलाव आया है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी पत्रिका न्यूजवीक को दिए इंटरव्यू में जो कहा, उससे इस बारे में कयास लगाने का पर्याप्त आधार मिलता है। इस इंटरव्यू (Exclusive Interview: Narendra Modi and the Unstoppable Rise of India (newsweek.com)) में मोदी मेल-मिलाप की मुद्रा में नजर…

  • यूथ फॉर हिमालय के प्रतिनिधिमंडल ने शंभू बॉर्डर पहुंच कर किया किसान आंदोलन का समर्थन 

    यूथ फॉर हिमालय के प्रतिनिधिमंडल ने शंभू बॉर्डर पहुंच कर किया किसान आंदोलन का समर्थन 

    शंभू बॉर्डर। हिमालयी राज्यों के युवाओं के समूह यूथ फॉर हिमालय के प्रतिनिधिमंडल ने शंभू बार्डर पर पहुंच कर किसान आंदोलन का समर्थन किया और हिमालय स्टैंड विद फार्मर का नारा बुलंद किया। इसके अलावा प्रतिनिधि मंडल ने अलग-अलग किसान संगठनों के नेताओं से मुलाकात कर हिमालयी राज्यों के किसानों, मजदूरों, दलित आदिवासियों के विभिन्न…

  • फाराह बॉर्डर खुला, गाजा पट्टी में हो गयी रसद भेजने की शुरुआत

    फाराह बॉर्डर खुला, गाजा पट्टी में हो गयी रसद भेजने की शुरुआत

    नई दिल्ली। गाजा और मिस्र के बीच बहुप्रतीक्षित राफाह बॉर्डर खुल गया है। और खाद्य पदार्थों और दूसरी जरूरी सामग्रियों से लदे ट्रक बॉर्डर से गाजा इलाके में घुसना शुरू कर दिए हैं। बताया जा रहा है कि अभी 20 ट्रकों को इजाजत दी गयी है। लेकिन तमाम मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इसे ऊंट के मुंह…

  • लेबनान-इजराइल बॉर्डर पर पर दूसरा मोर्चा खुला, ईरान ने दी इजराइल को चेतावनी

    लेबनान-इजराइल बॉर्डर पर पर दूसरा मोर्चा खुला, ईरान ने दी इजराइल को चेतावनी

    नई दिल्ली। इजराइल के टैंक गाजा से सटी जालियों के बाड़ेबंदी के पास इकट्ठे होने शुरू हो गए हैं। यहां सेना अपने पूरे साजो-सामान को बढ़ाती जा रही है। और किसी भी समय वह गाजा पर जमीनी हमला कर सकती है। अमेरिका ने इजराइल के समर्थन में अपना दूसरा जहाजी बेड़ा भेज दिया है। इसका…

  • असम-मेघालय सीमा विवाद कभी भी ले सकता है हिंसक मोड़

    असम-मेघालय सीमा विवाद कभी भी ले सकता है हिंसक मोड़

    गुवाहाटी। 24 अगस्त, 2023 को असम के कार्बी आंगलोंग के तापत गांव में मेघालय की ओर से प्रवेश करने वाले लोगों द्वारा कुछ कार्बी घरों को आग लगा दी गई। यह घटना खंडुली क्षेत्र के आसपास असम-मेघालय सीमा पर होने वाली हिंसक घटनाओं की श्रृंखला का हिस्सा है। इससे पहले खासी छात्र संघ (केएसयू) ने…

  • मंदसौर गोलीकांड की बरसी: कब मिलेगा शहीद किसानों के साथ न्याय?

    मंदसौर गोलीकांड की बरसी: कब मिलेगा शहीद किसानों के साथ न्याय?

    मंदसौर किसान आंदोलन के पांच वर्ष आज पूरे हो रहे हैं। आज पुलिस गोली चालन में शहीद हुए छह किसानों की गांव में बनी मूर्तियों पर ग्रामवासियों द्वारा पुष्पांजलि अर्पित की जा रही है। श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मैं और जयस के संरक्षक डॉ अभय ओहरी आज उपस्थित हैं। मंदसौर के शहीद…

  • किसान मोर्चा 31 जनवरी को देश भर में मनाएगा ‘विश्वासघात दिवस’

    किसान मोर्चा 31 जनवरी को देश भर में मनाएगा ‘विश्वासघात दिवस’

    नई दिल्ली। आज दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर हुई संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में मोर्चे के कार्यक्रम व भविष्य की दिशा पर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मोर्चे ने घोर निराशा और रोष व्यक्त किया कि भारत सरकार के 9 दिसंबर के जिस पत्र के आधार पर हमने मोर्चे उठाने का फैसला किया था,…

  • सीमा पर चीनी हरकतों पर भारत की कड़ी प्रतिक्रिया, कहा- सब कुछ असमर्थनीय और हास्यास्पद

    सीमा पर चीनी हरकतों पर भारत की कड़ी प्रतिक्रिया, कहा- सब कुछ असमर्थनीय और हास्यास्पद

    आखिरकार भारत सरकार ने लद्दाख इलाके में स्थित पैंगांग त्सो झील पर चीन द्वारा पुल बनाए जाने की बात को स्वीकार कर लिया है। इसके साथ ही उसने अरुणाचल में कुछ इलाकों के नामकरण को मूर्खतापूर्ण कार्यवाही बताते हुए दोनों मसलों पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। कल विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने वर्चुअल प्रेस…

  • कारपोरेट शक्ति पर लोक शक्ति की विजय का वर्ष

    कारपोरेट शक्ति पर लोक शक्ति की विजय का वर्ष

    देश के किसानों के लिए यह वर्ष ऐतिहासिक आंदोलन की सफलता का वर्ष रहा। वर्ष की शुरुआत बॉर्डरों पर किसान आंदोलन पर सरकारों के बेबुनियाद आरोपों और फ़र्ज़ी मुकदमों से हुई। बॉर्डरों पर किसानों को हमले भी झेलने पड़े। सर्दी, गर्मी, बरसात, बेमौसम आंधी तूफान का सामना भी करना पड़ा। किसान आंदोलन ने 715 किसानों…

  • किसान आंदोलन: जश्न के बीच से झांकती चुनौतियां

    किसान आंदोलन: जश्न के बीच से झांकती चुनौतियां

    यहां सड़क पर कीले उगीं हैं। कंटीले तारों ने अपने ही देश के नागरिकों को जानवरों की तरह घेर रखा है। आपका स्वागत फौज़ी बूटों की कर्कश ध्वनियों से होता है। यह कश्मीर नहीं किसानों के आंदोलन-स्थल की तस्वीर है। वही जगह जो भारतीय राजसत्ता के केंद्र रायसीना हिल्स से महज कुछ किलोमीटर की दूरी…