मोदी सरकार की नीतियों का विरोध करने पर बीएचयू प्रशासन ने भेजा 9 छात्रों को नोटिस

Estimated read time 1 min read

वाराणसी। मोदी सरकार की नीतियों का जुलूस निकालकर विरोध करने पर बीएचयू के 9 छात्र-छात्राओं को प्रशासन ने नोटिस भेजा है। यह पहला मौका होगा जब कोई विश्वविद्यालय प्रशासन अपने छात्रों के खिलाफ इसलिए कार्रवाई कर रहा है क्योंकि उन्होंने सरकार की नीतियों का विरोध किया है।

प्रशासन के इस रवैये के खिलाफ भगत सिंह छात्र मोर्चा के सदस्यों ने प्रेस कांफ्रेंस कर अपना विरोध दर्ज किया। मधुवन पार्क में हुई इस प्रेस कांफ्रेंस में छात्रों का कहना था कि बीएचयू प्रशासन उन्हें नोटिस देकर डराना चाहता है। ज्ञात हो कि 19 नवम्बर को BHU के छात्रों ने JNU में फीस वृद्धि की मुखालफत कर रहे छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में मार्च निकाला था। ‘नरेंद्र मोदी, शिक्षा विरोधी’ बैनर तले निकाले गए इस मार्च में भगतसिंह छात्र मोर्चा समेत कई संगठनों के छात्र-छात्राएं शामिल थे। जुलूस विश्वनाथ मंदिर से निकलकर लंका गेट तक गया था। लेकिन इस मार्च का संज्ञान प्रशासन ने जनवरी में लिया। और उसने दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए 9 छात्रों को नोटिस जारी कर दिया। छात्रों ने बताया कि नोटिस में छात्र-छात्राओं को गुमराह बताया गया है। दिलचस्प बात यह है कि नोटिस चिन्हित लोगों को ही भेजी गयी है। जिन छात्र-छात्राओं को निशाना बनाकर नोटिस दिया गया है वे सभी विश्वविद्यालय के होनहार छात्र-छात्राएं हैं और बीएचयू प्रशासन की गलत नीतियों के खिलाफ मुखर रहते हैं। 

आप को बता दें कि भगत सिंह छात्र मोर्चा ने सितंबर में 8 दिनों का भूख हड़ताल किया था। इस नोटिस में संगठन से जुड़े 6 लोग भी शामिल हैं। छात्र-छात्राओं ने बताया कि अगर इस तरह लोगों को टारगेट करके हमला किया जाता रहा तो हम सभी वाइस चांसलर का घेराव करेंगे। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जो छात्र-छात्राएं बीएचयू में अराजकता और तोड़-फोड़ करते हैं प्रशासन उनको कोई नोटिस नहीं देता है। उल्टा उन्हें प्रशासन की शह मिलती रही है। पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 19 नवम्बर के मार्च के दौरान भी ABVP के पतंजलि पांडेय और अरुण चौबे सहित अन्य ने शांतिपूर्ण मार्च में शामिल लड़के-लड़कियों पर हमला किया था। उनके साथ गाली गलौज और धक्का मुक्की की थी। लेकिन प्रशासन ने उनको कोई नोटिस नहीं दिया। 

भगत सिंह छात्र मोर्चा ने न केवल नोटिस को खारिज कर दिया बल्कि उन्होंने उसकी होली भी जलाई। संगठन के लोगों का कहना है कि हम सब दुर्भावनापूर्ण असंवैधानिक नोटिस से डरने वाले नहीं हैं। बीएचयू देश के संविधान के ऊपर नहीं है और हम सभी संविधान के अनुसार काम करने वाले संगठन हैं। इस कांफ्रेंस को बीसीएम उपाध्यक्ष विश्वनाथ, सह सचिव आकांक्षा,नितीश, आयुषी भूषण ने संबोधित किया।

+ There are no comments

Add yours

You May Also Like

More From Author