बॉलीवुड को यूपी ले जाने का योगी का ‘मुंगेरी सपना’!

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मोदी-शाह बनाम संघ के बीच योगी जी का आर्यन केस में शुमार होना किसी अचरज से कम नहीं । वैसे आजकल योगी जी को संघ का साथ मज़बूती से मिला हुआ है। मुंबई के एयरपोर्ट पर अडानी के पोस्टर जब शिवसेना ने उखाड़े तभी लगने लगा था समूची मुंबई अब अंबानी से लेकर अडानी के पीछे हाथ धोकर पड़ जाएगी। यह लड़ाई अब सौराष्ट्र के बाद यू पी के खिलाफ महाराष्ट्र में तब्दील हो चुकी है। इसलिए महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक के इस बयान पर विश्वास किया जाना चाहिए कि फिल्म इंडस्ट्री को बदनाम करके इसे नोएडा ले जाने में कुछ ना कुछ रहस्य तो ज़रूर है। लगता है नगपुरिया संघ इसे विखंडित करने का इरादा कर चुका है। क्योंकि इस पर अब तक शिव सेना का आधिपत्य माना जाता है सारी कमाई का लाभ उसे ही जाता है।उसके विखंडित होने का संघ लाभ लेना चाहता है।

गुजरात की बजाए अब उसे उत्तर प्रदेश से ज्यादा आशाएं हैं क्योंकि भक्ति, जातिवाद, और पिछड़ेपन से अभी वह ग्रस्त हैं। दूजे प्रधानमंत्री बनने का रास्ता भी उत्तरप्रदेश से खुलता है।यही वजह है कि मोदी जी गुजरात छोड़कर बनारस जैसी अध्यात्म नगरी से चुनाव लड़ते हैं नेहरू, इंदिरा, विश्वनाथ प्रताप सिंह,चन्द्रशेखर, राजीव गांधी और नरेन्द्र मोदी जैसे लंबी अवधि के प्रधानमंत्री यहीं से हैं।संघ भगवा वस्त्र धारी आदित्य नाथ योगी गोरखनाथ पीठेश्वर को आगत प्रधानमंत्री के रूप में देख रहा है। इसलिए संघ उनकी स्थिति को आर्थिक दृष्टि से मज़बूत करने और युवाओं को आकर्षित करने फिल्म इंडस्ट्री के लिए उत्तर प्रदेश में तैयारी करता नज़र आता है। कतिपय समाचारों से ऐसी जानकारी भी मिली है कि उ. प्र. में आधुनिक ड्रग मुक्त व अपराध मुक्त फिल्म सिटी का निर्माण प्रारंभ हो गया है। जिसके लिए अनुपम खेर तथा कंगना राणावत लगातार सक्रिय हैं।

जैसा कि हम लोग जानते हैं कि दाऊद इब्राहिम एक ऐसा नाम है जिसके इशारे के बिना फिल्म इंडस्ट्री का पत्ता भी नहीं हिलता। कहते हैं आजकल उसका भाई अनीस इब्राहिम मुंबई में सक्रिय है। इससे संघ शुरू से परेशान है। जब तक शिवसेना से गठबंधन रहा कुछ शेयर मिलता रहा है। हो सकता है दाऊद उसके गुर्गों, और फिल्मों के खानों से मुक्त फिल्म इंडस्ट्री बनाने का इरादा हो। खानों की अकूत कमाई पर एक प्रहार आर्यन मामले में दिखा है। इससे पहले कई बार इन्हें ट्रोल भी किया जाता रहा है। फिल्म इंडस्ट्री की एका और लव-जिहाद से भी संघ हमेशा परेशान रहा है। हो सकता है इन सबका समाधान इंडस्ट्री से पलायन में देखा जा रहा हो।

लोग नवाब मलिक पर ही सवाल उठाने लगे हैं। उनके सूचना केन्द्र कितने पुख्ता हैं। इस बात से संघ विचलित है। आर्यन मामले में एनएसबी के जो अंदरूनी चित्र वे सामने लाए हैं उनसे एनएसबी की ही कलई नहीं खुलती बल्कि इसके तार कहां कहां जुड़े हुए हैं यह भी धीरे-धीरे सामने आता जा रहा है।ऐसा लगता है दाऊद की तरह संघ एन एस बी के ज़रिए बड़ा खेला खेलता रहा है और इसके अधिकारी दिखावे के लिए बराबर जेल जाते रहे हैं। नवाब मलिक के बारे में यह सवाल भी उठ रहा है वह पहले कबाड़ी था अब करोड़ पति कैसे हो गया ? जबकि बहुतेरे लोग आर्य़न खान मामले में असली हीरो नवाब मलिक को मान रहे हैं और उन्हें सैल्यूट कर रहे हैं।समीर वानखेड़े के वसूली कांड से निकलते जा रहे ये तथ्य कितने सत्य हैं ? इसके प्रामाणिक तौर पर ताजमहल होटल में फिल्म इंडस्ट्री के सम्बंध में हुई बैठक को बताया जा रहा है जहां योगी ख़ुद मौजूद थे अपने चहेते भाजपाई स्टारडम के साथ। कहा जाता है यहां नोएडा में यूपीवुड की चर्चाएं हुईं थीं। फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री खुलकर योगी का समर्थन कर रहे हैं वे केंद्र की कोई फिल्म संगठन में चूंकि सदस्य हैं।

बहरहाल,आमची मुंबई के बहुसंख्यक कलाकार , फिल्म निर्देशक, आम लोग जिनमें उत्तर प्रदेश के लाखों करोड़ लोग भी शामिल हैं इसे मुंगेरीलाल के हसीन सपने के बतौर देख रहे हैं। नवाब मलिक ने केंद्र सरकार के साथ-साथ यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर हमला बोला और कहा कि सीएम योगी का ‘यूपीवुड’ बनाने का सपना धरा रह जाएगा।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में नवाब मलिक ने कहा कि समीर वानखेड़े के माध्यम से महाराष्ट्र की सरकार (महा विकास अघाड़ी) को बदनाम करने की साजिश रची गई है। देखना है योगी और संघ की इस तमन्ना का क्या हाल होता है समीर वानखेड़े को सरकारी संरक्षण और महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक के खुलासे पर फिल्मी दुनिया ही नहीं बल्कि पूरे देश की नज़र है।
(सुसंस्कृति परिहार स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)

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