नौ दिन से भूखी महिला मजदूरों पर पुलिस का क्रूर हमला: कई महिलाएं अस्पताल में भर्ती

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रुद्रपुर, उत्तराखंड। 29 अक्टूबर 2024 की रात को पुलिस प्रशासन द्वारा डॉल्फिन कम्पनी की अनशनकारी महिला पिंकी गंगवार, अन्य अनशनकारी महिलाओं और उनकी सेवा में लगी महिलाओं के साथ में की गई बर्बरता के विरोध में आज आम आदमी पार्टी के बैनर तले उत्तराखंड सरकार, प्रशासन, श्रम विभाग और डॉल्फिन कंपनी मालिक के गठजोड़ का पुतला दहन किया गया । 

इस दौरान सभा को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि डॉल्फिन कंपनी मालिक के इशारे पर पुलिस द्वारा महिलाओं के कपड़े फाड़कर उन्हें नग्न किया गया, उनसे लात घूसों से मारा, जमीन पर पटक-पटक कर मारा गया और बेहोश होने पर लावारिस छोड़ दिया। 

जिस कारण से चार महिलाऐं अभी भी जिला अस्पताल में भर्ती हैं। दीपावली पर्व से ठीक पहले महिलाओं के साथ में हुए उक्त अत्याचार से स्पष्ट है कि भाजपा आरएसएस का उत्तराखंड में रामराज्य नहीं बल्कि रावण राज चल रहा है।

कल महिलाओं के साथ हुए जुल्म अत्याचार को देखकर आम आदमी पार्टी के महानगर अध्यक्ष स. सतपाल ठुकराल जी इतने अधिक आहत हुए कि उन्होंने घटना के तुरंत बाद ही आमरण अनशन शुरू कर दिया है जो कि न्याय मिलने तक जारी रहेगा।साथ ही डॉल्फिन मजदूर संगठन के अध्यक्ष ललित कुमार भी कल से ही आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। 

पुतला दहन के कार्यक्रम के बाद सिडकुल क्षेत्र के मजदूरों की संयुक्त मोर्चे की बैठक हुई जिसमें सर्वसम्मति से घोषणा की गई है कि महिलाओं के साथ कल हुई इस बर्बरता को देखते हुए और डॉल्फिन कम्पनी के मजदूरों पर हो रहे जुल्म अत्याचार को देखते हुए हम सभी आहत लोग कल दीपावली पर्व के अवसर पर गांधी पार्क, रुद्रपुर, जि. ऊधमसिंहनगर में सामूहिक रूप से काली दिवाली मनाएंगे और स्थापित करेंगे कि यहां रामराज्य नहीं बल्कि रावण राज स्थापित हो चुका है।

जहां पीड़ित मजदूरों को सत्ता द्वारा बेरहमी से कुचला जाता है और अरबपति कम्पनी मालिक के इशारों पर महिलाओं की नरबलि लेने को ये सत्ताधारी लोग सबसे पवित्र काम मानते हैं। 

आज की सभा को आम आदमी पार्टी के महानगर अध्यक्ष सतपाल ठुकराल जी, महिला मोर्चा अध्यक्ष किरन पांडे विश्वास, डॉल्फिन मजदूर संगठन की उपाध्यक्ष सुनीता, इंकलाबी मजदूर केंद्र के भू.पू. अध्यक्ष कैलाश भट्ट, मजदूर सहयोग केंद्र (CSTU) के केंद्रीय अध्यक्ष मुकुल, लुकास मजदूर संघ के महामंत्री मनोहर मनराल आदि ने सम्बोधित किया। 

डॉल्फिन मजदूर संगठन की उपाध्यक्ष सुनीता ने कहा कि डॉल्फिन कम्पनी मालिक के झूठ का एक और पुलिंदा हमें सहायक श्रमायुक्त महोदया की ओर से प्राप्त हुआ, जिसमें यह बात सामने आई कि कम्पनी ने 26 सितंबर 2024 के बाद से अब तक काम पर वापस गए जिन कथित 140 मजदूरों की सूची सौंपी है वो एकदम फर्जी है।

कारण कि उस लिस्ट के हिसाब से सिर्फ 42 मजदूर ही काम पर वापस लौटे हैं। यदि यहां श्रम विभाग के DLC और ALC अधिकारियों  के भीतर जरा भी कर्तब्य बोध होता तो वो श्रम कानूनों के अनुसार कंपनी मालिक के उपर तत्काल जिला कोर्ट में फर्जी जानकारी देने के आरोप में आपराधिक मुकदमा दर्ज करते। 

डॉल्फिन मजदूर संगठन के कोषाध्यक्ष विक्की ने कहा कि कम्पनी ने इस बार भी बोनस भुगतान अधिनियम का घोर उल्लंघन किया है और श्रमिकों को मात्र 5,000 से 1,000 रुपये ही बोनस दिया है। कई को तो मात्र 2,400 रुपये ही बोनस दिया है जो कि न्यूनतम 8.33%से भी बहुत कम है।

क्योंकि कम्पनी को बहुत अधिक मुनाफा हुआ है तो फिर बोनस एक्ट कानून के अनुसार मजदूरों को न्यूनतम 20% की दर से बोनस भुगतान किया जाना चाहिए था, जो करीब 25 से 30 हजार रुपये बैठता है। कई मजदूरों को तो अभी भी बोनस दिया ही नहीं गया है। इसकी शिकायत ALC से की जा चुकी है। 

आज हमें अचानक पता चला की आमरण अनशनकारी राम अवतार की माताजी का स्वास्थ्य बहुत खराब है, (कई और रोगग्रस्त महिलाओं की तरह) उनका पहले से ही स्वास्थ्य खराब चल रहा था। ऐसे में सभी मजदूरों ने आम सभा की और उक्त संवेदनशील मुद्दे पर गहराई से विचार किया और सर्वसम्मति से पूरे सम्मान से उनका अनशन तुड़वाकर उन्हें माताजी की देखरेख के लिए घर भेज दिया।

उनके स्थान पर आकाश नामक मजदूर साथी आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। अनशनकारी महिलाऐं गांधी पार्क और अस्पताल दोनों जगह पर मजबूती से अनशन पर डटी हुई हैं (अस्पताल में भी बहादुरी से अनशन को जारी रख रही हैं)। भाजपा की महिला विरोधी डबल इंजन की सरकार के रावणराज को चुनौती पेश कर रही हैं।

अनशनकारी पिंकी गंगवार अनशन शुरू करने के चार दिन पहले ही टाइफाइड से उबर पाई थी। उनका शरीर पहले ही बहुत कमजोर है। एक वीडियो में दिखाई दे रहा है कि वह चारपाई में गिरी हुई रहती हैं, लेकिन नर्स उन्हें नहीं उठाती। यह प्रदर्शित करता है कि जिला प्रशासन और राज्य को अनशनकारी मजदूरों के जान की कितनी फिक्र है।

इसके उलट वो निश्चिंत है कि उनके मजदूरों की नरबलि का प्रयोग सफल रहने वाला है। जिससे देश दुनियां के पूंजीपतियों को संदेश दिया जा सके कि आओ और मजदूरों का पसीना ही नहीं खून भी बहाने से संकोच न करो, मुनाफा पीटो। आखिर इसीलिए तो सीएम धामी ने श्रम मंत्रालय अपने पास रखा है।

लेकिन पिंकी जैसी बहादुर मजदूर भी मैदान में अड़े हैं। अस्पताल में देखरेख को मौजूद अन्य मजदूर साथियों में से किसी को भी पिंकी अपनी गम्भीर हालत के बावजूद अपने पास नहीं आने दे रही है। पास जाने पर वो साथी लोगों को चीख़ पुकार कर दूर भगा देती हैं।

वह कह रही है जब मुझे जिला प्रशासन जबरदस्ती लाया है तो देखभाल भी वही करेगा।

आज अनशनकारियों के साथ में सुनीता, शीतल, शाज़मीन, सीमा, अनीता, रजनी, सहित सैकड़ों मजदूर साथी उपस्थित थे।  

(प्रेस विज्ञप्ति)

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