अहमदाबाद। सोमवार को शाम 4 बजे भारत के प्रतिष्ठित संस्थान IIM अहमदाबाद के बाहर सैकड़ों की संख्या में छात्र छात्राएं, सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षक जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पुलिस द्वारा की गई बर्बरता के खिलाफ प्ले कार्ड और बैनर के साथ एकत्र हुए। और जामिया, अलीगढ़ के छात्रों के साथ एकजुटता का संदेश दिया। ये लोग नागरिकता संशोधन कानून और NRC का भी विरोध कर रहे थे। अभी प्रदर्शन शुरु हुआ तभी पुलिस ने इन लोगों को डिटेन कर लिया। और सभी को गुजरात यूनिवर्सिटी पुलिस स्टेशन ले गए। प्रदर्शन में IIM के अलावा CEPT यूनिवर्सिटी, गुजरात यूनिवर्सिटी, अहमदाबाद यूनिवर्सिटी, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, NID, IIT गांधी नगर, सेंट्रल यूनिवर्सिटी के छात्र छात्रा और शिक्षक शामिल थे।

गांधीवादी और अर्थशास्त्री प्रोफेसर हेमंत शाह को पुलिस ने उस समय डिटेन कर लिया जब वह मीडिया से बात कर रहे थे। इसके अलावा IIM के प्रोफेसर नवदीप, ANHAD की नूर जहां दीवान और देव देसाई, अल्पसंख्यक अधिकार मंच के शमशाद पठान SFI के नितेश मोहन, मजलीसे मशावरत के इकराम बेग मिर्ज़ा, अनीस शेख इत्यादि को हिरासत में लिया गया। इनके अलावा जन संघर्ष मंच की निर्जरी सिन्हा, मल्लिका साराबाई गुजरात लेखक मण्डल के मनीषी जानी सहित दर्जनों जानी मानी हस्तियां एकजुटता के इस प्रदर्शन में शामिल थीं।

एक तरफ प्रदर्शनकारी और पुलिस में चूहे बिल्ली का खेल चल रहा था तो दूसरी तरफ गुजरात यूनिवर्सिटी पुलिस स्टेशन के बाहर वकील सामाजिक कार्यकर्ता और छात्र एकत्र हो रहे थे। तकरीबन दो घंटे तक IIM पर प्रदर्शन और गिरफतारी चलती रही। उसके बाद 200-250 लोग पुलिस स्टेशन के बाहर गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन किए और नारे लगाए। देव देसाई ने बताया “पुलिस हम सब के खिलाफ FIR दर्ज करने वाली थी। लेकिन बाहर लोगों की भीड़ देख केवल डिटेंशन दिखा कर छोड़ दिया”।

लगभग शाम को 7 बजे कांग्रेस प्रदेश प्रमुख अमित चावडा ने NSUI के साथ मिलकर LD कॉलेज के बाहर IIM से की गई गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन किया। चावडा सहित दर्जनों कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भी पुलिस ने डिटेन किया और फिर रिहा कर दिया।
देव देसाई ने जन चौक को बताया “जामिया और अलीगढ़ में हुई बर्बरता से हम सभी आहत थे। इसीलिए हम कुछ लोगों ने प्रदर्शन के लिए समान विचार के शिक्षकों, छात्रों से बात कर जब सोशल मीडिया पर IIM के फुटपाथ पर एकत्र होने के लिए सूचित किया तो हमारे ट्वीट को गोपीनाथ कन्नन और योगेंद्र यादव ने रिट्वीट किया जिसके बाद पुलिस सक्रिय हो गई। CEPT यूनिवर्सिटी के छात्र भार्गव और चार पांच छात्रों को पुलिस ने अनुमति देने के बहाने से बुलाकर प्रदर्शन से पहले डिटेन कर लिया था।”
आज भी गांधी अश्रम में NRC और नागरिक संसोधन कानून के विरोध में कार्यक्रम रखा गया है। 19 दिसम्बर को कई सामाजिक संगठनों ने अहमदाबाद बंद का ऐलान किया है।
(अहमदाबाद से जनचौक संवाददाता कलीम सिद्दीकी की रिपोर्ट।)
इसके साथ ही कल ही दिल्ली के आईआईटी से लेकर बीएचयू, इलाहाबाद विश्वविद्यालय और लखनऊ में भी जगह-जगह प्रदर्शन हुए।