हम आंदोलन जीतने के लिए लड़ते हैं जो भी कुर्बानी देनी होगी देंगे: चढूनी

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जमुआ, आज़मगढ़। जमीन-मकान बचाओ संघर्ष के पच्चीसवें दिन हरियाणा के किसान नेता गुरुनाम सिंह चढूनी, उत्तराखंड के किसान नेता जगतार सिंह बाजवा, संदीप पाण्डेय पहुंचे किसान पंचायत में।

हरियाणा के किसान नेता गुरुनाम सिंह चढूनी ने कहा कि सरकारों से लड़ना हम जानते हैं, क्योंकि कुर्बानी का जज्बा हममें है। हम आंदोलन जीतने के लिए लड़ते हैं चाहे जो भी कुर्बानी देनी होगी हम देंगे। पूरे देश का किसान आंदोलन आपके साथ। जरूरत पड़ी तो हम यहां मोर्चा लगाएंगे। सरकार गांठ बांध ले अपना हवाई जहाज उड़ाने का सपना छोड़ दे नहीं तो दिल्ली से बड़ा आंदोलन का गढ़ आज़मगढ़ बनेगा। सरकार को समझ लेना चाहिए कि टाइम से चली जाए। किसान कर्जदार होता है तो उसके फ़ोटो लगाए जाते हैं पर किसी पूंजीपति का कभी फ़ोटो नहीं लगाया गया। सरकार किसानों को बेज्जत करती है।

उत्तराखंड के किसान नेता जगतार सिंह बाजवा ने कहा कि जो सरकार आपको उजाड़ना चाहती है हम उसको उसके पूजीपतियों को उखाड़ फेकेंगे। हमारी एकजुटता इस सरकार को झुका देगी। सत्ता का स्वरूप बदला पर कंपनियों का धंधा नहीं। ये सरकार ईस्ट इंडिया कंपनी का रूप है। किसी भी उद्योगपति का बेटा आज़ादी के आंदोलन में शहीद नहीं हुआ। हमारे पूर्वजों ने देश को आज़ाद कराने की लड़ाई लड़ी। ये माताएं-बहनें तय करेंगी इस लड़ाई की जीत को। संयुक्त किसान मोर्चा आपके साथ रहेगा। सरकार से लड़ाई के लिए संकल्प मजबूत होना चाहिए। सिर्फ एक विकल्प है जीत का। जो पार्टी हमारे साथ नहीं उसके नेता को गांव में घुसने नहीं देंगे।

संदीप पाण्डेय ने कहा कि आवारा पशु खेती बर्बाद कर रहे और आवारा सरकार गरीबों को उजाड़ रही। जिस तरह से किसान आंदोलन ने तय किया कि मुल्क का भविष्य उसी तरह आज सरदार नेताओं की मौजूदगी ने किसान आंदोलन को मजबूत किया। ये सरकार अडानी के लिए आपकी जमीनें लूटना चाहती है। अगर योगी आदित्यनाथ आज़मगढ़ हवाई अड्डे के शिलान्यास करने की कोशिश की तो उनका काले झंडों से स्वागत किया जाएगा। अगर सरकार किसानों-मजदूरों की बात नहीं मानी तो योगी का हेलीकॉप्टर हमारी जमीन पर नहीं उतर पाएगा।

किसान नेता राजीव यादव ने कहा कि हरियाणा, उत्तराखंड के किसान नेताओं ने संघर्ष को धार दे दी है। आज़मगढ़ के किसानों ने जो बिगुल फूंका है आज सूबे ही नहीं मुल्क के किसान संघर्ष की आवाज से आवाज मिला दी है। पूर्वांचल की धरती पर लड़ी जा रही यह लड़ाई निर्णायक होगी। जमीन के लुटेरे अपना बोरिया-बस्ता बांधकर देश छोड़ने को तैयार हो जाएं।

किसान नेता बलराम यादव, उमेश वर्मा, राजनेत यादव, वीरेंद्र यादव, राजेश आज़ाद, राजेन्द्र यादव ने पंचायत को संबोधित किया।

(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)

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