नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम को 26 अगस्त तक गिरफ्तारी से अंतरिम प्रोटेक्शन दे दिया है। यानी कि ईडी उन्हें 26 अगस्त तक गिरफ्तार नहीं कर सकती है। जबकि सीबीआई से जुड़े जमानत के मामले को सुनवाई के लिए 26 अगस्त तक टाल दिया। मामलों की सुनवाई जस्टिस आर बानुमती और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच कर रही थी।
आज ईडी मामले में चिदंबरम को प्रोटेक्शन देते हुए कोर्ट ने कहा कि वह 26 अगस्त को इसकी फिर सुनवाई करेगा। गौरतलब है कि इसी दिन सीबीआई के मामले की भी सुनवाई होगी।
ईडी मामले में सीलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कोर्ट को कोई भी आदेश पारित करने से पहले प्रमाणों से होकर गुजरना चाहिए। उन्होंने पैसे की लांडरिंग करने के लिए सेल कंपनियों का उदाहरण देते हुए कहा कि उनके पास विदेश में 10 संपत्तियां हैं और 17 बैंक एकाउंट खोले गए हैं। ये सब इसी मामले से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि जब तक उनसे कस्टडी में लेकर पूछताछ नहीं की जाती है वह हमेशा बचते रहेंगे। ऐसे में इस बड़ी साजिश का पर्दाफाश कर पाना मुश्किल होगा।
उन्होंने कहा कि चिदंबरम ने पीटर और इंद्राणी मुखर्जी को एफआईपीबी से क्लीयरेंस मिल जाने का भरोसा दिलाया था। और इंद्राणी मुखर्जी इस मामले में अब गवाह बन गयी हैं। जो एक जीता-जागता सबूत है।
इस बीच, चिदंबरम के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हाईकोर्ट के जज ने उनको जमानत देने से इंकार करने के पीछे एक बिल्कुल अलग ही केस – एयरसेल मैक्सिस- का जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि यह दिखाता है कि “मुझे राहत देने से इंकार करने के लिए दिमाग कैसे काम कर रहा है।” इस पर मेहता ने कहा कि हाईकोर्ट का आदेश केस डायरी देखने के बाद ही आया था जिसमें पीटर मुखर्जी और इंद्राणी ने चिदंबरम से मुलाकात की थी।
कपिल सिब्बल ने दावा किया कि ईडी केस की सुनवाई खत्म होने के बाद सरकारी वकील ने हाईकोर्ट जज को एक नोट दिया था। सालीसीटर मेहता ने इसका तीखा विरोध किया। उन्होंने कहा कि कृपया गलत बयान मत दीजिए। फिर उसका जवाब देते हुए सिब्बल ने कहा कि वह झूठ नहीं बोल रहे हैं और आगे कहा कि हाईकोर्ट के जजमेंट के कुछ हिस्से उस नोट के कट पेस्ट हैं।
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