प्रयागराज। निर्माण मजदूरों की विभिन्न मांगों के लिए निर्माण मजदूर यूनियन संबद्ध ऑल इंडिया कंस्ट्रक्शन वर्कर्स फेडरेशन संबद्ध (ऐक्टू) ने लेबर चौराहा अल्लापुर प्रयागराज में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान नेताओं ने कहा कि मोदी शासन मेहनतकश लोगों का जीवन, जीविका एवं अधिकार और देश का लोकतंत्र तबाही का सामना कर रहे हैं।
देश का दूसरे नम्बर का सबसे बड़ा श्रमबल और अर्थव्यवस्था (जीडीपी) में 10 प्रतिशत से अधिक का योगदान करने वाले निर्माण मजदूर आज अपनी रोजी-रोटी और सामाजिक सुरक्षा समेत तमाम अधिकारों पर सबसे बदतर हमले का सामना कर रहे हैं।
लंबे संघर्ष से हासिल’ निर्माण मजदूरों के लिये केंद्रीय कानून 1996 और इसके तहत बने राज्य स्तरीय कल्याण बोर्डो को खत्म करने के लिये मोदी सरकार अपने पिछले कार्यकाल में सामाजिक सुरक्षा कोड ले आई।
कल्याण बोर्डों से निर्माण मजदूरों ने अपने लिये अलग, एक कानूनी सामाजिक सुरक्षा हासिल की थी जिसे इस कोड के माध्यम से खत्म किया जा रहा है। जैसे 150 लाख रुपये से कम वाले आवासीय निर्माण कार्यों को कानून के दायरे से बाहर कर दिया गया।
दिहाड़ी मजदूरों ने पिछले कुछ सालों में सबसे बड़ी तादाद में आत्महत्याएं की है। तमाम मजदूरों को गुलामी की स्थिति में धकेलने और मालिकों/ पूंजीपतियों के चरम मुनाफों के लिये 4 श्रम कोड कानून बना दिये गये हैं।
ये सभी कोड मोदी सरकार पिछले दरवाजे से इन कोडों को पिछले कार्यकाल से ही लागू करने का यत्न कर रही है। यही वजह है कि उत्तर प्रदेश में सभी कल्याणकारी योजनाओं को धीरे धीरे बंद कर दिया गया।
हमला समूचे मजदूर वर्ग पर है, आम जनता के हर हिस्से पर है जरूरत एकताबद्ध संघर्ष और संकल्प की है। मजदूर आंदोलन की एक प्रमुख शक्ति के बतौर निर्माण मजदूरों को खड़ा होना होगा और कि मोदी-3 की सरकार के चोर दरवाजे से 1996 के निर्माण मजदूरों के कल्याण लिए बने कानून को खत्म करने की कोशिशों को ध्वस्त करना होगा।
आज प्रदर्शन में सुनील मौर्य, नारायण, शोभनाथ, शमशेर, अनिरुद्ध, राम सागर, नरेश आदि शामिल थे।
(प्रेस विज्ञप्ति)
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