मणिपुर के 5 जिलों में लगाया गया कर्फ्यू, सुरक्षा में खड़े सेना पर हो रही पत्थरबाजी की अपील

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नई दिल्ली। मणिपुर के पांच जिलों में एक बार फिर कर्फ्यू लगा दिया गया है। राज्य चार महीनों से हिंसा की चपेट में है। पांचवे महीने में भी हिंसक घटनाओं को रोकने में पुलिस-प्रशासन नाकाम साबित हुआ है। राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति लगातार बदतर होती जा रही है।

मंगलवार को अधिकारियों ने बताया कि शांति बहाल करने के लिए राज्य के पांच घाटी जिलों में पूर्ण रुप से कर्फ्यू लगा दिया गया है। मणिपुर में 3 मई से शुरु हुई हिंसा में अबतक 170 से अधिक लोगों को मौत हो चुकी है, 60000 से ज्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं और करीब 5000 से अधिक घरों को जला दिया गया है।

बुधवार को मणिपुर इंटीग्रिटी समन्वय समिति (COCOMI) और इसकी महिला शाखा ने मांग की थी कि घाटी जिलों से कर्फ्यू को हटाया जाए। जिसके मद्देनजर बिष्णुपुर, काकचिंग, थौबल, इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व में कर्फ्यू में ढील को रद्द कर दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को चुराचांदपुर से कुछ किलोमीटर दूर बिष्णुपुर जिले के फौगाकचाओ इखाई में सेना की मोर्चाबंदी की गई।

सरकार द्वारा जल्दबाजी में बुलाए गए प्रेस कांफ्रेंस में सरकारी प्रवक्ता और सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री सपम रंजन ने बताया कि सरकार ने COCOMI से 6 सितंबर को तोरबुंग के पास फौगाकचाओ इखाई में सेना के बैरिकेड पर पत्थरबाजी करने की प्रस्तावित योजना को वापस लेने की अपील की है। इसके साथ ही सपम रंजन ने जनता से अनुरोध किया है कि राज्य में सरकार द्वारा उठाए गए सुरक्षा कदम का समर्थन करें।

अधिकारियों ने कहा कि स्वास्थ्य, बिजली, पीएचईडी, पेट्रोल पंप, स्कूल/कॉलेज, नगर पालिका, मीडिया, अदालतों के कामकाज और उड़ान यात्रियों जैसी आवश्यक सेवाओं से संबंधित व्यक्तियों की आवाजाही को कर्फ्यू से छूट दी जाएगी।

COCOMI के मीडिया समन्वयक सोमेंद्रो थोकचोम ने कहा कि समिति ने पहले सरकार और संबंधित अधिकारियों से 30 अगस्त तक बैरिकेड हटाने का आग्रह किया था। लोगों से बैरिकेड तोड़ने का आग्रह करते हुए थोकचोम ने कहा कि अगर कुछ भी गलत होता है तो राज्य सरकार इसके लिए जिम्मेदार होगी।

स्थानीय लोगों ने कहा कि फौगाचाओ इखाई में बैरिकेड के कारण, वे टोरबुंग में अपने आवासों पर नहीं जा पा रहे थे, जिसे उन्होंने 3 मई को हिंसा भड़कने के बाद खाली कर दिया था।

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