नई दिल्ली। चांद बाग स्थित भारत गैस के ऑफिस से 30 भरे हुए सिलेंडर लूटे गए थे। इसके अलावा 10 लाख रुपए से ज़्यादा की नगदी वहां से लूट ली गई थी। ये जानकारी खुद भारत गैस के मालिक अशोक ने दी।
उत्तर–पूर्वी दिल्ली में दंगों पर दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की दो पेज की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हिंसा के दौरान अधिक से अधिक क्षति पहुंचाने के लिए गैस सिलेंडर का इस्तेमाल किया गया। उपद्रवियों ने जिस भी मकान और दुकान को आग के हवाले किया उसमें इस दौरान लूटपाट भी की गई। यह रिपोर्ट दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग (डीएमसी) के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान और सदस्य करतार सिंह कोचर के हिंसा प्रभावित इलाके के दौरे पर आधारित है।
भारत गैस के दफ्तर से ठीक सटी हुई अंग्रेजी शराब की दुकान के शटर तोड़कर शराब की बोतलें लूट ली गईं। ये बात कई प्रत्यक्षदर्शियों और पीड़ितों ने बताया है कि दहशतगर्द पूरी तरह से शराब के नशे में थे। कई मस्जिदों में शराब की टूटी बोतलें और गैस सिलेंडर के टुकड़े मिले हैं।

डेढ़ दर्जन से ज़्यादा मस्जिद, मदरसों और मजारों को गैस सिलेंडर से उड़ा दिया गया।
दिल्ली हिंसा में मुस्लिम समुदाय के इबादत स्थलों को जमकर निशाना बनाया गया। भगवा दहशतगर्दों की भीड़, हेलमेट पहने, लाठियां और लोहे की रॉड लिए जय श्रीराम के नारे लगाते मस्जिदों के अंदर घुसती है। कुरान को फाड़ते हैं, दान-पेटियां तोड़ते हैं वहां मौजूद लोगों का कत्ल करते हैं। खिड़कियां तोड़ते हैं, कालीनों और चटाइयों में आग लगाकर उनमें गैस सिलेंडरों को फेंक देते हैं ताकि धमाके के साथ पूरी मस्जिद उड़ जाए।
25 फरवरी की दोपहर अशोक नगर की मस्जिद पर हनुमान की तस्वीर वाला भगवा ध्वज फहराए जाने की वीडियो तो पूरी दुनिया देख चुकी है। अशोक नगर में जितेंद्र और दो अन्य हिंदुओं ने जामा मस्जिद (मौला बख़्श मस्जिद) पर हमला करने जा रहे दंगाइयों का विरोध किया। जवाब में उन्होंने शर्मा के घर पर पथराव किया।
बृजपुरी की फ़रूकिया जामा मस्जिद को 25 फरवरी करीब साढ़े छः बजे नमाज़ ख़त्म होते ही निशाना बनाया गया। उपद्रवियों ने मस्जिद से लौट रहे लोगों पर हमला किया और उन्हें बड़ी बेरहमी से मारा। मोहम्मद ज़ाकिर और मोहम्मद मेहताब मौके पर ही मारे गए। अरीब जो पहले मदरसे में पढ़ता था कई दिनों तक कोमा में रहा और हाल ही में उसकी भी मौत हो गयी। मस्जिद के इमाम मुफ्ती ताहिर, मुअज़्ज़िन जलालुद्दीन और हाजी अब्बास को कई फ्रैक्चर हुए और वो अभी अस्पताल में हैं।
उपद्रवी अगले दिन सुबह आठ बजे निकले। उन लोगों ने मदरसे पर हमला किया। सारे दस्तावेज़ जला दिए, CCTV कैमरे तोड़ दिए और दान पेटियों का सारा धन लूट कर ले गये। उस मदरसे में बृजपुरी के 200 बच्चे पढ़ते थे। स्थानीय लोगों की मानें तो मदरसे के कई बच्चे गायब हो गए हैं।
करावल नगर से सटे शिव विहार की तय्यबा मस्जिद में 25 तारीख को क़रीब 300 लोग हेलमेट पहने दूसरे रास्ते से गली में घुस आए और उन लोगों ने मस्जिद का दरवाज़ा तोड़ दिया। अख़्तर ने बताया कि 60 मुस्लिम जिनमें 20 बच्चे और 15 महिलाएँ थीं, मस्जिद में शरण लिये हुए थे। सब के सब तीसरे माले की छत पर भागे और पीछे से दरवाज़ा बंद कर लिया। और फिर भीड़ उन्हें हर मंज़िल पर तलाशती रही जब तक वो ऊपर छत तक नही पहुँच गए।

इस मस्जिद को दो बार आग लगायी गयी। पहले 25 फरवरी को जिसे बाद में बुझा भी दी गयी। लेकिन 26 तारीख़ को वापस आकर उसे फिर से जला दिया गया।
सी ब्लॉक गली नम्बर 29 खजूरी ख़ास स्थित फ़ातिमा मस्जिद है जो बाकी गली की तरह 25 फरवरी को भगवा दहशतगर्दों के क्रूरता का शिकार हुई। हमलावरों ने पहले पत्थरबाज़ी की और फिर पेट्रोल बम फेंके। लोगों ने बताया कि वो घरों की छतों पर यह आस लगाए चढ़ गए कि पुलिस मदद करने आएगी। पुलिस आयी भी लेकिन काफी समय बाद।
शिव बिहार की मदीना मस्जिद में 25 फरवरी को भगवा दंगाइयों ने जय श्री राम का नारा लगाते हुए पहले मस्जिद में तोड़ फोड़ की। वहां रखे पाक कुरान को फाड़कर जमीन पर फेंक दिया। फिर उसमें बैठकर शराब पिया। और आख़िर में मस्जिद को आग के हवाले कर दिया।धमाके के साथ उड़ाने आए तो उन्हें एक स्थानीय हिंदू ने अपने घर से लाकर 2 सिलेंडर दिए।
औलिया मस्जिद में भी इसी तरह से भगवा दहशतगर्दों ने आग जनी और लूट मार की।
भागीरथी विहार में जब मस्जिद का दरवाज़ा नही तोड़ पाए तो दंगाइयों ने दो खिड़कियों की ग्रिल उखाड़ डाली और जलते हुए टायर अंदर फेंककर आग लगा दिया।

200 परिवारों की इकलौती इबादत गाह गोकुलपुरी की जन्नती मस्जिद भी भगवा दहशतगर्दों का निशाना बनी। जहां आगजनी और तोड़फोड़ करके पूरी दीवार गिरा दी गई। जैसे अंदर कोई चीज रखकर जला दी गयी हो। मस्जिद तोड़ने के बाद दहशतगर्दों ने बाहर एक पर्ची लगाई थी कि ये मस्जिद 200 रुपए में बिकाऊ है।
गांवड़ी गाँव के अज़ीज़िया मस्जिद को पूरी तरह से आग जनी करके तबाह कर दिया गया। सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे उसे तोड़ डाला। उसके बाद कुरआन शरीफ को फाड़कर आग में फेंक दिया गया। 300 से ज़्यादा दंगाई हेलमेट पहने हुए आए वो लगातार जय श्री राम के नारे लगा रहे थे, उनके हाथों में लाठी डंडा, सरिया थी। वो फायरिंग भी कर रहे थे।
चाँद बाग़ स्थित चाँद बाबा की मजार को फूँक दिया गया। इसका वीडियो भी ख़ूब वायरल हुआ था। बाबरपुर के मदरसे को जलाने की बात भगवा दंगाइयों ने दुस्साहस पूर्वक कबूल भी किया था।
ऐसे और भी मस्जिद, मजार और मदरसे हैं जो आग जनी, तोड़फोड़, लूट मार और धमाके के शिकार हुए।
(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)
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