लखनऊ। मिश्रिख संसदीय क्षेत्र में बाबा साहब अम्बेडकर की मूर्ति को पुलिस द्वारा हटाए जाने का विरोध बढ़ता जा रहा है। स्थानीय नागिरकों ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिख कर मूर्ति को स्थापित कारने की मांग की है। प्रशासन यदि मूर्ति को वापस नहीं लगवाता है तो क्षेत्रवासी 13 मई को मिश्रिख संसदीय क्षेत्र में मतदान का बहिष्कार करेंगे।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले की सण्डीला तहसील की ग्राम सभा मण्डौली के केसरीपुर गांव के लोगों ने ग्राम प्रधान मालती की लिखित सहमति से इस वर्ष 11 फरवरी, 2024 को गांव के हुनमान मंदिर के निकट डॉ. भीमराव अम्बेडकर की मूर्ति रखवाई। इस मूर्ति का अनावरण अम्बेडकर जयंती को दिन में आयोजित एक कार्यक्रम में हुआ। कार्यक्रम में जिला पंचायत सदस्य नन्हे लाल भी मौजूद थे। कार्यक्रम के दौरान या मूर्ति रखे जाने को लेकर 14 अप्रैल तक किसी किस्म का कोई विवाद किसी से नहीं हुआ।
लगभग दो महीने के बाद 14 अप्रैल को शाम को 7 बजे 31 जीपों, एक बस व एक जे.सी.बी. मशीन के साथ पुलिस पहुंची। लोगों के विरोध करने के बावजूद रात को बारह बजे तक पहले खुद व बाद में ग्राम प्रधान के पति राज बहादुर को बुला कर उसके लोगों को लगवा कर मूर्ति हटवा दी गई और उसका चबूतरा तोड़ दिया गया। सवाल यह है कि बगल में हनुमान मंदिर भी है। यदि लोगों के आस्था का एक केन्द्र गांव में रह सकता है तो लोगों की दूसरी आस्था के केन्द्र को बुलडोजर लगाकर हटाने के पीछे क्या मंशा है?
इस मामले में 20 नामजद व एक अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ और सुरेश पुत्र रूपन को एक दिन सण्डीला थाने पर रख जेल भेज दिया गया जहां से उसे जमानत करानी पड़ी। ग्रामीणों, जो सभी अनुसूचित जाति से हैं, ने तय किया कि यदि मतदान के दिन 13 मई की सुबह 7 बजे तक डॉ अम्बेकर की मूर्ति को प्रशासन वापस लाकर नहीं लगाता है, तो हम मतदान का बहिष्कार करेंगे। हमारा मतदान केन्द्र सण्डीला विधान सभा में प्राथमिक विद्यालय, रानी खेड़ा, ग्राम सभा मण्डौली, जिला हरदोई है।
(जनचौक की रिपोर्ट)
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