नई दिल्ली। शाहीन बाग़ की जिस रोड को लेकर पूरे देश में बवाल काटा गया उसकी हक़ीक़त अब सामने आ गयी है। ख़ुद दिल्ली पुलिस ने इस बात को मान लिया है कि नोएडा और दिल्ली को जोड़ने वाले कालिंदी कुंज के वैकल्पिक रोड को ख़ुद उसने बंद किया था।
यह जानकारी एक आरटीआई के ज़रिये आयी है। साकेत गोखले की इस आरटीआई के जवाब में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि रोड को ब्लॉक प्रदर्शनकारियों ने नहीं बल्कि उसने ख़ुद किया था।
इसके पहले शाहीन बाग़ में बैठे प्रदर्शनकारियों पर यह आरोप लगाया जा रहा था कि उन्होंने वहां से गुजरने वाली सभी सड़कों को बंद कर रखा है। जिसके चलते सरिता विहार और बदरपुर की तरफ़ से नोएडा आने वालों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जबकि सच्चाई यह है कि प्रदर्शनकारियों ने केवल सरिता विहार वाली सड़क को जाम किया है।
दिल्ली पुलिस के सरिता विहार थाने से आए आरटीआई के जवाब में कहा गया है कि जामिया और शाहीन बाग़ समेत कुछ जगहों के लोग रोड नंबर 13 ए पर एकत्रित होकर उसे जाम कर दिए। और सीएए के ख़िलाफ़ विरोध स्वरूप आने-जाने वाले दोनों रास्तों को बंद कर दिया।
इसके साथ ही स्थानीय पुलिस ने नोएडा आने और वहाँ जाने वाली दोनों सड़कों पर बैरिकेड लगा दिया। और फिर उसी के हिसाब से दोनों तरफ़ के अलावा कालिंदी कुंज बार्डर की ट्रैफ़िक को मथुरा रोड की तरफ़ डायवर्ट कर दिया गया।
आरटीआई कार्यकर्ता साकेत गोखले ने अपने एक ट्वीट में बताया है कि उन्होंने रोड बंद करने के लिए गए इस निर्णय की फाइल नोटिंग माँगी थी। लेकिन दिल्ली पुलिस के पास ऐसा कुछ नहीं है। उसके साथ ही उसका कहना था कि रोड को बंद करने का निर्णय स्थानीय पुलिस द्वारा लिया गया था।
उन्होंने सवालिया अंदाज में पूछा कि इतने बड़े फ़ैसले को कैसे वरिष्ठ अफ़सरों से राय-मशविरा लिए बग़ैर ले लिया गया।
साकेत गोखले ने कहा कि वैकल्पिक रोड को बंद करना किसी भी रूप में ग़ैरज़रूरी था। क्योंकि ये बैरिकेड वास्तविक प्रोटेस्ट साइट से बहुत दूर थे।
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