नई दिल्ली। एक अभूतपूर्व घटनाक्रम में राजधानी दिल्ली में पुलिस कर्मियों ने हड़ताल शुरू कर दी है। बड़ी तादाद में एकजुट होकर उन्होंने पुलिस हेडक्वार्टर के सामने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। हजारों की संख्या में जुटे ये पुलिसकर्मी तीस हजारी कोर्ट में वकीलों द्वारा की गयी पुलिसकर्मियों की पिटाई का विरोध कर रहे हैं। हालांकि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उन्हें मनाने की कोशिश में जुटे हैं लेकिन उनकी कोई भी तरकीब काम नहीं कर रही है।
अधिकारियों ने विरोध करने वाले पुलिसकर्मियों को उनकी मांगों के पूरा करना का पूरा भरोसा दिलाया लेकिन फिर भी पुलिसकर्मी हड़ताल तोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। पुलिसकर्मियों की प्रमुख मांग अपने कल्याण के लिए संगठन बनाने की है।
इस बीच केंद्र ने आज दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि वकीलों के खिलाफ किसी तरह की जबरन कार्रवाई से बचने के उसके निर्देश का पालन नहीं किया जा सकता है। सरकार के इस पक्ष पर कोर्ट ने बार कौंसिल आफ इंडिया तथा बार एसोसिएशन को नोटिस जारी किया है। तीस हजारी कोर्ट में हुई घटनाओं से जुड़े वीडियो को दिखाने पर मीडिया पर पाबंदी की वकीलों की मांग को कोर्ट ने कोई भी अंतरिम आदेश जारी करने से इंकार कर दिया।

इसके पहले बार कौंसिल ने तीस हजारी और साकेत कोर्ट में रविवार और सोमवार को हुई हिंसा की जमकर निंदा की। कौंसिल ने ऐसे लोगों की पहचान करने का निर्देश दिया है जो इस तरह की हिंसक गतिविधियों में शामिल रहे हैं। साथ ही उसने सभी वकीलों से काम पर लौटने की अपील की है। उसने कहा कि “मामले पर कानूनी नजरिये से विचार करिए। और तीस हजारी हिंसा के बाद मजाक का पात्र मत बनिए।”
एलजी अनिल बैजल ने पुलिसकर्मियों की हड़ताल के बाद उत्पन्न परिस्थितियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच विश्वास का होना बहुत जरूरी है। इसके साथ ही घायल पुलिसकर्मियों के लिए उन्होंने मुआवजे की भी घोषणा की है।

दिल्ली के पुलिस कमिश्नर अमुल्य पटनायक ने कहा कि “पिछले कुछ दिनों में दिल्ली में कुछ घटनाएं हुईं जिन्हें हम लोगों ने बेहतर तरीके से संभाला। उसके बाद से स्थितियों में लगातार सुधार हुआ है। मैं सभी से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं। यह हम लोगों की परीक्षा की घड़ी है। हमें अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करना है और कानून एवं व्यवस्था को बरकरार रखना है”।
+ There are no comments
Add yours