30 दिसंबर को बिहार में होगा चक्का जाम, BPSC-PT रद्द कर पुनर्परीक्षा कराने की मांग

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पटना। भाकपा-माले के अगिआंव से विधायक और युवा संगठन आरवाइए के प्रदेश सचिव शिवप्रकाश रंजन ने कहा है कि छात्र-युवा संगठन आइसा और आरवाइए ने BPSC अभ्यर्थियों के चल रहे आन्दोलन के पक्ष में आज सरकार को अल्टीमेटम देते हुए घोषणा की है कि यदि रविवार तक पीटी परीक्षा रद्द कर नई तारीखों का ऐलान नहीं हुआ तो 30 दिसंबर को पूरे बिहार का चक्का जाम होगा। उन्होंने कहा कि पटना-दिल्ली की डबल इंजन सरकार के बहरे कानों को सुनाने के लिए सड़क और रेलमार्ग जाम होगा।

शिवप्रकाश रंजन ने कहा कि बिहार के अनेक केंद्रों पर पेपर लीक व घोर आपत्तिजनक अनियमितता हुई है। परीक्षा रद्द करने की मांग चारों तरफ से उठ रही है। अभ्यर्थी ठंड में धरने पर बैठे हुए हैं लेकिन नीतीश-भाजपा सरकार न सिर्फ बहरी बनी हुई है बल्कि उल्टे न्याय की मांग कर रहे नौजवानों पर अंग्रेजी शासन की याद दिलाने वाला बर्बर लाठीचार्ज करवा रही है।

नीतीश-मोदी सरकार बिहार में सुशासन के बड़े-बड़े दावे करती है पर एक परीक्षा सुचारु रूप से करा पाने में सफल नहीं है। लोकतांत्रिक मांगें उठाने पर जेल, फर्जी मुकदमे और बर्बर पुलिसिया दमन नियम बनते जा रहे हैं। याद करें कि इसी परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन का विरोध कर रहे छात्र-छात्राओं पर भी लाठीचार्ज हुआ था।

विधायक संदीप सौरभ ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र, पुनर्परीक्षा की मांग की

भाकपा–माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि बीपीएससी अभ्यर्थियों के चल रहे आन्दोलन के प्रति सरकार का दमनात्मक और अड़ियल रवैया निंदनीय है। हमारी मांग है कि सरकार उनकी मांगों पर गंभीरतापूर्वक विचार करे और पीटी परीक्षा अविलंब रद्द करे। भाकपा-माले 30 दिसंबर को आयोजित होने वाले चक्का जाम का समर्थन करेगी।

दूसरी ओर, माले विधायक संदीप सौरभ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बीपीएससी पीटी परीक्षा रद्द करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के जमाने में यह तर्क हास्यास्पद है कि केवल एक ही परीक्षा केंद्र पर अनियमितता हुई। बापू परीक्षा केंद्र पर लगभग 1200 अभ्यर्थी थे।

अब केवल इन 1200 अभ्यर्थियों की पुनर्परीक्षा क्यों ली जाएगी? इससे उन्हें अतिरिक्त समय मिलेगा जो अन्य अभ्यर्थियों के साथ अन्याय होगा। इसलिए पूरी परीक्षा रद्द करके फिर से आयोजित की जानी चाहिए। पूरी परीक्षा ही अनियमितता और गड़बड़ी की शिकार है।

आइसा-आरवाइए ने कहा है कि बिहार इस वक्त शिक्षा और परीक्षा माफियाओं की गिरफ़्त में है। समय पर डिग्री न मिलना, कॉलेज में शिक्षक न होना, परीक्षा में धांधली, पैसे पर बिकती नौकरी और डिग्री बिहार में आम चलन बनता जा रहा है। पर सरकार माफियाओं पर लगाम लगाने की बजाय युवाओं पर लाठियां चला रही है।

विदित है कि मुजफ्फरपुर केंद्र पर BPSC-PT परीक्षा देने वाले पटना जिले के पालीगंज के सोनू कुमार नाम के छात्र ने इस तनाव में अपनी जान ले ली। यह आत्महत्या नहीं सांस्थानिक हत्या है जिसका जवाब मोदी-नीतीश की जोड़ी को देना होगा। 30 दिसंबर के चक्का जाम की पूर्व संध्या 29 दिसंबर को पूरे बिहार में मोमबत्ती जलाकर सोनू कुमार को श्रद्धांजलि दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि आइसा-आरवाइए ने सभी विपक्षी राजनीतिक दलों और छात्र–युवा संगठनों से अपील की है कि बिहार के भविष्य के लिए लड़ रहे नौजवानों के पक्ष में एकजुट आंदोलन के लिए आगे आएं और 30 दिसंबर के बिहार का चक्का जाम आंदोलन में सक्रिय हिस्सेदारी करें।

  1. BPSC की 70 वीं PT रद्द करो! परीक्षा की नई तारीखों की घोषणा जल्द करो!
  2. पेपर लीक–परीक्षा माफिया तंत्र खत्म करो! सख्त कानून बनाओ!
  3. पुलिस लाठीचार्ज के दोषियों को दंडित करो!
  4. आंदोलनकारी छात्रों को जेल से रिहा करो! फर्जी मुकदमे वापस लो!
  5. सोनू कुमार के परिजनों को 5 करोड़ का मुआवजा दो!

इस घोषणा के समय प्रीति कुमारी, प्रदेश अध्यक्ष, आइसा; सबीर कुमार, प्रदेश सचिव, आइसा (AISA) और जितेंद्र पासवान, प्रदेश अध्यक्ष, आरवाइए भी विधायक शिवप्रकाश रंजन के साथ मौजूद रहे।

(प्रेस विज्ञप्ति)

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