देश के कई हिस्सों में दिखा बंद का असर, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से दलितों में उबाल

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नई दिल्ली। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण में वर्गीकरण के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में आज भारत बंद का कई राज्यों में खासा असर देखने को मिला। इससे पहले केंद्र की भाजपा सरकार के द्वारा इस फैसले का विरोध करने के बाद बहुजन दल की राजनीतिक पार्टियों ने भारत बंद के फैसले को वापस ले लिया था। लेकिन दो दिन पहले बसपा सुप्रीमो मायावती, आप के विधायक राजेंद्र पाल गौतम और अन्य लोगों ने सोशल मीडिया के द्वारा बंद का ऐलान कर दिया। जिसका व्यापक असर आज देश के अलग-अलग हिस्सों में देखने को मिल रहा है।

भारत बंद के दौरान बिहार, झारखंड, राजस्थान, यूपी में लोग नीले झंडे और जय भीम के नारे के साथ सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध करते हुए दिखाई दिए। बिहार की राजधानी पटना में विरोध कर रहे लोगों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दी। राजस्थान के भरतपुर में इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया।

एक अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के सात जजों की बेंच ने क्रीमीलेयर पर  6:1 से फैसला सुनाते हुए कहा था कि “सभी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियां एक समान वर्ग की नहीं है। इनमें कुछ जाति अति पिछड़ी भी हैं। उदाहरण के तौर पर बुनकर, सीवर की सफाई करने वाली दोनों जातियां अनुसूचित जाति में आती हैं। लेकिन इनकी स्थिति बाकियों के मुकाबले अत्यधिक पिछड़ी हैं। इनके लिए राज्य सरकारें अलग से वर्गीकरण कर कोटा निर्धारित कर सकती हैं। ऐसा करना संविधान की धारा 341 के विरुद्ध नहीं है। इस फैसले के बाद ही लोग सड़कों पर उतरे हैं।

छत्तीसगढ़ के बस्तर में बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग रहते हैं। इसलिए यहां बंद का असर व्यापक रुप से देखने को मिला। सर्व आदिवासी समाज द्वारा बस्तर के सात जिलों में बंद का समर्थन करते हुए हाईवे को बंद करने के साथ-साथ दुकानों पर भी ताला लगवाया। लेकिन मेडिकल सुविधा के लिए रास्ते को खुला रखा गया है। आपको बता दें कि एनएच 30 बस्तर को ओडिशा, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना से जोड़ता हैं वहीं एनएच 63 इसे महाराष्ट्र से जोड़ता हैं। इन सभी रास्तों को पूरी तरह से बंद किया गया है। बंद सुबह छह से शुरु होकर शाम पांच तक रहेगा।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में युवक सड़कों में नजर आएं। युवाओं ने कहा कि यह हमारा हक है जिसे यूं ही खत्म नहीं किया जा सकता है। युवाओं ने फैसले को वापस लेने की मांग की है।

बिहार में भी व्यापक रुप से इसका असर देखने को मिला। यहां आरजेडी, लोक जनशक्ति पार्टी (आर), भीम आर्मी समेत अन्य पार्टियों ने बंद का समर्थन किया।

बिहार के कई हिस्सों में स्कूल बंद हैं। इसके अलावा हाईवे और दरभंगा और मधुबनी स्टेशन में ट्रेन को रोका गया। पटना के डाक बंगला चौराहे पर पुलिस ने बढ़ती भीड़ को देखकर बैरिकेटिंग लगाई। लोग आगे बढ़ना चाह रहे थे जिसके कारण पुलिस ने लोगों पर लाठीचार्ज कर दिया।

बिहार में आज सिपाही भर्ती की चौथे चरण की परीक्षा थी। बंद के कारण अभ्यिर्थियों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा।

यूपी में बसपा, सपा, कांग्रेस, आजाद समाज पार्टी समेत कई दलित और आदिवासी संगठनों बंद का समर्थन करते हुए सड़कों पर आएं। अन्य जगहों की तरह यहां भी लोगों ने हाईवे को बंद करवाने के साथ-साथ दुकानें भी बंद करवाई।

बंद के समर्थन पर एक्स पर ही लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी। भारत बंद ट्रेंड हुआ। केंद्रीय राज्यमंत्री चिराग पासवान ने बंद के समर्थन में एक पोस्ट लिखा। साथ ही लोजपा के संस्थापक राम विलास पासवान का जिक्र करते हुए लिखा है कि अगर वो होते तो समाज के लिए सड़क पर होते। अपने पूरे राजनीतिक करियर में उन्होंने समाज के लिए ही काम किया है।

बसपा सुप्रीमो मायावती सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद से ही मुखर रही हैं। बुधवार को उन्होंने एक्स पर लिखा कि बीएसपी का भारत बंद को समर्थन, क्योंकि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही आरक्षण विरोधी षड्यंत्र एवं इसे निष्प्रभावी बनाकर अंततः खत्म करने की मिलीभगत के कारण एक अगस्त 2024 के एससी एसटी वर्गीकरण व इनमें क्रीमीलेयर संबंधी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध इनमें रोष व आक्रोश।

भीम आर्मी सुप्रीमो और नगीना के सांसद चंद्रशेखर आजाद बंद के समर्थन में लोगों के साथ सड़क पर नजर आए। हाथ में नीला झंड़ा लिए हुए एक्स पर उन्होंने फोटो पोस्ट की।

इससे पहले 21 अगस्त भारत बंद का बैनर लिए हुए एक्स पर लिखा कि “आज का ये जनआंदोलन केंद्र व राज्य सरकारों के लिए स्पष्ट संदेश है कि अब बहुजन समाज फूट डालो राज करो की साजिश को कामयाब नहीं होने देगा।”

साथ ही एक वीडियो पोस्ट कर कहा है कि यह आंदोलन का पहला चरण है दूसरा 11 सितंबर को दिल्ली में होगा।

आप के पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने भारत बंद के समर्थन के दौरान सुप्रीम कोर्ट के बाहर वकीलों के साथ जनांदोलन में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि कोर्ट से कोलेजियम सिस्टम को खत्म किया जाए ताकि बहुजन समाज के लोग भी आगे बढ़ सकें।

बिहार के पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव भी बंद के समर्थन में जनता के साथ सड़क पर आए। बंद का असर झारखंड में भी देखने को मिला। जेएमएम ने इसका समर्थन भी किया है। रांची की सड़कों पर लोग बैनर लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में इकट्ठा हुए। 

(पूनम मसीह की रिपोर्ट)

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