नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले शरद पवार को तगड़ा झटका लगा है। चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को ही असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) घोषित किया है। चुनाव आयोग ने मंगलवार को घोषणा की कि अजित पवार गुट ही असली एनसीपी है। इस घोषणा के साथ ही अजित पवार की शरद पवार के साथ महीनों से चल रही गुटीय लड़ाई पर विराम लग गया है। आयोग ने शरद पवार गुट को राज्य से आगामी राज्यसभा चुनाव के लिए एक नया नाम लेने का भी निर्देश दिया।
एक आदेश में चुनाव आयोग (ईसी) ने अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट को एनसीपी का प्रतीक ‘दीवार घड़ी’ भी आवंटित किया।
आयोग ने कहा कि फैसले में ऐसी याचिका की रखरखाव के निर्धारित परीक्षणों का पालन किया गया जिसमें पार्टी संविधान के लक्ष्यों और उद्देश्यों का परीक्षण, पार्टी संविधान का परीक्षण और संगठनात्मक और विधायी दोनों बहुमत के परीक्षण शामिल थे।
चुनाव प्राधिकरण ने कहा कि “विधायी विंग में बहुमत के परीक्षण को मामले की इस परिस्थिति में अनुकूल पाया गया जहां दोनों गुटों को पार्टी संविधान और संगठनात्मक चुनावों के बाहर काम करते पाया गया है।”
पिछले साल अजित पवार महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) को झटका देते हुए कुछ एनसीपी विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली भाजपा-शिवसेना सरकार में शामिल हो गए और पांचवीं बार महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री बने। एमवीए मूल रूप से कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना का गठबंधन है। इससे पहले अजित पवार महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता थे।
उपमुख्यमंत्री बनने के बाद अजीत पवार ने अपने चाचा शरद पवार को पार्टी के अध्यक्ष पद से हटा दिया और चुनाव आयोग को पत्र लिखकर अपने गुट को असली एनसीपी के रूप में मान्यता देने की मांग की थी।
(‘द टेलिग्राफ’ में प्रकाशित खबर पर आधारित।)
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