देश में कोरोना का कहर जारी है। पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,34,692 नए मामले सामने आए हैं और 1341 लोगों की मौत हुई है। शुक्रवार को कोरोना के कुल 2,17,353 केस सामने आए थे और 1,185 लोगों की मौत हुई थी।
महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 63729 नए मामले सामने आए हैं और उत्तर प्रदेश में 27360 मामले। दिल्ली में 19486 नए मामले दर्ज किये गये तो छत्तीसगढ़ में 14912 नए मामले और कर्नाटक में 14859 नए मामले सामने आए हैं। देश में फिलहाल इन पांच राज्यों में सबसे ज्यादा मामले रिपोर्ट किए गए हैं।
पांच चुनावी राज्यों में भी स्थिति तेजी से खराब हुई है, जिसमें पश्चिम बंगाल को छोड़कर बाक़ी चार प्रदेश में विधानसभा चुनाव खत्म हो चुके हैं, जबकि पश्चिम बंगाल में अभी तीन चरणों के चुनाव बाक़ी हैं।
चुनाव प्रचार समाप्त होने की समय सीमा 48 घंटों से बढ़ाकर 72 घंटे की
इस बीच कल निर्वाचन आयोग ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। जोकि कोविड से निपटने की खानापूरी भर थी। वर्ना पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा लगातार रोड शो और रैलियां कर रहे हैं। अमित शाह और नरेंद्र मोदी की आज भी दो रैलियां थीं। निर्वाचन आयोग ने कहा है कि चुनाव प्रचार वाले दिनों में शाम सात बजे से लेकर सुबह 10 बजे तक कोई चुनाव प्रचार नहीं होगा। मतदान से पहले चुनाव प्रचार समाप्त होने की समय सीमा भी 48 घंटों से बढ़ाकर 72 घंटे कर दी गई है। राज्य में विधानसभा चुनाव आठ चरणों में होने थे, इनमें से चार चरणों के लिए मतदान संपन्न हो गया है और पांचवें चरण के लिए मतदान कल 17 अप्रैल को है। आयोग द्वारा लगायी गई नयी बंदिशें अंतिम तीन चरणों (22, 26 और 29 अप्रैल) के लिए हैं।
अभी भी पश्चिम बंगाल में अगले आठ दिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 6, गृह मंत्री अमित शाह की 10 और ममता बनर्जी की 17 रैलियां होनी हैं। एक ओर सरकार लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग अपनाने और मास्क पहनने की नसीहत दे रही है, लेकिन चुनाव प्रचार के नाम पर खुद ही इन नियमों की धज्जियां उड़ा रही है। अमित शाह और जेपी नड्डा बिना मास्क के रैलियां कर रहे हैं। इनके घातक नतीजे भी सामने आ रहे हैं। पश्चिम बंगाल में कोरोना संक्रमितें का आंकड़ा 1200 से 33 हजार पहुंच गया। पश्चिम बंगाल में 2600% तक कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े हैं।
चारों चरणों के चुनाव एक साथ क्यों नहीं
ममता बनर्जी ने निर्वाचन आयोग की सर्वदलीय बैठक से पहले गुरुवार शाम को ट्वीट कर कहा था, ‘महामारी को देखते हुए हमने चुनाव आयोग से विधानसभा चुनाव आठ चरणों में कराने का कड़ा विरोध किया था। अब जब बंगाल में कोरोना के मामले बेतहाशा तरीके से बढ़ रहे हैं तो चुनाव आयोग से यह गुजारिश है कि बाकी चरणों के चुनाव को एक साथ ही निपटा दिया जाए। यह लोगों को कोरोना के जोखिम से बचाएगा और संक्रमण को भी कम किया जा सकेगा। हालांकि चुनाव आय़ोग ने पहले स्पष्ट कह दिया है कि बाकी चरणों के विधानसभा चुनाव को एक साथ कराना संभव नहीं है।’
ममता बनर्जी ने कहा, “पूरे देश में दोबारा संक्रमण बढ़ रहा है। क्या ऐसी परिस्थिति में तीन या चार चरणों में ही मतदान कराना उचित नहीं होता? लेकिन अब जब आठ चरणों में चुनाव हो ही रहा है तो इसे किसी भी हालत में रोका नहीं जा सकता। खेल जब शुरू हो ही गया है तो इसे ख़त्म भी करना होगा।”
वहीं पश्चिम बंगाल में तीन दशक तक राज करने वाली कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने बुधवार को घोषणा की है कि वो कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र कोई भी बड़ी रैली का आयोजन नहीं करेंगे। उनका ये फ़ैसला पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बचे हुए चरणों के लिए है। उनका कहना है कि अब उनके नेता घर-घर जाकर प्रचार करेंगे और सोशल मीडिया का सहारा लेंगे।
वहीं दो दिन पहले तक बिना मास्क के बंपर रोड शो निकालने वाली भाजपा ने कोरोना कहर के बावजूद अभी भी 6300 सभायें करने की बात कही है। वहीं राज्य के डॉक्टरों के सामूहिक मंच ‘द ज्वॉइंट फ़ोरम ऑफ़ डॉक्टर्स-वेस्ट बंगाल’ ने अप्रैल के पहले सप्ताह में निर्वाचन आयोग को पत्र भेज कर चुनाव अभियान के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल की सरेआम धज्जियां उड़ने पर गहरी चिंता जताते हुए उससे हालात पर नियंत्रण के लिए ठोस क़दम उठाने की अपील की है। पत्र में कहा गया है कि बिहार चुनाव से पहले आयोग ने कोविड-19 से बचाव के लिए जो प्रोटोकॉल बनाए थे, पश्चिम बंगाल में तमाम राजनीतिक दल उनकी अनदेखी करते रहे हैं।
डॉक्टरों के समूह ने अपने पत्र में लिखा है, “क्या आपने कभी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को मास्क पहनते देखा है? अगर प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और मुख्यमंत्री ही कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करें तो हम क्या कर सकते हैं?”
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कोरोना गाइडलाइंस पर खुद निर्वाचन आयोग आंख मूंदे रहा
पिछले साल बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान निर्वाचन आयोग ने कोरोना गाइडलाइंस तैयार की थी, जिसमें कहा गया है-
1- नामांकन दाख़िल करते वक़्त उम्मीदवार के साथ केवल दो व्यक्ति मौजूद होंगे। उम्मीदवार अपना नामांकन ऑनलाइन कर सकते हैं और वो चुनाव लड़ने के लिए लगने वाली ज़मानत राशि भी ऑनलाइन जमा कर सकते हैं।
2. रोड शो के दौरान कोई भी उम्मीदवार अधिकतम पाँच वाहनों का इस्तेमाल कर पाएँगे।
3. मतदान के दिन अगर किसी मतदाता में कोरोना वायरस के लक्षण पाए गए, तो उन्हें एक टोकन दिया जाएगा और उस टोकन के माध्यम से वे मतदान के अंतिम घंटे में अपना वोट डाल पाएँगे।
4. ईवीएम मशीन में मतदान करने से पहले मतदाताओं को दस्ताने दिए जाएँगे।
5. एक मतदान केंद्र पर अधिकतम एक हज़ार मतदाता वोट दे सकेंगे। पहले मतदाताओं की अधिकतम संख्या 1500 थी।
6. सभी मतदाताओं के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा, जिसे पहचान ज़ाहिर करने के लिए थोड़ी देर के लिए उन्हें हटाना होगा।
7. कोरोना संक्रमित और क्वारंटीन में रह रहे मरीज़ों को स्वास्थ्य अधिकारियों की मौजूदगी में मतदान के अंतिम घंटे में वोट डालने की इजाज़त होगी। इस दौरान संक्रमण की रोकथाम के लिए तमाम उपाय किए जाएँगे।
8. महामारी की वजह से मतदान का समय एक घंटे बढ़ा दिया गया है. अब अति संवेदनशील क्षेत्रों को छोड़कर ज़्यादातर मतदान केंद्रों पर मतदान सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक होगा। हालाँकि, दिशा निर्देशों में वर्चुअल रैली और डिजिटल कैंपेन को लेकर कुछ नहीं कहा गया है।
(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)
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