अगले साल पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र चुनाव आयोग ने आज प्रेस कांफ्रेंस करके कई घोषणाएं की। प्रेस कांफ्रेंस में चुनाव आयोग ने कहा कि सभी राजनीतिक दल समय पर चुनाव के लिए तैयार हैं, हालांकि कुछ पार्टियां रैली के विरोध में हैं।
चुनाव आयोग ने कहा कि बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए घर से वोट देने की सुविधा दी गई है। 5 जनवरी को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। इसके अलावा कोरोना को देखते हुए 1500 लोगों पर एक बूथ को घटाकर 1250 लोगों पर एक बूथ कर दिया गया है।
समय पर होंगे चुनाव
तयशुदा सयम पर होंगे पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव। आज इसकी जानकारी प्रेस कांफ्रेंस में चुनाव आयोग ने करते हुए कहा कि सभी राजनीतिक दल समय पर चुनाव के लिए तैयार हैं, हालांकि कुछ पार्टियां रैली के विरोध में है।
राजनीतिक दलों से चर्चा के बाद सभी एसपी, डीआईजी, कमिश्नर से मिलकर हालात का जायजा लिया गया। इसके बाद सभी नोडल अधिकारियों से चर्चा की गई। सबसे अंत में मुख्य सचिव, डीजीपी और अन्य अधिकारियों से बातचीत की। सभी दलों ने कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए निश्चित समय पर चुनाव कराने की मांग की। कुछ दलों ने कोविड प्रोटोकॉल के बिना पालन किए होने वाली रैलियों पर चिंता जताई।
कोरोना का ख्याल
चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कोरोना दिशानिर्देश का पूरा पालन किया जाएगा। हमने ओमिक्रॉन को लेकर भी समीक्षा की है। चुनाव आयोग ने आगे कहा कि लगभग पार्टियां घनी आबादी वाले इलाक़े में बूथ नहीं चाहते हैं, ताकि कोरोना दिशानिर्देश का उल्लंघन न हो।
उम्मीदवारों और दलों को आपराधिक धाराओं की जानकारी मीडिया में प्रकाशित करानी होगी
चुनाव आयोग ने कहा कि कुछ प्रतिनिधियों ने प्रशासन के पक्षपाती रवैये के बारे में शिक़ायत की। पुलिस द्वारा रैलियों पर अनुचित प्रतिबंध लगाने का आरोप लगाया। अधिकतर राजनीतिक दलों ने प्रचार के दौरान धनबल, शराब और मतदाताओं को मुफ्त चीज़ें दिए जाने पर चिंता जताई है। इन मुद्दों से आयोग अवगत है।
आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों को मीडिया में यह प्रसारित करना होगा कि उनके ख़िलाफ़ कौन-सी धाराएं लगी हैं, कौन-से मामले चल रहे हैं। राजनीतिक दलों को भी यह प्रसार करना होगा कि उन्होंने ऐसी पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को क्यों चुना है?
कम से कम एक लाख बूथ पर वेबकास्टिंग की जाएगी ताकि यह लोग देख सकें कि पूरी पारदर्शिता के साथ वोटिंग होगी।
मतदाताओं की सुविधा का ख्याल
चुनाव आयोग ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मतदान का समय एक घंटा बढ़ाया जाएगा। कोरोना को देखते हुए 1500 लोगों पर एक बूथ को घटाकर 1250 लोगों पर एक बूथ कर दिया गया है। इससे 11 हजार बूथ बढ़े हैं। हर पोलिंग बूथ पर पानी, बिजली और शौचालय की व्यवस्था होगी। दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर और रैंप की व्यवस्था होगी।
चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बताया कि कम से कम 800 पोलिंग स्टेशन ऐसे बनाए जाएंगे जहां सिर्फ महिला पोलिंग अधिकारी होंगे। मतदाता पहचान पत्र के अलावा 11 अन्य दस्तावेज़ दिखाकर वोटर वोट डाल सकता है। इसमें पैन कार्ड, आधार कार्ड, मनरेगा कार्ड जैसे दस्तावेज शामिल हैं।
चुनाव आयोग ने कहा कि मतदाता पंजीकरण का कार्यक्रम भी चल रहा है। उस पर काफी मेहनत हुई है।
5 जनवरी को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी।
इसके अलावा चुनाव आयोग ने कहा कि मतदाता सूची 5 जनवरी को आएगी। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख तक भी मतदाता सूची में अपने नाम को लेकर दावे-आपत्ति बता सकते हैं।
अब तक 15 करोड़ से ज्यादा मतदाता पंजीकृत हैं। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख तक भी मतदाता सूची में अपने नाम को लेकर दावे-आपत्ति बता सकते हैं। 23.9 लाख पुरुष और 28.8 लाख महिला मतदाता हैं। 52.8 लाख नए मतदाता जुड़े हैं। इनमें 19.89 लाख युवा मतदाता हैं यानी इनकी उम्र 18-19 साल हैं। चुनाव आयोग ने कहा कि 2017 में लिंगानुपात 839 था यानी एक हजार पुरुषों पर 839 महिला वोटर थीं। इस बार यह बढ़कर 868 हो गया है। उत्तर प्रदेश में इस वक्त 10 लाख 64 हजार 267 दिव्यांग मतदाता हैं।
(जनचौक ब्यूरो की रिपोर्ट।)
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