यति नरसिंहानंद की गिरफ्तारी पर गाजियाबाद प्रशासन मौन, विवादित टिप्पणी के बाद जनता में गुस्सा  

नई दिल्ली। गाजियाबाद के डासना मंदिर के विवादास्पद महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती के गिरफ्तारी की प्रशासन की तरफ से कोई औपचारिक पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन कहा जा रहा है कि गाजियाबाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है। उनकी गिरफ्तारी पर प्रशासन के साथ ही उनके शिष्य भी मौन है लेकिन उनके विवादित बयान के बाद गाजियाबाद का माहौल गर्म हो गया है। पैगम्बर पर विवादित टिप्पणी के बाद यूपी समेत कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हुए, जिसके बाद गाजियाबाद से लेकर हैदराबाद तक कई जगहों पर यति नरसिंहानंद पर एफआईआर दर्ज हुई है। डासना मंदिर के बाहर भारी भीड़ इकट्ठा होने पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।

यति नरसिंहानंद ने 29 सितंबर को गाजियाबाद में हिंदी भवन में एक कार्यक्रम के दौरान पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी की थी। जिसके बाद महाराष्ट्र के अमरावती में अल्पसंख्यक समुदाय का पुलिस के साथ झड़प हुआ और उत्तर प्रदेश में तनाव बढ़ गया।

शुक्रवार रात नरसिंहानंद के भड़काऊ बयान का वीडियो वायरल होने के बाद बड़ी संख्या में लोग गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर के बाहर इकट्ठा हो गए। मंदिर के प्रमुख नरसिंहानंद के बयानों को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद पुलिस ने मंदिर के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी है। इसके अलावा विरोध प्रदर्शन करने वाले 10 लोगों को गाजियाबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया है। डासना मंदिर के एंट्री गेट पर बेरिकेड्स लगाए गए हैं। सुरक्षा जांच के बाद ही मंदिर के अंदर जाने की इजाजत है। गाजियाबाद पुलिस की 4-5 PCR वैन मंदिर के बाहर खड़ी की गई हैं। नरसिंहानंद के खिलाफ पहले भी कई मामले दर्ज हैं, जिनमें दिसंबर 2021 में हरिद्वार में एक सम्मेलन में दिए गए कथित घृणास्पद भाषण का मामला भी शामिल है। वह इस मामले में जमानत पर थे। एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी समेत प्रमुख मुस्लिम नेताओं ने नरसिंहानंद की तत्काल गिरफ्तारी और उनकी जमानत रद्द करने की मांग की है।

अब नरसिंहानंद के कथित नफरत भरे भाषण को लेकर ठाणे पुलिस ने रविवार को मामला दर्ज किया है। यति नरसिंहानंद पर भी उत्तर प्रदेश पुलिस ने कार्यक्रम में उनके भाषण को लेकर मामला दर्ज किया है। इंडियन एक्सप्रेस में शनिवार को प्रकाशित रिपोर्ट में बताया कि नरसिंहानंद को उनके सहयोगियों के साथ उत्तर प्रदेश पुलिस ने हिरासत में लिया है।

ठाणे में मामला सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के अध्यक्ष की शिकायत के बाद दर्ज किया गया था।एफआईआर में नरसिंहानंद पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने, राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक आरोप लगाने, धार्मिक भावनाओं को अपमानित करने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य करने और जानबूझकर किसी अन्य व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए शब्द बोलने का आरोप लगाया गया है।

हालांकि मामले के सिलसिले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन नरसिंहानंद पहले से ही अपनी भड़काऊ टिप्पणियों को लेकर कई मामलों का सामना कर रहे हैं।

ठाणे में एफआईआर के अलावा, पुजारी की टिप्पणी से भड़के हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद महाराष्ट्र के अमरावती में भी नरसिंहानंद के खिलाफ एक और मामला दर्ज किया गया है। इन विरोध प्रदर्शनों के परिणामस्वरूप पुलिस कर्मियों को चोटें आईं और संपत्ति को नुकसान पहुंचा। नरसिंहानंद के विवादास्पद बयानों के कारण विभिन्न धार्मिक और राजनीतिक समूहों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन और निंदा की है।

जमात-ए-इस्लामी हिंद ने उनकी “निंदात्मक” टिप्पणी की कड़ी निंदा की है और उनकी तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है। संगठन ने मुसलमानों से शांति बनाए रखने और समझदारी और गरिमा के साथ ऐसे उकसावे का मुकाबला करने का आग्रह किया है।

(जनचौक की रिपोर्ट)

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