इफको के प्रबंध निदेशक डा. उदय शंकर अवस्थी को रोशडेल पायनियर अवार्ड से किया गया सम्मानित

Estimated read time 1 min read

नई दिल्ली। आईसीए ( International Cooperative Alliance ) की ओर से 26 नवंबर, मंगलवार को इफको ( Indian Farmers Fertiliser Cooperative) के प्रबंध निदेशक, सीईओ डॉ. उदय शंकर अवस्थी को रोशडेल पायनियर्स अवार्ड से सम्मानित किया जाना आठ लाख सक्रिय सहकारी समितियों वाले अपने भारत देश का भी सहकारी आंदोलन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उल्लेख और रेखांकन है।

भारतीय सहकारी समितियों की न केवल सहकार शक्ति पूरी दुनिया में यशस्वी हुई, यह इफको महा परिवार के लिए भी गौरव का महान क्षण है। आज इफको वैश्विक परिवार का हर सदस्य, इफको कर्मयोगी होने की अपनी महान उपलब्धि पर आत्मगौरव महसूस रहा है।

आपको बता दें कि आईसीए बोर्ड ने साल 2000 में ‘रोशडेल पायनियर्स अवार्ड’ की स्थापना की। यह पुरस्कार किसी उस व्यक्ति या सहकारी संगठन को दिया जाता है जिसने अभिनव, अभूतपूर्व और वित्तीय रूप से टिकाऊ सहकारी गतिविधियों में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया हो।

गर्व की बात है कि पहला पुरस्कार 2001 में यह पुरस्कार स्वेतक्रांति के जनक भारत के डॉ. वर्गीस कुरियन को दिया गया, उसके बाद विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे दस विभूतियों को यह पुरस्कार प्रदान किया गया। 2024 में ये पुरस्कार पाने वाले डॉ. अवस्थी दूसरे भारतीय हैं।

इफको को विश्व की सबसे बड़ी किसान सहकारी संस्था के शीर्ष तक ले जाने का पूरा श्रेय डॉ. उदय शंकर अवस्थी को जाता है।

डॉ. अवस्थी बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से केमिकल इंजीनियरिंग में स्नातक हैं। 1967 में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्होंने कोटा में श्रीराम केमिकल इंडस्ट्रीज के साथ काम करना शुरू किया। उन्होंने लगभग तीन साल तक उनके साथ काम किया और फिर 1971 में गोवा के जुआरी एग्रो-केमिकल में शामिल हो गए।

डॉ. अवस्थी तब इफको और कृभको के साथ परियोजनाओं में महत्वपूर्ण भूमिकाओं में शामिल थे। इन परियोजनाओं में 1976 से 1986 तक आंवला और हजीरा परियोजनाओं का निर्माण शामिल था। 1986 में, वे पाइराइट्स, फॉस्फेट्स एंड केमिकल्स लिमिटेड (पीपीसीएल) के प्रबंध निदेशक और अध्यक्ष बने। अप्रैल 1991 से मार्च 1992 तक, उन्हें राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (आरसीएफ) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया।

1993 में डॉ. अवस्थी इफको में प्रबंध निदेशक हुए। अपने समर्पित कार्यकाल के दौरान, उन्होंने इफको को उर्वरक उद्योग में वैश्विक अगुआ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके मार्गदर्शन में संगठन ने निरंतर विकास देखा है।

इसके अलावा, डॉ. अवस्थी की ही बनाई ओमिफ्को (ओमान इंडिया फर्टिलाइजर कंपनी) ने भारत को ओमान से आयात के मामले में 23,000 करोड़ रुपये की बचत करने में मदद की। उन्होंने इफ्को को दुनिया भर में सत्रह सहायक कंपनियों में विविधीकृत करने में भी अहम योगदान दिया है।

ऑल इंडिया इफको आफिसर्स फेडरेशन की ओर से अध्यक्ष जितेंद्र तिवारी ने डॉ. अवस्थी को बधाई दिया है और कहा है कि उन्हें रोशडेल पायनियर सम्मान हर इफको कर्मचारी की निजी उपलब्धि है।

(जनचौक की रिपोर्ट)

+ There are no comments

Add yours

You May Also Like

More From Author