नई दिल्ली। दिल्ली के गार्गी कॉलेज में घटी घिनौनी वारदात के खिलाफ आज छात्राओं ने प्रदर्शन किया। कॉलेज की सारी छात्राएं अपने क्लास रूमों से निकलकर परिसर के लॉन में आ गयीं। और उन्होंने दिल्ली पुलिस और कॉलेज प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
बताया जा रहा है कि पुलिस सीसीटीवी फ़ुटेज की जांच के लिए पहुंची हुई थी। इसके साथ ही महिला आयोग की टीम भी आने वाली थी।
आपको बता दें कि घटना को संघ से जुड़े संगठनों के गुंडों ने अंजाम दिया था। वे जय श्रीराम का नारा लगाते हुए परिसर में घुस गए थे। इसमें बताया जा रहा है कि 35-40 की तादाद में लोग रहे होंगे। ये सभी अलग-अलग समूह बनाकर लड़कियों के साथ घिनौनी हरकतें कर रहे थे। जिसमें उनके प्राइवेट पार्ट को छूने से लेकर उनके कपड़ों के भीतर हाथ डालने तक की हरकतें शामिल थीं। यहां तक उनके शौचालयों को भी नहीं बख्शा गया। कई शोहदे तंग करने के लिए उनके शौचालयों तक में घुस गए।
सिलसिला यहीं नहीं थमा। जब छात्राएं परिसर से भागने लगीं तब उनका पीछा करते हुए ये पास स्थित ग्रीन पार्क मेट्रो स्टेशन तक पहुंच गए। इस तरह से परिसर से लेकर मेट्रो स्टेशन तक लगातार उनके साथ छेड़छाड़ और बदतमीजियां होती रहीं। इस बीच न तो कोई पुलिस उन्हें बचाने आयी और न ही किसी दूसरी तरह की उन्हें सहायता मिली।
इन सभी घटनाओं का वीडियो मौजूद है। दिलचस्प बात यह है कि इस घटना का किसी न्यूज चैनल ने संज्ञान लेना जरूरी नहीं समझा। अब जब छात्राएं सड़क पर आ गयी हैं तब कुछ जुंबिश हुई है।
दरअसल गार्गी कालेज राजधानी के सबसे पॉश इलाके दक्षिण दिल्ली में स्थित है। और उसमें उच्च घरों के लड़के-लड़कियां पढ़ायी करते हैं। लोग इस बात को लेकर अचरज जाहिर कर रहे हैं कि अगर देश की राजधानी में और उसके सबसे पॉश इलाके में इस तरह की घटना घट सकती है तो बाकी देश और दूसरे तबकों के साथ क्या नहीं हो सकता है। फिर तो कानून का शासन और संविधान किसी का कुछ मतलब नहीं रह जाएगा। और फिर सड़क पर इसी तरह के शोहदों और अराजक तत्वों का राज होगा।
अच्छी बात यह है कि इस घटना के बाद छात्राएं नहीं डरीं और उन्होंने अपना हौसला कायम रखा। इसी का नतीजा है कि वह आज प्रदर्शन के लिए सामने आयीं। उन्होंने रिक्लेम गार्गी का नारा दिया है। यानी पुराना गार्गी कालेज जिसमें छात्राएं बगैर किसी भय के पढ़ायी कर सकती हैं। आपको बता दें कि गार्गी कॉलेज पूरी तरह से छात्राओं का कालेज है। यहां छात्र नहीं पढ़ते हैं। ऐसे में यह सबसे बड़ा सवाल बन जाता है कि आखिर उन गुंडों को कैसे परिसर में घुसने की इजाजत दी गयी। और अगर वे जबर्दस्ती प्रवेश किए तो पुलिस ने उनको रोका क्यों नहीं। आज जो पुलिस सीसीटीवी फुटेज तलाश रही है वह अब तक चुप क्यों बैठी रही। इस घटना के सामने आने के बाद ही उसने कार्रवाई क्यों नहीं शुरू कर दी।
यह पूरा घटनाक्रम बताता है कि पुलिस पूरे मामले से वाकिफ थी। और जिस तरह से उसने कोई पहल नहीं कि उससे यह बात भी साबित होती है कि कौन लोग इसके पीछे हैं इसकी भी उसको जानकारी थी।