वाराणसी। न्याय के दीप जलाएं-100 दिनी सत्याग्रह आज गांधी जयंती के अवसर पर 22 वें दिन में प्रवेश कर गया। सुबह ठीक 6:00 बजे सर्वधर्म प्रार्थना एवं महात्मा गांधी, विनोबा भावे, लोकनायक जयप्रकाश नारायण एवं लाल बहादुर शास्त्री के फोटो पर माल्यार्पण के साथ सत्याग्रह प्रारंभ हुआ।
आज उपवास पर कर्नाटक के चिक्कबल्लापुरा की नागम्मा व नरसम्मा के साथ लोक समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष गिरजा सतीश, बिहार प्रांतीय महामंत्री शिवजी सिंह, बिहार सर्वोदय मंडल के कार्यकारी अध्यक्ष सत्यनारायण प्रसाद, आशुतोष कुमार, सुभाष दीक्षित, गांधी विद्या संस्थान के पूर्व प्राध्यापक डीएम दिवाकर एवं लेखक संदीप जोशी, कौशल गणेश आजाद भी उपवास पर बैठे हैं।

महात्मा गांधी को याद करते हुए सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पाल ने कहा कि हमारा सत्याग्रह सत्य और अहिंसा की प्रेरणा से चल रहा है। परिसर के अंदर गांधी प्रतिमा पर हम माल्यार्पण करने का प्रयास करेंगे।
उन्होंने उपवास पर बैठे सभी साथियों का अभिनंदन किया और कहा कि हमारे त्याग और तप का नतीजा सकारात्मक होगा। हम न्याय के लिए बैठे हैं और विश्वास है कि यह हमें हासिल होगा।
सर्व सेवा संघ का गिराया जाना अवैध है: चंदन पाल
चंदन पाल ने बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं पर चल रही सुनवाई का हवाला देते हुए कहा कि कल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जज के पूछने पर यह स्पष्ट किया कि अपराधी सिद्ध होने पर भी मकान को, संपत्ति को ध्वस्त नहीं किया जा सकता है।
कल की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि हमें सिर्फ नगर निगम कानून के दुरुपयोग की चिंता है। यदि वह ढांचे कानून का उल्लंघन करते हैं और केवल एक को गिराया जाता है, तो यह चिंता की बात है।
कानून अनाधिकृत निर्माणों के लिए होना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट की स्पष्टता के बाद यह प्रमाणित हो जाता है कि सर्व सेवा संघ परिसर का ध्वस्तीकरण अवैध है।
क्योंकि सर्व सेवा संघ ने यह जमीन नॉर्दर्न रेलवे से वैध तरीके से खरीदी है और नगर निगम द्वारा अनुमोदित नक्शे के अनुसार निर्माण कराया है। सर्व सेवा संघ नगर निगम को भवनों के टैक्स का भी भुगतान करती रही है।
सत्याग्रह देश बचाने के लिए है: प्रो. दिवाकर
गांधी विद्या संस्थान के पूर्व प्राध्यापक डीएम दिवाकर ने कहा कि विचार किसी संस्थान, किसी बिल्डिंग का मोहताज नहीं होता।
गांधी का विचार पूरी दुनिया को प्रेरित करता है। विनाश की जो कार्यवाई हुई है उसकी क्षतिपूर्ति सरकार को करनी होगी। यह सत्याग्रह भवन के लिए नहीं है देश बचाने के लिए है।
आज लोकतंत्र नहीं, तंत्र का लोक है पर तानाशाही को जब लोकतंत्र का जवाब मिलता है तब वह कहीं का नहीं रहता।

अन्याय को सहन करना पुरखों के साथ विश्वासघात है: अधिवक्ता प्रेम प्रकाश
सत्याग्रह स्थल पर आयोजित सभा को प्रेम प्रकाश यादव ने संबोधित करते हुए कहा कि किसी की भी बेदखली की एक कानूनी प्रक्रिया होती है जिसका यहां पालन नहीं किया गया।
सर्व सेवा संघ पर हमला नहीं है यह संविधान पर हमला है देश पर हमला है इसे किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जा सकता। अन्याय को सहन करना आत्मघात और पुरखों के साथ विश्वासघात होगा।
देश में बुलडोजर कानून नहीं चलेगा: संजीव सिंह
सुप्रीम कोर्ट में बुलडोजर एक्शन पर चल रहे मुकदमे के फैसले के तुरंत बाद सर्व सेवा संघ को पुनःअपील करना चाहिए।
सत्य जिसके साथ है वह कभी मिट नहीं सकता। सर्व सेवा संघ सत्य के साथ उसे कोई नहीं मिटा सकता।
सरकार गांधी जी का नकली चश्मा पहने हुए हैं। एक आंख से सांप्रदायिकता देखती हैं और दूसरी आंख से तानाशाही।
20वीं सदी के महानायक का आज जन्मदिन है : विद्याधर
आरएसएस जनता को कंगाल और लाचार बना देना चाहती है, लोकतंत्र को समाप्त करना चाहती है। उनका दिमाग खराब है।
उन्हें पता नहीं है कि गांधी की ताकत क्या है। वे आज मदहोश हैं। 2024 में इन्हें सबक मिला है पर वे सुधारने के लिए तैयार नहीं हैं।
एक दिन अन्याय का अंत होगा ही। इस देश की असली लड़ाई लोकतंत्र की रक्षा का है।

संपत्ति का संबंध राजनीति से तय होता है: अफलातून
विनोबा जी का जमीन मांग कर भूमिहीनों में वितरित करने का अद्भुत और क्रांतिकारी काम किया है। बोधगया में मठ के भूमि केंद्रीकरण के खिलाफ संघर्ष वाहिनी का आंदोलन चला था।
नक्सलवादियों ने भी हिंसा के द्वारा जमीन के सवाल को उठाया। आरएसएस का तरीका है संपत्ति पर अनैतिक तरीके से कब्जा करो।
यह केंद्र भूदान आंदोलन का कार्यालय सर्व सेवा संघ राजघाट में था। रेलवे से यहां पानी की आपूर्ति होती थी।
सर्व सेवा संघ पर अवैध कब्जा आरएसएस के ऊपर और एक कलंक है: प्रो. आनंद कुमार
हम मानने वाले नहीं, हम झुकने वाले भी नहीं है। यह सत्याग्रह अपने लक्ष्य को हासिल करने तक जारी रहेगा। सत्ता जब अहंकार से ग्रस्त हो जाती है तब वह न तो सत्य को सुन पाती है न ही देख पाती है।
लेकिन सत्ता की इस बीमारी को जनता ठीक कर देती है और 2024 में यही खुराक दी गई। थोड़ी कसर रह गई नहीं तो बीमारी पूरी तरह ठीक हो जाती। दवा का डोज बढ़ाने की जरूरत है।
सत्याग्रह ही असली दवा है। सत्याग्रही के अंदर जितना साहस होता है सत्ता में उतना ही डर होता है।

महात्मा गांधी जयंती के अवसर पर सत्याग्रह स्थल से सर्वोदय जगत का डिजिटल स्वरूप का लोकार्पण किया गया।
नीति भाई, गिरजा सतीश, प्रो आनंद कुमार, चंदन पाल, रंजू सिंह, नंदलाल मास्टर, अशोक भारत, संजीव सिंह की उपस्थिति में यह कार्य संपन्न हुआ।
सत्याग्रह में बिहार,रोहतास के भोलानाथ सिंह, मथुरा सिंह, काशीनाथ सिंह, वशिष्ठ पासवान, रामजनम, बिक्की, सुभाष सिंह, सुरेश, विद्याधर, अनिता, मनीषा, रंजू सिंह, सोनी, रचना, पूनम, मैनब बानो, राजकुमारी, सिस्टर फ्लोरिन, अरविंद अंजुम आदि शामिल हुए हैं।
(प्रेस विज्ञप्ति)
Madhusudan