सोनीपत। एनआईए ने 30 अगस्त को देश के अलग-अलग हिस्सों में सामाजिक और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के घरों पर रेड की थी। इस कड़ी में सोनीपत बार के एडवोकेट पंकज त्यागी के घर पर भी छापा मारा गया। लगभग 6 घंटे तक पूछताछ की गई। और सोनीपत के ही गन्नौर के एडवोकेट अजय कुमार को भी एनआईए ने गिरफ्तार किया है।
बुधवार को नागरिक अधिकार मंच के बैनर तले श्रद्धानंद सोलंकी के नेतृत्व में पंचायत भवन से सोनीपत डीसी ऑफिस तक प्रदर्शन किया गया।
इस दौरान डीसी ऑफिस पर हुई सभा में कामरेड ईश्वर सिंह राठी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अन्याय और शोषण के खिलाफ बोलने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं को डराने-धमकाने के लिए यह सब किया जा रहा है। भगत सिंह बल्हारा ने कहा कि यह जनता की आवाज को दबाने का प्रयास है। यह लोकतंत्र की हत्या है।
इस दौरन नागरिक अधिकार मंच सोनीपत उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति भारत सरकार को एक ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में कहा कि “हम जिला सोनीपत, हरियाणा के निवासी आपके संज्ञान में यह लाना आवश्यक समझते हैं कि गत 30 अगस्त को सुबह-सुबह केन्द्रीय एजेंसी एनआईए द्वारा सोनीपत के एडवोकेट पंकज त्यागी के घर पर रेड की गई और कई घंटे तक उनके घर की तलाशी ली गई”।
“उनके दो फोन जब्त करके उन्हें सेक्टर 27 के थाने ले जाया गया और 9 सितंबर को उन्हें लखनऊ में पेश होने के लिए कहा गया है। हम यह भी आपकी जानकारी में लाना चाहते हैं कि पंकज त्यागी जी कई सालों से हृदय रोग से पीड़ित हैं, जिससे वह कोर्ट में पेश होने समेत सामाजिक कार्य में भी हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं”।
“इस बीमारी की हालत में यदि उनको लखनऊ जाना पड़ता है, तो यह उनकी जिंदगी के लिए खतरे की बात हो सकती है। इसके अलावा पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय के एडवोकेट अजय कुमार को भी गिरफ्तार किया गया है।”
ज्ञापन में आगे कहा है कि “सरकार की इस तरह की दमनात्मक कार्रवाई करने के पीछे यह बात साफ झलकती है कि आम लोग अपनी समस्याओं को लेकर जब आंदोलन का रास्ता लेते हैं तो जनता की आवाज को दबाने व कुचलने के मकसद से पुलिस या एनआईए जैसी एजेंसियों द्वारा उन पर मनमाने ढंग से झूठे मुकदमे बनाकर उन्हें जेल में डाल दिया जाता है”।
“ऐसे पीड़ितों की पैरवी अदालतों में कोई भी एडवोकेट ना कर सकें, इस मकसद से वकीलों में भी दहशत पैदा की जा रही है। पहले ही सरकार ईडी, सीबीआई जैसी संस्थाओं का विपक्ष के खिलाफ लगातार उपयोग कर रही है। एक तरफ, भारत के प्रधानमंत्री विदेश में जाकर दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र होने का दावा कर रहे हैं और दूसरी तरफ, सामाजिक कार्यकर्ताओं व न्याय दिलाने वालों के खिलाफ ही दमनात्मक कार्रवाई की जा रही है।”
राष्ट्रपति को संबोधित पत्र में लिखा है कि “ज्ञात रहे, आम जनता की बुनियादी समस्याओं की निरन्तर अनदेखी करने की स्थिति में प्रभावित लोगों को मजबूरन आंदोलन का रास्ता लेना पड़ता है। जनसाधारण भयंकर बेरोजगारी और रिकॉर्ड तोड़ महंगाई से त्रस्त हैं”।
“हर तरफ भ्रष्टाचार फैला हुआ है, अपराध बढ़ते जा रहे हैं, महिलाओं, यहां तक छोटी-छोटी बच्चियों के साथ बलात्कार करके हत्या कर दी जाती है। सारे देश में ही आए दिन ऐसी दुखदाई शर्मनाक घटनाएं घट रही हैं। ऐसी स्थिति में अन्याय, जुल्म, शोषण के खिलाफ आवाज उठाने के अलावा लोगों के पास अन्य कोई उपाय नहीं बचता है”।
“इन शोषित, पीड़ित लोगों की न्यायालय में भी पैरवी करने के लिए कोई एडवोकेट हिम्मत ही ना कर सके, इस वजह से एनआईए के माध्यम से उनमें डर बिठाया जा रहा है और आम जनता को भी डराया जा रहा है।”
माननीय राष्ट्रपति जी, देश के सर्वोच्च पद पर होने के नाते हम आपसे पुरजोर प्रार्थना करते हैं कि एडवोकेटों के खिलाफ केन्द्रीय एजेंसी एनआईए की उपरोक्त दमनात्मक कार्रवाइयों पर रोक लगाई जाए और इस तरह की साजिश करने के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
प्रदर्शन छोटूराम धर्मशाला से शुरू होकर बार एसोसिएशन से होते हुए डीसी आफिस तक पहुंचा। इस मौके पर श्रद्धानंद सोलंकी, समालखा से पीपी कपूर, प्रवेश, विमल किशोर, संजय कुमार, एडवोकेट कपिल देव, नरेंद्र बल्हारा, योगेश, सचिन, शीलकराम मलिक, अभिषेक, राजीव वर्मा आदि मौजूद रहे।
(प्रेस विज्ञप्ति)