सत्तामद में चूर शासन को सुधारना है: शिवचरण ठाकुर

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वाराणसी। न्याय के दीप जलाएं- 100 दिनी सत्याग्रह आज अपने 39 वें पायदान पर पहुंच गया। सत्याग्रह के क्रम में आज अकोला, महाराष्ट्र के केलीबेली ग्रामदानी गांव के रहने वाले 72 वर्षीय डॉ. शिवचरण सिंह ठाकुर उपवास पर बैठे हैं। वे 2 जनवरी 1972 को तरुण शांति सेना में शामिल हुए थे। दिवंगत रामकृष्ण आड़े की प्रेरणा से सर्वोदय आंदोलन से जुड़े। स्वतंत्रता सेनानी रामकृष्ण ने अपनी 18 एकड़ जमीन भूदान में दी थी और उनके प्रयास से सामूहिक जीवन को अपनाते हुए केलीवेली गांव ने स्वयं को ग्रामदानी गांव घोषित किया।

शिवचरण ने प्रारंभिक दौर में जिला सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष के रूप में समाज परिवर्तन के लिए अपना योगदान दिया। इसके बाद विदर्भ पश्चिम के संगठन विस्तार के लिए महाराष्ट्र प्रदेश सर्वोदय मंडल की ओर से उन्हें संघटक की जिम्मेवारी सौंपी गई। वे विदर्भ भूदान बोर्ड के मेंबर भी रहे। महात्मा गांधी लोक सेवा संघ, पुणे के मंत्री के रूप में अपनी सेवा दी। गांधी जी की प्रेरणा से सेवाग्राम में स्थापित नई तालीम समिति में सह मंत्री के रूप में 12 वर्षों तक कार्यभार संभाला।

कालक्रम में महाराष्ट्र सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष के रूप में 4 वर्षों तक अपनी भूमिका निभाई। वर्तमान में महाराष्ट्र ग्रामदान नवनिर्माण समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। साहित्य के प्रचार के लिए अकोला में सर्वोदय बुक स्टाल का संचालन भी करते हैं।

सरकार जब न्याय और कानून के रास्ते से हटकर मनमानी के रास्ते पर चलने लगती है तब समाज के रचनात्मक शक्ति को जागृत करने का एक ही रास्ता है- सत्याग्रह। सर्व सेवा संघ परिसर का विध्वंस सिर्फ बिल्डिंगों का विध्वंस नहीं है बल्कि विचारों, परंपराओं और कानून का भी विध्वंस है। सर्व सेवा संघ की खरीदी हुई जमीन पर नगर निगम द्वारा अनुमोदित नक्शे के अनुसार भवनों का निर्माण कराया गया था जिसे 62 वर्ष बाद बिना अदालत के आदेश के गिरा दिया गया है। इसका सुधार आवश्यक है जो सत्याग्रह से संभव है। सत्याग्रह शांति का रास्ता है। गलत को सही रास्ते पर लाने का सात्विक उद्यम है। हम सत्ता के मद में चूर मतवाले शासन को सही रास्ते पर लाने के लिए यह उपवास कर रहे हैं। हम जरुर सफल होंगे।

आज सत्याग्रह में शामिल होने के लिए सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पाल वाराणसी पहुंच गए हैं। सत्याग्रह में शिवचरण ठाकुर के अलावा अलख भाई, उमेश शर्मा, प्रो सोमनाथ रोड़े, जुहेब जॉनी, अरविंद कुशवाह, रामधीरज, अरविंद अंजुम, शिवजी माडे, नंदलाल मास्टर, शक्ति कुमार, ईश्वर चंद्र, राहुल कुमार, पूनम, जोखन सिंह यादव, ओमप्रकाश, मिश्री लाल यादव, राजेंद्र प्रसाद यादव, सुरेंद्र नारायण सिंह, अशोक भारत, नंदलाल मास्टर, तारकेश्वर सिंह, पंकज, रामधीरज, महेंद्र आदि भी सत्याग्रह शामिल हुए।

(प्रेस विज्ञप्ति)

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