हरिद्वार हेट कान्क्लेव मामले पर सवाल पूछने पर केशव मौर्या भड़के, बीबीसी पत्रकार का मास्क नोचकर करवाया वीडियो डिलीट

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बीबीसी के रिपोर्टर अनंत झणाणे से एक इंटरव्यू में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव मौर्या उलझ गये। उनके चेहरे से मास्क नोच लिया और बॉडीगार्ड बुलाकर वीडियो डिलीट करवा दिया।

दरअसल बीबीसी के रिपोर्टर अनंत झणाणे ने केशव मौर्या से पूछा कि हरिद्वार में धर्म संसद में मंच से दिए गए हिंसा भड़काने वाले बयानों के बाद सूबे के मुख्यमंत्री चुप रहते हैं तो ऐसे बयान देने वालों को और बढ़ावा मिलता है और उनके हौसले और बढ़ते हैं। क्या आप लोगों को बयान देकर लोगों को आश्वस्त नहीं करना चाहिए कि आप किसी धर्म विशेष के ख़िलाफ़ नहीं हैं? जब उप-मुख्यमंत्री मौर्य से बीबीसी रिपोर्टर ने पूछा कि यति नरसिंहानंद गाज़ियाबाद के हैं, अन्नपूर्णा अलीगढ़ की हैं, ये लोग जिस तरीके का माहौल बना रहे हैं उन पर कार्रवाई क्यों नहीं होती?

इसके जवाब में मौर्या ने कहा, “कोई माहौल बनाने की कोशिश नहीं करते हैं, जो सही बात होती है, जो उचित बात होती है, जो उनके प्लेटफ़ॉर्म में उनको उचित लगती है, वो कहते होंगे, आप ऐसे सवाल लेकर आ रहे हैं जो राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े हुए नहीं हैं। उन चीज़ों को मैंने देखा भी नहीं है जिस विषय की आप मुझसे चर्चा कर रहे हैं लेकिन जब धर्माचार्यों की बात करो, तो धर्माचार्य केवल हिन्दू धर्माचार्य नहीं होते हैं, मुस्लिम धर्माचार्य भी होते हैं, ईसाई धर्माचार्य भी होते हैं। और कौन-कौन क्या बातें कर रहा है उन चारों बातों को एकत्र करके सवाल करिए। मैं हर सवाल का जवाब दूंगा। आप विषय पहले बताते तो मैं तैयारी करके आपको जवाब देता”।

जब बीबीसी पत्रकार ने उन्हें भारत-पाक क्रिकेट मैच जैसे मामलों में राजद्रोह लगाए जाने की मिसाल याद दिलाई गई तो उन्होंने सवाल ख़त्म होने से पहले ही कहा, “राष्ट्रद्रोह अलग विषय है, आप राष्ट्रद्रोह को और जो लोगों के मौलिक अधिकार हैं, उससे मत जोड़ें। भारत में रहकर अगर कोई पाकिस्तान ज़िंदाबाद का नारा लगाएगा तो नहीं सहन किया जाएगा। वो निश्चित तौर पर देशद्रोही की श्रेणी में आएगा। उसके खिलाफ़ ज़रूर कर्रवाई की जाएगी। लेकिन यह जो धर्म संसद होती है सभी धर्माचार्यों की होती है, सभी संप्रदाय की होती है, सबकी होती है। उनको जो अपनी बात कहनी है वो कहते हैं”।

इसके जवाब में केशव मौर्या ने बीबीसी पत्रकार से कहा कि “भाजपा को प्रमाणपत्र देने की आवश्यकता नहीं है। हम सबका साथ सबका विकास करने में विश्वास रखते हैं। धर्माचार्यों को अपनी बात अपने मंच से कहने का अधिकार होता है। आप हिन्दू धर्माचार्यों की ही बात क्यों करते हो? बाकी धर्माचार्यों के बारे में क्या क्या बयान दिए गए हैं।उनकी बात क्यों नहीं करते हो”।

केशव मौर्या ने आगे कहा कि – “जम्मू-कश्मीर से 370 हटने के पहले वहां से कितने लोगों को पलायन करना पड़ा, इसकी बात क्यों नहीं करते हो? आप जब सवाल उठाओ तो फिर सवाल सिर्फ़ एक तरफ़ के नहीं होने चाहिए, धर्म संसद भाजपा की नहीं है, वो संतों की होती है। संत अपनी बैठक में क्या कहते हैं, क्या नहीं कहते हैं, यह उनका विषय है। “

इस पर जब बीबीसी पत्रकार अनंत झणाणे ने कहा कि यह मामला चुनाव से जुड़ा हुआ है, इस पर उप-मुख्यमंत्री केशव मौर्या भड़क गए और उन्होंने रिपोर्टर से कहा कि आप पत्रकार की तरह नहीं, बल्कि किसी के “एजेंट” की तरह बात कर रहे हैं, इसके बाद उन्होंने अपनी जैकेट पर लगा माइक हटा दिया। उन्होंने बातचीत वहीं रोक दी और कैमरा बंद करने के लिए कहा। उसके बाद उन्होंने बीबीसी रिपोर्टर का कोविड मास्क खींचा और सुरक्षाकर्मियों को बुलाकर जबरन वीडियो डिलीट करा दिया।

इससे पहले अनंत झणाणे ने जब केशव मौर्या से पूछा कि भाजपा अपने प्रचार में जब माफ़िया के ख़िलाफ़ करवाई का ज़िक्र करती है तो वो सिर्फ़ अतीक अहमद, मुख़्तार अंसारी और आज़म खान का नाम क्यों लेती है, और विकास दुबे का नाम नहीं लेती?

तो इसके जवाब में केशव मौर्य ने कहा था कि, “जिसके नाम से आम आदमी डरता हो, वो व्यक्ति कौन है? जो इस समय राजनीति के अंदर अपराधीकरण के साक्षात स्वरूप हैं, जिनका नाम आप ले रहे हैं। पुलिस के साथ मुठभेड़ हुई उसमें विकास दुबे मारे गए। वो घटना थी और उसका जवाब पुलिस वालों ने दिया”।

बीबीसी कैमरामैन ने रिकवर किया डिलीट वीडियो

बीबीसी कैमरामैन ने डिलीट कर दिए गए वीडियो को रिकवर करने में कामयाबी हासिल की, दोनों कैमरों से वीडियो डिलीट हो चुका है इसकी तसल्ली केपी मौर्या के सुरक्षाकर्मियों ने कर ली थी, लेकिन कैमरे के चिप से वीडियो को रिकवर किया जा सका है।

बीबीसी ने इस घटना पर गंभीर एतराज़ ज़ाहिर करते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और राज्य के मुख्यमंत्री को आधिकारिक तौर पर एक शिकायत भेजी है, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है।

(जनचौक ब्यूरो की रिपोर्ट।)

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