किसान आंदोलनः देश भर में हुआ उपवास, यूपी में प्रदर्शन कर रहे कांग्रेसी गिरफ्तार

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किसान आंदोलन के समर्थन में आज पूरे देश ने दोपहर का भोजन नहीं किया। तमाम कंपनी-कारखाना संगठित-असंगठित मजदूरों के साथ ही पूरा देश ही किसानों के साथ खड़ा नजर आया। कल भारतीय किसान यूनियन के नेता हरिंदर सिंह लखोवाल ने अपील की थी कि किसान संगठनों की बैठक में यह फैसला लिया गया है कि 23 तारीख को हम एक वक्त का खाना नहीं खाएंगे, जबकि आंदोलन की अगली कड़ी में 26 और 27 तारीख़ को दूतावासों के बाहर किसान, विरोध प्रदर्शन करेंगे।

इसके अलावा भारतीय किसान यूनियन के नेता हरिंदर सिंह लखोवाल ने 27 दिसंबर का प्लान बताते हुए कहा है कि 27 तारीख को प्रधानमंत्री ने जो मन की बात का कार्यक्रम रखा है उसका हम थालियां बजा कर विरोध करेंगे।

गाजीपुर बॉर्डर पर हवन
जबकि पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती पर गाज़ीपुर बॉर्डर पर किसानों द्वारा ‘हवन’ किया गया। बता दें कि गाज़ीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए किसानों को आज 26 दिन हो गए हैं।

इसके अलावा किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण नोएडा और गाज़ियाबाद से दिल्ली की ओर आने वाला चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर पूरी तरह बंद है। खुद दिल्ली पुलिस ने इस बात की जानकारी दी है।

पंजाब के शिक्षा मंत्री बैठे भूख हड़ताल पर
पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला आज बुधवार 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस के अवसर पर केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ संगरूर में दाना मंडी में भूख हड़ताल पर बैठे। इस दौरान सिंगला ने कहा,  “मैं किसान दिवस के अवसर पर अपने किसानों और आढ़तियों की मांगों के समर्थन में और भाजपा की केंद्र सरकार के क्रूर खेती कानूनों के विरुद्ध भूख हड़ताल पर बैठा हूं।”

उधर, आज किसान दिवस के मौके पर किसानों के समर्थन में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा उत्तर प्रदेश में भाजपा नेताओं के दफ्तरों और घरों का घेराव करने की कोशिश की गई, जिसके चलते यूपी पुलिस ने सैकड़ों कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया, जबकि यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को हाउस अरेस्ट में रखा गया है। इससे पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ताली और थाली बजाकर कृषि क़ानून के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन दर्ज किया था।

थाली बजाते हुए उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा है, “हाउस अरेस्ट इस ठंड के ठिठुरन में किसान लगभग 28 दिनों से सड़कों पर है। भाजपा सरकार किसानों का दमन कर रही है। आज लखनऊ में बहुखंडी स्थित भाजपा विधायकों-मंत्रियों के आवास पर ताली-थाली बजाकर सरकार का विरोध किया।”

वहीं आज किसान दिवस (पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह) के जन्म दिवस पर उनके पौत्र और रालोद नेता जयंत चौधरी और अजीत चौधरी को श्रद्धांजलि सभा आयोजित करने से मना कर दिया गया। डिप्टी पुलिस कमिश्नर कार्यालय की ओर से एक पत्र भेज कर कोरोना का हवाला देकर किसान घाट पर श्रद्धांजलि देने से मना कर दिया गया। दिल्ली पुलिस द्वारा किसान घाट पर श्रद्धांजलि सभा को अनुमति नहीं दिए जाने के बावजूद जयंत चौधरी ने किसान घाट पहुंचकर पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को श्रद्धांजलि दी।

इससे पहले रालोद नेता जयंत चौधरी ने अपना क्षोभ प्रकट करते हुए ट्विटर पर लिखा है, “महान नेता चौधरी साहब के जयंती पर श्रद्धांजलि देने की अनुमति नहीं मिली है! न्यू इंडिया का लोकतंत्र!!”

बता दें कि राष्ट्रीय लोक दल (RLD) ने 16 दिसंबर को पत्र लिखकर राष्ट्रीय लोक दल (RLD) ने दिल्ली पुलिस से 23 दिसंबर को किसान घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती पर श्रद्धासुमन अर्पित करने की अनुमति मांगी थी। राष्ट्रीय लोक दल की ओर से यह अनुमति सुबह साढ़े सात बजे से साढ़े 10 बजे के लिए मांगी गई थी, जिसे आज सुबह दिल्ली पुलिस ने यह अनुमति देने से इनकार कर दिया। डिप्टी कमिश्नर कार्यालय की ओर से जारी पत्र में कोरोना संकट को देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइंस का हवाला देते हुए अनुमति देने से इनकार कर दिया गया।

वहीं तृणमूल कांग्रेस के पांच सांसद डेरेक ओ ब्रायन, सताब्दी राय, प्रसून बनर्जी, प्रतिमा मंडल, और मोहम्मद नदीमुल हक़ आज सिंघू बॉर्डर पर किसानों से मिलने पहुंचे। इससे पहले आठ दिसंबर को भी टीएमसी के सासंद आंदोलनकारी किसानों से मिलने सिंघू बॉर्डर पहुंचे थे और किसान नेताओं की फोन पर ममता बनर्जी से बात भी करवाई थी।

(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)

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