कोशी नव निर्माण मंच 350 गांवों की समस्या को लेकर 30 जनवरी से करेगा सत्याग्रह पद यात्रा

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पटाना। कोशी नव निर्माण मंच ने महात्मा गांधी के बलिदान दिवस 30 जनवरी से करीब 350 गांव के लोगों की जन समस्याओं को लेकर पदयात्रा निकालने की घोषणा की है। दशकों से उपेक्षित और अपने मूल अधिकारों से वंचित कोसी नदी के तटबंधों के भीतर रहने वाले लोगों के हक के लिए इस पदयात्रा की रणनीति बनाई गई है।

पदयात्रा को लेकर गांव गांव जाकर संवाद किया जा रहा है। इस पदयात्रा की मीटिंग की शुरुआत सुपौल के व्यापार संघ में आयोजित मीटिंग से की गई थी। जहां कोशी नव निर्माण मंच के संयोजक महेंद्र यादव बताते हैं कि, “कोसी तटबंध के भीतर रह रहे लोगों की समस्या के निराकरण के लिए यह पद यात्रा अत्यंत जरूरी है। ताकि संसद और पत्रकारों के बीच हमारे दर्द को भी बताया जाए।”

उन्होंने कहा कि “इस पदयात्रा के माध्यम से तटबंध के भीतर गांव में बाढ़ एवं कटाव की पीड़ा झेलने वाले सभी पुनर्वास से वंचित परिवारों को सर्वे कराकर नए सिरे से पुनर्वास दिलाने, लापता कोशी पीड़ित विकास प्राधिकार को एक्टिव कर उसके सभी कार्यक्रमों को लागू कराने, तटबंध के भीतर की जमीन का बाहरी जमीन की दर से मुआवजा दिलाने की मांग की जाएगी।

साथ ही सर्वे के नाम पर हुए धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाते हुए सभी रैयतों के नाम जमीन का मालिकाना हक दर्ज कराते हुए कर मुक्ति एवं बर्बाद हो रही जमीन की भरपाई को लेकर कानून बनाने सहित कोशी की समस्या का वैज्ञानिक तथ्य आधारित सामुदायिक एवं जनपक्षीय समाधान का मुद्दा उठाने का चार सूत्रीय प्रस्ताव सर्व सहमति से पारित किया गया है।”

सत्याग्रह पद यात्रा सुपौल स्थित बैरिया मंच से निकलेगी। फिर गांधी मैदान सुपौल में सभा आयोजित की जाएगी। सभा की भीड़ पूर्वी तटबंध पर बढ़ते हुए बकौर, हेमपुर, केदली, नौहट्टा, बलुआहा, महिषी को पार करते हुए कोशी पुल पर पहुंचेगी।

पदयात्रा में शामिल लोग प्रखर समाजवादी नेता, स्वतंत्रता सेनानी व महिषी के पूर्व विधयाक स्वर्गीय परमेश्वर कुंवर की 102वीं जयंती समारोह में उनके पैतृक गांव तरही जायेंगे और उनके कोशी के प्रति किए गए कामों व स्मृतियों को नमन कर कोशी की लड़ाई के संकल्प को दुहरायेंगे।

फिर वहां से पश्चिमी तटबंध पर घोंघेपुर होते हुए इटहर, कुशेश्वर में जनसभा आयोजित करते हुए यात्रा राजघाट पर करेह नदी पार करेगी। वहां से रोसड़ा, दलसिंह सराय, मोहिउद्दीन नगर, महनार, बिदूपुर, हाजीपुर होते 12 फरवरी को राजधानी पटना में पूरी पदयात्रा का संदेश सत्याग्रह में तब्दील हो जायेगी।

2023 के 23 और 24 फरवरी को एन सिन्हा इंस्टिट्यूट के सभागार में कोशी नवनिर्माण मंच की पहल पर कोसी कन्वेंशन का आयोजन किया गया था। जिसमें कोशी नदी घाटी जन आयोग की रिपोर्ट जारी की गई। सुप्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर भी इस आयोजन में शामिल हुई थीं।

कोशी जन आयोग की रिपोर्ट में कोसी नदी के इतिहास, नदी के नियंत्रण से उपजी जनसमस्या, सरकारी नीतियों की आलोचनात्मक समीक्षा के साथ-साथ कोशी की समस्याओं के वैकल्पिक समाधानों पर गंभीर चर्चा के साथ सकारात्मक सुझाव हैं।

इस रिपोर्ट को उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के अलावा कई पार्टियों के नेताओं को दिया गया था। लेकिन कोई सकारात्मक कदम सरकार की तरफ से नहीं उठाया गया है। कोसी पर शोध कर रहे राहुल यादुका के मुताबिक मानव विकास सूचकांक की रिपोर्ट के मुताबिक 50 साल पहले भारत की तस्वीर आज की कोशी की तस्वीर है।

कोसी नवनिर्माण मंच ने तटबंध के भीतर और बाहर के लोगों के रोजमर्रा के सवालों के साथ नदी, पर्यावरण और ग्लोबल वार्मिंग जैसी भविष्य की चुनौतियों को समझते हुए एक व्यापक पहल करते हुए इस पदयात्रा की घोषणा की है।

(राहुल कुमार गौरव की रिपोर्ट।)

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